भीषण चक्रवात ‘अम्फान’ ने दस्तक दी, बारिश शुरू, कई मकान तबाह, ओडिशा में तूफान प्रभावित जिलों से 1.37 लाख लोगों को निकाला गया; बंगाल के हावड़ा, हुगली और आसनसोल में तेज हवा के साथ बारिश

मौसम विभाग ने के मुताबिक, भीषण चक्रवात ‘अम्फान’ ने दोपहर ढाई बजे के करीब दस्तक दी. जिसकी वजह से ओडिशा और पश्चिम बंगाल में बारिश हो रही है, कई मकान ढह गए हैं. चार लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है.

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  • ओडिशा के अधिकारियों के मुताबिक- साइक्लोन का ज्यादा असर पश्चिम बंगाल से सटे ओडिशा के उत्तरी तटीय जिलों में होगा
  • पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में स्थानीय प्रशासन और एनडीआरएफ की टीम ने मछुआरों और लोगों को घरों में ही रहने की ताकीद दी

ओडिशा सरकार ने बुधवार को अम्फान साइक्लोन प्रभावित जिलों से 1.37 लाख लोगों को निकालने का दावा किया। विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) प्रदीप जेना ने कहा कि इन लोगों को ओडिशा के 13 जिलों में बनाए गए 1704 साइक्लोन शेल्टर होम ले जाया गया है। राज्य के कई इलाकों में आंधी और बारिश जारी है। इसे देखते हुए और ज्यादा लोगों को इन सुरक्षित केंद्रों पर पहुंचाया जा रहा है। ऐसे में आने वाले कुछ घंटों में इन जिलों से बाहर निकाले जाने वाले लोगों की संख्या बढ़ सकती है।

ओडिशा में राहत शिविरों में लाए गए लोगों से अफसरों ने मुलाकात की।

ओडिशा के अधिकारियों के मुताबिक, साइक्लोन का ज्यादा असर पश्चिम बंगाल से सटे ओडिशा के उत्तरी तटीय जिलों में नजर आएगा। उधर, पश्चिम बंगाल में आसनसोल, हुबली और हावड़ा में तेज हवा के साथ बारिश हो रही है।

मुख्य सचिव की कलेक्टरों के साथ बैठक
ओडिशा के मुख्य सचिव असित त्रिपाठी ने मंगलवार रात एसआरसी और प्रभावित होने वाले जिले के कलेक्टरों के साथ बैठक की। उन्होंने कलेक्टरों को साइक्लोन के लिए तैयार रहने के लिए कहा। त्रिपाठी ने अफसरों को समय से लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने और भोजन की व्यवस्था करने के साथ ही उनके लिए दूसरी सेवाएं सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया। मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के निजी सचिव वीके पांडियन बुधवार सुबह भुवनेश्वर स्थित एसआरसी के ऑफिस पहुंचे। दोनों अधिकारियों ने एसआरसी के कमांड सेंटर से साइक्लोन की रियल टाइम गतिविधियों की जानकारी ली।

सरकार ने किया स्वास्थ्य इकाइयों के तैयार होने का दावा

राज्य सरकार ने साइक्लोन के बाद आने वाले मामलों से निपटने के लिए स्वास्थ्य इकाइयों को तैयार रखने का भी दावा किया। एसआरसी जेना ने कहा कि हमने सभी कलेक्टरों को जरूरी दवाओं और मेडिकल उपकरणों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कहा है। चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों में अक्सर सांप काटने की घटना बढ़ जाती है। ऐसे में सभी प्रभावित जिलों में पर्याप्त मात्रा में जहर काटने के दवाओं की आपूर्ति की जा रही है।

भद्रक में पेड़ उखड़कर सड़कों पर गिरे

चक्रवात तेज हो गया है और पूर्वी तटों की ओर बढ़ रहा है। भद्रक में तेज आंधी से पेड़ उखड़कर सड़क पर गिर गए। इससे सड़कें जाम हो गई। भद्रक जिला प्रशासन ने सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीरें भी शेयर की। जगतसिंहपुर के पारादीप में भी सुबह से ही तेज हवाएं चल रही है, इससे पूरे इलाके में काफी नुकसान हुआ है। मौसम विभाग के मुताबिक, पारादीप में हवा की रफ्तार 120 किमी प्रति घंटा तक पहुंच गई। ताजा पूर्वानुमान में साइक्लोन से करीब 155 किमी दूर बताया गया है।

मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक ने कहा कि तटीय पश्चिम बंगाल में तेज हवाएं चलने लगी हैं. हमें रिपोर्ट मिल रही है कि हवाओं की गति करीब 160 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती है.

मौसम विभाग ने बताया कि चक्रवात ‘अम्फान’ ने बुधवार को दोपहर ढाई बजे के करीब पश्चिम बंगाल में दीघा और बांग्लादेश में हटिया द्वीप के बीच दस्तक दी है. तेज बारिश और तूफानी हवाओं के साथ अगले चार घंटे में यह चक्रवात और भीषण हो जाएगा. भारतीय मौसम विभाग ने कहा कि चक्रवात ‘अम्फान’ फिलहाल सुंदरवन के निकट पश्चिम बंगाल में प्रवेश कर रहा है.

 

NDRF के DG एसएन प्रधान ने कहा कि लैंडफॉल का सिलसिला शुरू हो चुका है. चक्रवात के बाद असल में NDRF का काम शुरू होगा. काम और बढ़ने वाला है.
एनडीआरएफ के चीफ एसएन प्रधान ने कहा कि पश्चिम बंगाल में अब तक पांच लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है. डेढ़ लाख से अधिक लोगों को ओडिशा में सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है.
मौसम विभाग ने बताया कि भीषण चक्रवात ‘अम्फान’ ने दोपहर ढाई बजे के करीब दस्तक दी. अम्फान चक्रवात के चलते ओडिशा के बालासोर जिले के चांदीपुर में बारिश और तेज हवाएं जारी है.
बांग्लादेश के आपदा प्रबंधन एवं राहत मंत्री इनामुर रहमान के हवाले से कहा गया कि बुधवार शाम छह बजे चक्रवात आने की आशंका है. मंगलवार को अधिकारियों ने 22 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने का काम शुरू कर दिया था. नौसेना ने आपात राहत, बचाव और चिकित्सा अभियान चलाने के त्रिस्तरीय प्रयासों के तहत 25 नौकाओं को तैनात किया है. देश में सेना और वायुसेना को भी अलर्ट पर रखा गया है.
  • बांग्लादेश ने भीषण चक्रवात उम्पुन आने के मद्देनजर 20 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा है और चक्रवात से जुड़ी घटनाओं से निपटने के लिए सेना को तैनात किया है. देश के कुछ जिलों को ‘‘अधिक खतरे’’ वाले स्तर पर रखा गया है और चक्रवात देश के तटीय क्षेत्र के निकट पहुंच रहा है. बांग्लादेश की सेना, नौसेना और वायुसेना ने महाचक्रवात से निपटने की तैयारी कर ली है, चक्रवात बांग्लादेश के तट की ओर 400 किमी अंदर आ गया है और आज शाम तक इसके असर दिखाने की आशंका है.

उम्पुन तूफान का असर ओडिशा के कई शहरों में दिखने लगा है. ओडिशा के भद्रक में तेज तूफान के चलते एक मकान गिर गया जिसमें एक बच्ची की मौत हो गई. मौसम विज्ञान विभाग के कार्यालय ने बताया कि ‘उम्पुन’ के सुंदरवन पहुंचने के बाद उत्तर-उत्तरपूर्व दिशा की ओर बढ़ने और इसके पूर्वी सिरे के कोलकाता के निकट से गुजरने की संभावना है जिससे शहर के निचले इलाकों में भारी नुकसान होने और बाढ़ आने की आशंका है.
  • 20 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तरी दिशा की ओर बढ़ रहा तूफान बुधवार 11 बजे कोलकाता से 300 किलोमीटर दक्षिणपूर्व में स्थित था. मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि इसके कमजोर होकर चक्रवाती तूफान के रूप में पश्चिम बंगाल के नादिया और मुर्शिदाबाद जिलों से गुजरने की संभावना है और इसके बाद यह बृहस्पतिवार दोपहर को बांग्लादेश में गहरे दबाव के रूप में पहुंचेगा. केंद्र के आस-पास हवाओं की गति लगातार 170 से 180 किलोमीटर प्रति घंटा बनी रही, जिन्होंने बीच-बीच में 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ी.
उम्पुन तूफान के असर से ओडिशा के पारादीप में 102 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं. यहां कई पेड़ जड़ से उखड़ गए है. जगह-जगह से तबाही की तस्वीरें आ रही हैं.
सुपर साइक्लोन ‘उम्पुन’ आज पश्चिम बंगाल पहुंच जाएगा. 21 सालों में बंगाल की खाड़ी में बना यह अब तक का सबसे खतरनाक तूफान है. मौसम विभाग ने कहा है कि सुपर साइक्लोन के आज दोपहर या शाम तक पश्चिम बंगाल तट पर असर पड़ने की आशंका है. 155-165 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 185 किमी प्रति घंटे तक चलने वाली बहुत तेज हवा चलने के आसार हैं, साथ ही राज्य के तटीय जिलों में भारी बारिश और 4-5 मीटर की तेज हवाएं चल सकती हैं.

पूर्वी मेदिनीपुर, दक्षिण और उत्तर 24 परगना, हावड़ा, हुगली और कोलकाता के जिलों पर प्रभाव पड़ने की उम्मीद है. चक्रवात की क्षति संभावित चक्रवात “बुलबुल” की तुलना में अधिक होने की उम्मीद है, जो 9 नवंबर 2019 को पश्चिम बंगाल तट से टकरा गई थी.

बचाव दल अलर्ट
चक्रवात ओडिशा के तटीय जिलों जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक, जाजपुर और बालासोर में भारी वर्षा, स्क्वैली हवाओं और तूफान को भी लाएगा. उम्पुन के उत्तर-उत्तरपूर्व की दिशा में बंगाल की खाड़ी के ऊपर पहुंचने और आज दोपहर या शाम तक पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश तटों के बीच दीघा और हटिया द्वीप से गुजरने का अनुमान है. इसे देखते हुए आर्मी, एयर फोर्स के साथ एनडीआरएफ को अलर्ट किया गया है.

20 टीमें ओडिशा में तैनात की गई है. जिसमें 5 टीमें रिजर्व में हैं. 19 पश्चिम बंगाल में और 2 रिजर्व हैं. वायरलैस और सेटेलाइट संचार के साधन हैं के साथ सभी टीमों को भेजा गया है. सागर द्वीप और कागद्वीप जो पश्चिम बंगाल के 24 परगना इलाके में हैं वहां तूफान के हिट करने की आशंका है. देश में NDRF की 24 टीमों को रेड हॉट अलर्ट पर रखा गया है.

21 साल बाद आया सबसे खतरनाक तूफान
1999 के बाद अब तक बंगाल की खाड़ी में बना यह अब तक का सबसे खतरनाक तूफान है. तूफान में हवाओं की गति निरंतर 155 से 165 किलोमीटर प्रति बनी रहेगी जो बीच-बीच में 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती है. ‘उम्पुन’ का केंद्र पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर था, जो पारादीप (ओडिशा) से करीब 520 किलोमीटर दक्षिण, दीघा से 670 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपश्चिम और बांग्लादेश के खेपुपारा से 800 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपश्चिम में है.

मौसम विभाग ने मंगलवार को कहा कि दोहरी चुनौती है. कोरोना के समय में चक्रवाती तूफान आया है. चक्रवाती तूफान अभी भी सुपर साइक्लोन की श्रेणी में है. इसका खतरा अभी बना हुआ है. इसकी मारक क्षमता भी अधिक हो सकती है.

यह तूफान 15 किमी की रफ्तार से बढ़ रहा है. तूफान के तट से टकराने के वक्त 155-165 किमी प्रतिघंटा कई रफ्तार से टकरा सकता है. अधिकतम 185 किमी प्रतिघंटा हो सकता है. हवाएं इतनी तेज होंगी कि सड़क और रेल यातायात भी प्रभावित होगा. इसलिए इन्हें फिलहाल प्रभावित इलाकों में रोकने का फैसला किया गया है.

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