झूठ बोल रही उद्धव सरकार, नहीं मांगीं 80 ट्रेनें, महाराष्ट्र सरकार पर पीयूष गोयल का आरोप
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि हमने महाराष्ट्र के लिए 145 ट्रेनों का इंतजाम किया और स्टेशनों की जानकारी भी उन्हें दी गई, लेकिन बहुत दुख के साथ बताना पड़ रहा है कि आज 12.30 बजे तक मजदूरों की कोई जानकारी नहीं थी.
- ट्रेन को लेकर महाराष्ट्र और केंद्र सरकार आमने-सामने
- रेल मंत्री ने राज्य सरकार पर लगाया झूठ बोलने का आरोप
नई दिल्ली. प्रवासी श्रमिकों के लिए ट्रेन चलाने के मुद्दे पर केंद्र और महाराष्ट्र सरकार आमने-सामने हैं. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने अब महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि 80 ट्रेन मांगने की बात गलत है. महाराष्ट्र से 65 ट्रेनें खाली लौटी हैं. रेल मंत्री ने इसके साथ ही महाराष्ट्र सरकार पर झूठ बोलने का भी आरोप लगाया है.
I request Maharashtra Government to fully cooperate in ensuring that the distressed migrants are able to reach their homes and bring passengers to Stations in time, and not cause further delays. It will affect the entire network and planning.
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) May 26, 2020
पीयूष गोयल ने कहा कि हमने महाराष्ट्र के लिए 145 ट्रेनों का इंतजाम किया और स्टेशनों की जानकारी भी उन्हें दी गई, लेकिन बहुत दुख के साथ बताना पड़ रहा है कि आज 12.30 बजे तक मजदूरों की कोई जानकारी नहीं थी. आज 5 बजे तक 74 ट्रेन महाराष्ट्र से प्रस्थान करेंगी, लेकिन राज्य सरकार ने 24 ट्रेनों के लिए मजदूरों का इंतजाम किया. रेल मंत्री ने कहा कि राज्य में विभिन्न स्थानों से लगभग 50 ट्रेनें रवाना होने की प्रतीक्षा कर रही हैं. राज्य सरकार की बदइंतजामी के कारण प्रवासी मजदूर वहां पर फंसे हुए हैं.
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49 मिनट बाद चौथा ट्वीट
दरअसल, रविवार को रेल मंत्री पीयूष गोयल ने उद्धव सरकार पर तंज भरे ट्वीट किए थे. पीयूष गोयल ने कहा था कि हम महाराष्ट्र को 125 श्रमिक स्पेशल ट्रेन देने के लिए तैयार हैं. उम्मीद है कि पहले की तरह ट्रेन स्टेशन पर आने के बाद वापस खाली नहीं जाएगी. जितनी ट्रेनें चाहिए, वो उपलब्ध होंगी.
पीयूष गोयल ने आगे कहा कि शिवसेना की सहयोगी पार्टियां ही महाराष्ट्र सरकार की नाकामियां बता रही हैं. वे अपना मतभेद सुलझाएं. चाहे वो शिवसेना, कांग्रेस या एनसीपी हो, ये सभी सरकार में साझेदार हैं. उन्हें जिम्मेदारी लेनी होगी और प्रवासियों को ट्रेन से भेजना होगा.
More than 2.5 hours have passed but still passenger details for 125 planned trains in Maharashtra not received by GM Central Railway from Government of Maharashtra. pic.twitter.com/A4CXFpxKCZ
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) May 24, 2020
इससे पहले रेलवे ने कहा कि महाराष्ट्र से श्रमिकों को निकालने के लिए 125 ट्रेनों की पेशकश की गई थी, लेकिन राज्य सरकार 25 मई को सुबह 2 बजे तक 41 ट्रेनों को ही स्वीकृति दे पाई. रेलवे ने जारी बयान में कहा कि इन 41 ट्रेनों में से भी केवल 39 ही चल सकीं, क्योंकि स्थानीय प्रशासन यात्रियों को स्टेशन तक नहीं पहुंचा सका, और बाद में दो ट्रेनों को कैंसिल करना पड़ा.
16 मिनट बाद फिर 2 ट्वीट
26 मई तक भारतीय रेल ने प्रवासी कामगारों के लिये 3,274 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया, जिनके द्वारा 44 लाख से अधिक यात्रियों को उनके गृहराज्य पहुंचाया गया।
यात्रा के दौरान श्रमिकों के लिये 74 लाख से अधिक निःशुल्क भोजन व 1 करोड़ से अधिक पानी की बोतल भी रेलवे ने उपलब्ध कराई। pic.twitter.com/1KHikCpbyP
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) May 26, 2020