जम्मू-कश्मीर: पूर्व IAS शाह फैसल 9 महीने बाद रिहा, PSA भी हटाया गया
पूर्व आईएस शाह फैसल (Shah Faisal) पर फरवरी 2020 में पीएसए लगाया गया था. उन्हें पिछले साल 13 अगस्त को दिल्ली एयरपोर्ट से इस्तांबुल के लिए पकड़ने के दौरान हिरासत में लिया गया था.
श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल (Shah Faisal) को 9 महीने बाद रिहा कर दिया गया है. साथ ही शाह फैसल पर लगाया गया जन सुरक्षा कानून (PSA) भी हटा दिया गया है. केंद्र सरकार ने पिछले साल 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा वापस लेकर उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था, जिसके बाद मुख्यधारा के कुछ नेताओं समेत पूर्व आईएएस शाह फैसल को पीएसए कानून के तहत हिरासत में ले लिया गया था. तब से ही वह लगातार नजरबंद थे.
पूर्व आईएस और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (JKPM) के प्रमुख शाह फैसल पर फरवरी 2020 में पीएसए लगाया गया था. पिछले साल 13 अगस्त को जब फैसल दिल्ली एयरपोर्ट से इस्तांबुल के लिए उड़ान पकड़ने जा रहे थे, उसी दौरान उन्हें हिरासत में ले लिया गया था. इसके बाद उन्हें वापस श्रीनगर ले जाया गया और नजरबंद कर दिया गया. करीब महीने बाद फैसल पर PSA लगा दिया गया.
साल 2009 में UPSC टॉपर रहे थे शाह फैसल
भारतीय प्रशासिनक सेवा से इस्तीफा देने के बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व नौकरशाह शाह फैसल ने जम्मू एंड कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट पार्टी (Jammu and Kashmir Peoples Movement Party) का गठन किया था. शाह फैसल 2009 में यूपीएससी (UPSC) में टॉपर रहे थे. इसी साल जनवरी में उन्होंने अपनी नौकरी से इस्तीफा देकर राजनीति जॉइन की थी. मार्च में उन्होंने अपनी पार्टी जम्मू एंड कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट लॉन्च की थी.
करीब 8 महीने बाद रिहा हुए थे उमर उब्दुल्ला
इससे पहले करीब 8 महीने बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला को रिहा किया गया था. अब्दुल्ला को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के साथ ही हिरासत में ले लिया गया था. करीब 8 महीने अपने निवास में कैद रहने के बाद 24 मार्च को उन्हें रिहा कर दिया गया. रिहा होने के बाद उमर अब्दुल्ला ने महबूबा मुफ्ती समेत अन्य नेताओं की रिहाई की मांग की थी.
अभी भी हिरासत में महबूबा मुफ्ती
बता दें कि अभी भी जम्मू-कश्मीर के कई नेता हिरासत में हैं. जिनमें पूर्व सीएम और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, नेशनल कॉन्फ्रेंस के महासचिव अली मोहम्मद सागर और पूर्व मंत्री नईम अख्तर भी शामिल हैं.