हर दिन कोरोना के 4 हजार से ज्यादा केस, 8 दिनों से ब्रीफिंग क्यों नहीं दे रहा है स्वास्थ्य मंत्रालय?

एक्सपर्ट्स का कहना है कि किसी भी मामले में थोड़ी जानकारी खराब होती है. कोरोना महामारी (Coronavirus) के मामले में तो थोड़ी जानकारी और भी ज्यादा खतरनाक है.

0 999,043

नई दिल्ली. देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामले एक लाख के पार हो चुके हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के मंगलवार सुबह 9 बजे के अपडेट के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में संक्रमण के 4 हजार 970 मामले सामने आए हैं. 134 लोगों की मौत हुई है. देश में अब कोविड-19 के 1 लाख 1139 केस हो गए हैं, जिनमें 58802 एक्टिव केस हैं. ऐसे वक्त में जब पूरा देश कोरोना महामारी की तबाही झेल रहा है, कोरोना से जुड़ी कोई भी जानकारी अहम होती है. लोग स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय की अपडेट को इंतजार करते हैं, लेकिन हैरानी की बात है कि स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बीते 8 दिनों से कोरोना संकट पर कोई ब्रीफिंग नहीं दी जा रही है.

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में हेल्थ एक्सपर्ट्स ने इसपर चिंता जाहिर की है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि किसी भी मामले में थोड़ी जानकारी खराब होती है. कोरोना महामारी के मामले में तो थोड़ी जानकारी और भी ज्यादा खतरनाक है. प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की पूर्व सदस्य और वर्तमान में ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूट, इंडिया सेंटर में सीनियर फेलो प्रो. शमिका रवि का मानना ​​है कि डर को दूर करना जरूरी है. इसे कम करने और दूर करने का एकमात्र तरीका सूचनाओं को साझा करना है.

कोरोना वायरस पर काम करने वाली अस्पतालों के टास्क फोर्स के सदस्य डॉ. गिरधर ज्ञानी के मुताबिक, ‘अभी भी कोरोना वायरस के संबंध में बहुत अनिश्चितता है. हम इस बारे में निश्चित नहीं हैं कि कुछ क्षेत्रों में अभी भी मामले क्यों बढ़ रहे हैं. हम जानते हैं कि यह वायरस कुछ वर्षों तक जारी रहेगा. ऐसे में हमें अधिक डेटा की जरूरत है. सही जानकारी ही बचाव है. इसलिए जानकारी स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कोरोना पर ब्रीफिंग देना बंद नहीं होना चाहिए.’

वहीं, ऑल इंडिया ड्रग एक्शन नेटवर्क की सह-संयोजक मालिनी ऐसोला ने कोरोना महामारी के बारे में अफवाहों और गलत सूचनाओं को दूर करने के लिए वैज्ञानिक टेक्निक की जरूरत पर जोर दिया. वह कहती हैं, ‘इस मोड़ पर जहां हर दिन कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, बहुत जरूरी है कि सरकार जनता से सही जानकारी साझा करे. हमारे पास जनता को ब्रीफ करने वाली वैज्ञानिक टेक्निक नहीं है. वहीं, कोरोना डेटा में पारदर्शिता भी नहीं है. पारदर्शिता होनी चाहिए, नहीं तो कंफ्यूजन ही होगा.

बता दें कि भारत में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा दर्ज किया जा रहा है. हर दिन कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या 5000 के करीब दिख रही है. दुनिया में अभी तक 11 ही देश ऐसे हैं जहां कोरोना मरीजों की संख्या 1 लाख के आंकड़े को पार कर गई है. पिछले 24 घंटों में मिले 4,970 नए केस आने के बाद भारत भी उन्हीं देशों में शामिल हो गया है.

Leave A Reply

Your email address will not be published.