खुशखबरी! भोपाल में पहली बार होम्योपैथिक पद्धति ने दी corona को मात, 3 मरीज हुए स्वस्थ

होम्योपैथी अस्पताल के डॉक्टरों के मुताबिक कोरोना के अति मंद लक्षणों वाले मरीजों को प्रचलित दवा हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन के अलावा लक्षणों के आधार पर होम्योपैथी दवाएं (Homeopathy medicines) देकर उनकी निगरानी की गई. डॉक्टरों के मुताबिक कोरोना के फर्स्ट स्टेज में ही इलाज कर कोरोना वायरस को खत्म किया गया है.

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भोपाल. मध्य प्रदेश के भोपाल ( Bhopal) में कोरोना संकटकाल में पहली बार होम्योपैथिक पद्धति (Homeopathic Process) ने कोरोना को मात दी है. दरअसल, 13 मई को कोरोना के हल्के लक्षणों के साथ शहर के तीन मरीजों को भर्ती किया गया था. इन सभी मरीजों का इलाज होम्योपैथिक पद्धति से भोपाल के गवर्नमेंट होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में हुआ. इलाज के बाद सभी मरीजों का दस दिन बाद परीक्षण किया गया. टेस्ट में सभी मरीज स्वस्थ मिले हैं जिसके बाद आज अस्पताल से सभी की भारत सरकार की नई गाइडलाइन के तहत छुट्टी कर दी गई.

शुरूआती स्टेज में खत्म किया वायरस का इन्फेक्शन
होम्योपैथी अस्पताल के डॉक्टरों के मुताबिक कोरोना के अति मंद लक्षणों वाले मरीजों को प्रचलित दवा हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन के अलावा लक्षणों के आधार पर होम्योपैथी दवाएं देकर उनकी निगरानी की गई. डॉक्टरों के मुताबिक कोरोना के फर्स्ट स्टेज में ही इलाज कर कोरोना वायरस को खत्म किया गया है. शासकीय होम्योपैथी अस्पताल की अधीक्षक डॉ. सुनीता तोमर का कहना है कि शासन से मिले निर्देशों के आधार पर कोरोना के हल्के लक्षण वाले पेशेंट्स को होम्योपैथिक से ट्रीटमेंट दिया गया जिससे सभी मरीज अब स्वस्थ्य हो चुके हैं और पूरी तरह ठीक होने के बाद आज उनकी घर वापसी हुई.

कोरोना के 201 नए मामले आए सामने

उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 201 नए मामले सामने आए हैं और इस तरह प्रदेश में कोविड-19 से संक्रमितों का आंकड़ा 6,373 तक पहुंच गया. वहीं, राज्य में पिछले 24 घंटों में इस बीमारी से नौ और व्यक्तियों की मौत हुई है जिससे मरने वालों का आंकड़ा 281 पहुंच गया है. एक अधिकारी ने बताया कि पिछले 24 घंटे के दौरान प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण से इंदौर, भोपाल और बुरहानपुर से दो-दो मौतें हुईं, जबकि खंडवा, धार और सागर में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई. अधिकारी ने बताया कि राज्य में अब तक कोरोना वायरस से सबसे अधिक 111 मौतें अकेले इन्दौर में हुई हैं, जबकि उज्जैन में 51, भोपाल में 42, बुरहानपुर में 13, खंडवा में 11, जबलपुर में नौ, खरगोन एवं देवास में आठ-आठ, मंदसौर में छह, होशंगाबाद, धार, सागर एवं रायसेन में तीन-तीन, नीमच में दो और ग्वालियर, छिंदवाड़ा, सीहोर, आगर मालवा, सतना, शाजापुर, देवास एवं अशोकनगर एक-एक मरीज की मौत हुई है.