पंजाब सरकार ने नियमों को दरकिनार कर बढ़ाई मेडिकल कालेजों की फीसे, छात्रों के साथ आईएमए सदस्यने जताया विरोध

-सरकार से हर वर्ग के छात्रों की पहुंच तक शिक्षा के प्रभावी बनाने के लिए कदम उठाने की मांग

बठिंडा . मानिवाधिकार कार्यकर्ता व आईएमए के स्थायी सदस्य डा.वितुल कुमार गुप्ता ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में गठित कमेटी की तरफ से निजी मेडिकल के साथ-साथ सरकारी तौर पर कालेजों में किए जाने वाले एमबीबीएस कोर्स के शुल्क में काफी वृद्धि करने के फैसले का विरोध जताया है। डा. वितुल गुप्ता ने कहा कि यह पंजाब प्राइवेट हेल्थ साइंसेज एजुकेशनल इंस्टीच्यूट के लिए बने रेग्युलेशन ऑफ एडमिशन, फिक्स फिक्सेशन एंड मेकिंग ऑफ रिजर्वेशन ऑफ रेगुलेशन एक्ट 2006 में रखे प्रावधानों व नियमों के विपरित है।

  • सभी निजी मेडिकल कॉलेज और विश्वविद्यालय अब छात्रों की खुलकर लूट करेंगे व सामान्य वर्ग के लोगों के लिए मेडिकल शिक्षा हासिल करना मुश्किल ही नहीं बल्कि असंभव हो जाएगा। इससे केवल प्राइवेट मेडिकल कालेज चला रहे लोगों की जेबें भरी जा रही है। इस नीति से काबिल लोगों की बजाय आर्थिक तौर पर मजबूत लोगों को आगे लाने की कोशिश की जा रही है।
  • वही मेडिकल कालेज भी डाक्टरी पेशे में गुणवत्ता की बजाय पैसा कमाने की होड़ को लेकर काम कर रहे हैं जो देश और समाज के साथ मेडिकल शिक्षा जगत के लिए बड़े खतरे की घंटी है। डा. गुप्ता ने कहा कि कोविड महामारी ने स्वास्थ्य देखभाल में व्याप्त कमियों को पहले ही उजागर किया है और हर विशेषज्ञ ने सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल को मजबूत करने के लिए अपनी राय दी है व सरकार को प्राइवेट क्षेत्र में सुधार लाने के लिए कहा है।

कोरोना जैसे संकट के दौरान सरकार को सलाह दी गई है कि वह शिक्षा में चिकित्सा शिक्षा में निवेश करने, शोध करने और उसे विकसित करने की तरफ ध्यान दे लेकिन इस बात का साथ में ध्यान रखा जाए कि कम लागत वाले वेंटिलेटर और कई अन्य उपकरणों के कई मॉडल विकसित करने के लिए मेडिकल छात्रों को उत्साहित किया जाए। यह तभी संभव है जब सरकार मेडिकल शिक्षा को आम लोगों की पहुंच तक लेकर जाए व इसमें बिना कारण बढ़ाई जा रही फीसों को नियंत्रित करे। डा. वितुल गुप्ता ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारे दोनों को स्वास्थ्य सेवाओं और चिकित्सा शिक्षा में अधिक से अधिक निवेश करना चाहिए, जिससे स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे में सुधार होगा, आकर्षक वेतन पैकेज के साथ युवा डॉक्टरों को आकर्षित करना और निजी मेडिकल कॉलेजों में फीस कम करने वाली चिकित्सा शिक्षा को सरकारी सहायता प्रदान करना आज की प्रमुख जरूरते हैं। डॉ. वितुल ने राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि सरकारी और निजी दोनों मेडिकल कॉलेजों में शुल्क कम करने के प्रयास में चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य पर खर्च बढ़ाया जाए।
फोटो सहित-14-डा. वितुल के गुप्ता ।

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