लद्दाख में तनातनी की तस्वीरें सामने आईं, चीन के 80 टेंट और फौजी गाड़ियां दिखीं, भारतीय सेना ने भी गाड़े 60 तंबू
गलवान घाटी की सैटेलाइट इमेज सामने आई है. इमेज में चीनी सेना के 80 टेंट और गाड़ियां साफ दिखाई दे रहे हैं.
नई दिल्ली: अक्साई-चिन से सटे गलवान घाटी में भारत और चीन की सेनाओं के बीच तनाव कम होता नजर नहीं आ रहा है. इस बीच गलवान घाटी की सैटेलाइट इमेज सामने आई हैं जिसमें दोनों देशों की सेनाओं के खेमें साफ नजर आ रहे हैं. इन तस्वीरों में चीनी सेना के 80 टेंट और फौजी गाड़ियां साफ दिखाई पड़ रही हैं.
इन सैटेलाइट तस्वीरों में भारतीय सेना के टेंट भी दिखाई पड़ रहे हैं. लेकिन भारतीय खेमें में चीनी सेना से थोड़े कम टेंट दिखाई पड़ रहे हैं. भारतीय सेना के करीब 60 टेंट इन तस्वीरों में दिखाई पड़ रहे हैं. ये पहली बार है कि गलवान घाटी की कोई तस्वीर सामने आई है.
दोनों देशों की सेनाओं के खेमें एक दूसरे से दूर
भारतीय सेना ने आधिकारिक तौर से तो कुछ भी इन सैटेलाइट तस्वीरों के बारे में कहने से इनकार कर दिया है लेकिन सूत्रों ने एबीपी न्यूज को बताया कि अगर चीनी सेना के टेंट गलवान घाटी में दिखाई पड़ रहे हैं तो भारतीय सेना के टेंट भी दिखाई दे रहे हैं. हालांकि दोनों देशों की सेनाओं के खेमें एक दूसरे से कुछ दूरी पर हैं.
ऑस्ट्रेलियन स्ट्रेटेजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट से जुड़े जानकार ने जारी की तस्वीरें
सैटेलाइट तस्वीरों को ऑस्ट्रेलिया के एक थिंकटैंक, एएसपीआई (ऑस्ट्रेलियन स्ट्रेटेजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट) से जुड़े एक जानकार ने जारी की हैं. सैटेलाइट तस्वीरों में गलवान घाटी के करीब डीबीओ रोड पर भारतीय सेना की वो ‘डिफेंस फैसिलिटी’ भी दिखाई पड़ रही है जिसको लेकर चीनी सेना को कड़ा ऐतराज है. साथ ही गलवान नदी के करीब सड़क भी दिखाई पड़ रही है.
भारत और चीन के सैनिकों के बीच तनाव
बता दें कि इन दिनों लद्दाख से सटी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर कई जगह भारत और चीन के सैनिकों के बीच तनाव चल रहा है. पैंगोंग-त्सो लेक और उसे सटे फिंगर एरिया में भी दोनों तरफ के बड़ी तादाद में सैनिक यहां मौजूद हैं. इस बीच खबरें आई हैं कि इस महीने की शुरुआत में चीनी सैनिकों ने भारतीय सेना की एक पेट्रोलिंग-पार्टी को बंधक बनाने की कोशिश की थी.
लेकिन सूत्रों ने साफ किया कि ऐसी स्थिति नहीं आई थी लेकिन चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों के गश्त लगाने के दौरान सामने आकर अवरोध पैदा किया था. उसके बाद ही दोनों देशों के सैनिकों में मार-पीट और पत्थरबाजी की घटना सामने आई थी. हालांकि फिंगर एरिया में मामला सुलझा लिया गया था लेकिन अभी भी यहां दोनों तरफ के सैनिक बड़ी तादाद में यहां तैनात हैं. चीनी सेना यहां पर भारतीय सेना को एक सड़क बनाने से रोकने पर आमादा हैं.
थलसेना प्रमुख ने किया दौरा
इस बीच बॉर्डर पर बढ़ते तनाव के बीच थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने शुक्रवार को लेह स्थित 14वीं कोर (‘फायर एंड फ्यूरी’ को) का दौरा किया. साथ ही सेना की ऑपरेशनल तैयारियों का जायजा लिया. फायर एंड फ्यूरी कोर की ही जिम्मेदारी लद्दाख में चीन सीमा से सटी वास्तविक नियंत्रण रेखा की रक्षा करना है.