रायपुर. कोरोना संक्रमण के चलते हुए लॉकडाउन का असर पर दिखने लगा है। छत्तीसगढ़ सरकार ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के इस वर्ष मिलने वाले इंक्रीमेंट पर रोक लगा दी है। ऐसा करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य हो गया है। अधिकारियों की विदेश यात्रा पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। इसके साथ राज्य में चल रही पुरानी गैर जरूरी योजनाओं को बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं। नई योजनाओं में उन्हीं पर ही काम होगा, जो जरूरी होंगी। सरकार ने केंद्रीय बजट में मिली योजनाओं की राशि को भी विभागों से 15 जून तक राजस्व में जमा कराने के निर्देश दिए हैं।
वित्त विभाग की ओर बुधवार को जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि देशव्यापी लाॅकडाउन के कारण राज्य सरकार को मिलने वाले राजस्व में बुरा असर पड़ा है। इसके साथ ही इस महामारी के रोकथाम के लिए अतिरिक्त संसाधनों की व्यवस्था तत्काल की जानी है। इसे देखते हुए सरकारी खर्च को सही रूप में विकास कार्यों के लिए खर्च करने की जरूरत है। यह आदेश राज्य के सभी सरकारी विभागों, कार्यालयों के साथ-साथ सभी निगम, मंडल, आयोग, प्राधिकरण, विश्वविद्यालय और अनुदान प्राप्त स्वशासी संस्थाओं पर सामान रूप से 31 मार्च 2021 तक लागू रहेगा।
नए पदों पर रोक, पुरानी भर्ती भी वित्त विभाग की अनुमति से
- राज्य सरकार ने सीधी भर्ती के रिक्त पदों को भरने पर रोक लगा दी है। इसके लिए वित्त विभाग की अनुमति लेनी होगी। हालांकि, लोक सेवा आयोग के माध्यम से भरे जाने वाले और अनुकंपा नियुक्ति के पदों को इसमें शामिल नहीं किया गया है।
- जिन पदों पर अनुमति मिल चुकी है और नियुक्तियां होनी हैं, उनके लिए भी फिर से अनुमति ली जाएगी। साथ ही प्रस्ताव को भेजने के दौरान पदों पर होने वाले वार्षिक वित्तीय भार और पदों को भरने की आवश्यकता का कारण भी बताना होगा।
प्रमोशन होने पर एरियर की राशि का भुगतान भी रोका गया
- विभाग की ओर से प्रमोशन तो होंगे, लेकिन ट्रांसफर को रोकने के लिए उस पद को वहीं अपग्रेड किया जाएगा। पदोन्नति और क्रमोन्नति के लिए दी जाने वाली एरियर की राशि का भी भुगतान अगले आदेश तक रोका दिया गया है। सरकारी विभागों, सार्वजनिक उपक्रमों, निकायों में नए पदों पर रोक लगा दी गई है।
- विशेष परिस्थितियों में वित्त विभाग की अनुमति से ही पदों का सृजन किया जाएगा। विभागों में होने वाले ट्रांसफर भी रोक दिए गए हैं। बहुत जरूरी होने पर पर्सनल खर्च पर ट्रांसफर को प्राथमिकता दी जाएगी।
वीडियो कॉफ्रेंसिंग और वेबिनार से ही होंगी मीटिंग
- विदेश यात्राओं पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। अगर सरकारी कार्य से किसी को जरूरी यात्रा करनी भी पड़े तो बिजनेस क्लास से हवाई यात्रा और ट्रेन से एसी प्रथम श्रेणी का टिकट पर प्रतिबंध होगा।
- विदेश में होने वाली ट्रेनिंग, वर्कशॉप, सेमिनार में सरकारी खर्च पर भाग लेने पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। विभागों की ओर से होटल में होने वाली बैठकों, सेमिनार, कॉफ्रेंस पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। जरूरी होने पर सरकारी भवनों में कार्यक्रम होंगे। वीडियो कॉफ्रेंस और वेबीनार के जरिए मीटिंग होंगी।
पुरानी योजनाओं की समीक्षा कर किया जाएगा बंद
- जो नई योजनाएं बहुत जरूरी हों, चालू वर्ष में उन्हीं के प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजे जाएंगे। पहले से जो योजनाएं चल रही हैं, उनकी समीक्षा कर अनुपयोगी को समाप्त कर दिया जाएगा। वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए नए वाहनों की खरीद पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। केवल आवश्यक सेवाओं के लिए ही वित्त विभाग की अनुमति से वाहन खरीदे जा सकेंगे।
- सरकारी कर्मचारियों को 1 जुलाई 2020 से 1 जनवरी 2021 में मिलने वाले इंक्रीमेंट को अगले आदेश तक रोक दिया गया है। हालांकि जो कर्मचारी जनवरी 2021 और जुलाई 2021 से पहले रिटायर्ड होने वाले हैं, उन पर यह लागू नहीं होगा।
- केंद्रीय योजनाओं में मिली राशि को विभाग बैंक से निकालकर ब्याज सहित 15 जून तक सरकारी कोष में जमा कराएंगे। विभागों की ओर से आवश्यकतानुसार वित्त विभाग की अनुमति से जमा राशि मिलेगी। विभागों के ऐसे खाते जो एक साल से एक्टिव नहीं होंगे, उन्हें भी बंद कराकर राशि राजस्व में जमा करानी होगी।
राज्य के 3.25 लाख कर्मचारी और अधिकारी होंगे प्रभावित
लॉकडाउन के कारण राज्य सरकार की ओर से जारी किए गए इस आदेश का प्रभाव करीब 3.25 लाख अधिकारियों और कर्मचारियों पर पड़ेगा। इससे पहले सरकार कर्मचारियों को मिलने वाले 12 फीसदी डीए को भी रोक चुकी है। वह भी अभी तक लंबित है। हालांकि सरकार के इस आदेश का असर प्रदेश में पदस्थ आईएएस, आईपीएस और आईएफएस पर नहीं पड़ेगा। वर्तमान में राज्य में 154 आईएएस, 113 आईपीएस और 103 आईएफएस पदस्थ हैं।