नेपाल पर कमजोर होती पकड़ को मजबूत करने के लिए भारत विरोधी कार्ड खेल रहे ओली

5 दिन में अध्यादेश वापस लेने के कारण नेपाल (Nepal) में केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) की ताकत कम होने की बात कही जाने लगी, जिसको देखते हुए उन्होंने अब राष्ट्रवाद का मुद्दा उठाते हुए भारत विरोध कार्ड (Anti india card) खेलना शुरू किया है.

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नई दिल्ली. नेपाल सरकार (Nepal Government) ने बुधवार को जिस तरह से संशोधित राजनीतिक और प्रशासनिक नक्शा जारी किया है वह प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) की सोची समझी रणनीति का हिस्सा है. दरअसल नेपाल के पीएम ने कुछ दिन पहले राजनीतिक पार्टी और संवैधानिक परिषद से जुड़ा एक अध्यादेश जारी किया था. इस अध्यादेश के जारी होने के बाद उन्हें विपक्षीय पार्टियों के काफी विरोध का सामना करना पड़ा था. हालात ये हुए कि उन्हें 5 दिन के अंदर ही अपने अध्यादेश को वापस लेना पड़ा. अध्यादेश वापस लेने के कारण नेपाल में ओली की ताकत कम होने की बात कही जाने लगी, जिसको देखते हुए उन्होंने अब राष्ट्रवाद का मुद्दा उठाते हुए भारत विरोध कार्ड खेलना शुरू किया है. गौरतलब है कि नेपाल ने अपने नए नक्शे में लिंपियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी को अपना क्षेत्र बताया है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली अपनी राजनीतिक जमीन पर एक बार फिर पकड़ मजबूत करना चाहते हैं. यही कारण है कि उन्होंने देश की जनता के सामने राष्ट्रवाद का मुद्दा उठाया है. वह भारत विरोधी कार्ड खेलकर जनता के बीच अपनी पकड़ को और मजबूत करना चाहते हैं. प्रधानमंत्री केपी शर्मा के इस तरह के फैसले को पूर्व प्रधानमंत्री पुष्पा कमल दहल” प्रचंड “और माधव कुमार नेपाल सही नहीं मानते हैं. हालांकि राष्ट्रवाद के मुद्दे पर वह कुछ बोल तो नहीं पा रहे हैं लेकिन उन्होंने अपने आपको इन मुद्दों से अलग जरूर कर लिया है.

बता दें कि नक्शे का मुद्दा अभी शांत भी नहीं हुआ था कि नेपाल के प्रधानमंत्री ओली ने कोरोना महामारी को लेकर भारत के खिलाफ एक बड़ा बयान दे दिया. नेपाली भाषा में दिए गए इस बयान में ओली ने कहा कि भारत से जो लोग नेपाल लौटे हैं, उनमें कोरोना के गंभीर संक्रमण मिले हैं, जबकि इटली और चीन से लौटे नागरिकों में कोरोना के अपेक्षाकृत हल्के लक्षण पाए गए हैं. केपी शर्मा ओली के इस बयान पर फिलहाल भारत सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है.

ओली ने लगाया था ये आरोप

मंगलवार को संसद को संबोधित करते हुए ओली ने कहा था कि ये क्षेत्र नेपाल के हैं, लेकिन भारत ने अपनी सेना को वहां रखकर विवादित क्षेत्र बना दिया है. ओली ने कहा कि भारत की सेना के तैनात होने के बाद नेपालियों को वहां जाने से रोक दिया गया था. ओली की अध्यक्षता में सोमवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा को नेपाल के क्षेत्रों के रूप में शामिल करने के नए नक्शे का समर्थन किया गया. ओली ने कहा कि नए नक्शे को संविधान और राज्य चिन्ह में अद्यतन किया गया है और इसे सरकारी कार्यालयों में रखा जाएगा, इसे आवश्यक संविधान संशोधन के लिए संसद में पेश किया जाएगा.

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