बहुचर्चित केसेज / लॉकडाउन के कारण सलमान, आसाराम और रॉबर्ट वाड्रा के केसेज की सुनवाई अटकी, किसी को राहत तो किसी की मुश्किलें बढ़ीं

हाईकोर्ट से लेकर निचली अदालत तक अटके हाईप्रोफाइल मामले बहुचर्चित एएनएम भंवरी अपहरण और हत्या मामला भी अटका

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जोधपुर. कोरोना महामारी के चलते दो महीने से देशव्यापी लॉकडाउन लागू है। अधीनस्थ अदालतों से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक का काम भी प्रभावित हो रहा है। हाईकोर्ट में भी केवल अर्जेंट मामलों की वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग से सुनवाई हो रही है। यह लॉकडाउन किसी के लिए राहत भरा साबित हो रहा है तो किसी के लिए मुश्किल बढ़ाने वाला। हाईकोर्ट में अभिनेता सलमान खान, तब्बू, नीलम, सोनाली, सैफ खान, रॉबर्ट वाड्रा, आसाराम सहित कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई अटक गई है। वहीं अधीनस्थ अदालत में भंवरी मामले में भी मुल्जिम बयान रुक गए हैं। सब कुछ ठीक रहा तो ऐसे मामलों की सुनवाई अब जुलाई में ही होने की संभावना है।

भंवरी हत्या मामले में अटक गए मुल्जिम बयान:

बहुचर्चित एएनएम भंवरी अपहरण व हत्या मामले में सीबीआई ने जांच की थी। अभी निचली कोर्ट में मुल्जिम बयान चल रहे थे। आरोपी पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा के मुल्जिम बयान रिकॉर्ड करने शुरू किए ही थे कि लॉकडाउन से बयान भी अटक गए।

सलमान  के 3 केस पर सुनवाई रुकी, इनमें 2 खिलाफ दायर

हिरण शिकार से जुड़े तीन मामलों में सेशन कोर्ट (ग्रामीण) में सुनवाई चल रही है। सीजेएम कोर्ट (ग्रामीण) ने बहुचर्चित कांकाणी हिरण शिकार के मामले में 5 अप्रैल 2018 को सलमान खान को पांच साल की सजा के आदेश दिए थे। इस फैसले के खिलाफ सलमान ने जिला एवं सेशन न्यायाधीश न्यायालय जोधपुर जिला में अपील पेश की, जो विचाराधीन है। इसी तरह अवैध हथियारों के मामले में सलमान को 18 जनवरी 2017 को बरी कर दिया गया था।

इस फैसले के खिलाफ सरकार की अपील विचाराधीन है। विश्नोई महासभा की ओर से भी सलमान को कांकाणी प्रकरण में दी गई सजा को बढ़ाने के लिए अपील पेश की गई है। इन सभी मामलों में पहले 7 मार्च को सुनवाई होनी थी, लेकिन जिला जज का पद रिक्त होने से सुनवाई टल गई। फिर 18 अप्रैल को लॉकडाउन के चलते सुनवाई टल गई। अब इस अपील पर सुनवाई 4 जून को मुकर्रर है, लेकिन सुनवाई की संभावना कम है।

सैफ अली, तब्बू, नीलम व सोनाली के विरुद्ध हाईकोर्ट में है मामला

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (ग्रामीण) ने पिछले साल कांकाणी हिरण शिकार मामले में केवल सलमान को दोषी मानते हुए 5 साल की सजा से दंडित किया था, जबकि इस मामले के सह आरोपी सैफ अली खान, तब्बू, नीलम, सोनाली व दुष्यंत को बरी कर दिया था। इसे राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। सरकार की इस अपील पर 30 मार्च को सुनवाई होनी थी, लेकिन लॉकडाउन की वजह से टल गई। गत पौने दो महीने में इन याचिकाओं पर सुनवाई नहीं हुई।

लॉकडाउन में क्या कर रहे
लॉकडाउन की शुरुआत से ही कुछ परिजनों व मित्रों के साथ पनवेल स्थिल फार्महाउस पर हैं। समय-समय पर सोशल मीडिया पर अपडेट देते रहते हैं। फिल्म इंडस्ट्री एवं अन्य जरूरतमंदों की मदद के लिए चैरिटी की भी सूचना है।

रॉबर्ट वाड्रा की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक थी, अपने आप बढ़ गई

बीकानेर के कोलायत में जमीन गड़बड़ी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने स्काईलाइट हॉस्पिलिटी व महेश नागर के विरुद्ध मामला दर्ज किया है। इस मामले में गिरफ्तारी होने की आशंका के चलते रॉबर्ट वाड्रा व उसकी मां मारीन वाड्रा ने हाईकोर्ट में क्रिमिनल रिट याचिका दायर की है। इस याचिका पर 27 मार्च को सुनवाई होनी थी, लेकिन लॉकडाउन की वजह से पिछले दो महीने से सुनवाई नहीं हो पाई है। कंपनी के पार्टनर्स रॉबर्ट वाड्रा व मॉरीन वाड्रा की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट द्वारा अंतरिम रोक लगाई हुई है।

लॉकडाउन में क्या कर रहे
साेशल मीडिया पर फिटनेस को लेकर अवेयर करते रहे। प्रवासियों के लिए पानी, भाेजन, जूताें जैसी मदद की सामग्री मुहैया करवाने का काम किया। मदर्स डे पर मां माैरीन वाड्रा व सासु साेनिया गांधी के साथ फोटो भी शेयर किए।

आसाराम ने आजीवन कारावास को दी थी चुनौती, सुनवाई रुकी
अपने आश्रम की नाबालिग छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न के मामले में आखिरी सांस तक आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम की मुश्किलें लॉकडाउन में बढ़ गई हैं, क्योंकि उसने निचली अदालत के फैसले को चुनौती दे रखी है। लॉकडाउन की वजह से अपील पर सुनवाई नहीं हो पा रही है। वह अभी जेल में ही है।

लॉकडाउन में क्या कर रहे: जिंदगी में कोई बदलाव नहीं आया, आसाराम के ये दिन भी जोधपुर जेल में ही बीत रहे हैं। हालांकि जब जेल काे सैनिटाइज किया गया ताे आसाराम काे भी कुछ देर के लिए बैरक से निकाला गया।

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