COVID-19: मॉडर्ना को मिली वैक्सीन बनाने में बड़ी कामयाबी, एंटीबॉडी में दिखता है यह असर

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (National Institutes of Health) की रिसर्च के शुरुआती परिणाम में देखा गया कि जिन लोगों ने दवा का इस्तेमाल किया, उनके रक्त के नमूनों में एंटीबॉडी का स्तर, उन लोगों के बराबर ही मिला, जो COVID-19 से संक्रमित होने के बाद स्वस्थ हो गए हैं.

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नई दिल्ली. कोरोना वायरस (Coronavirus) से जंग में अच्छी खबर आ रही है. मॉडर्ना इंक (Moderna Inc) ने सोमवार को कहा कि प्रायोगिक COVID-19 वैक्सीन (experimental COVID-19 vaccine) से उत्साहजनक नतीजे मिल रहे हैं. इस वैक्सीन ने ऐसे एंटीबॉडी (antibodies) बनाए जो शुरुआती ​​परीक्षण में रोगियों में  कोरोना वायरस को “बेअसर” कर सकने की क्षमता दिखाता है. यह खबर आते ही कंपनी के इसके शेयरों में 25% तक की बढ़ोत्तरी हो गई है.

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (National Institutes of Health) के अध्ययन से शुरुआती परिणाम दिखा कि जिन लोगों ने दवा का इस्तेमाल किया, उनके रक्त के नमूनों में एंटीबॉडी का स्तर (levels of the antibodies), उन लोगों के बराबर ही मिला, जो COVID-19 से संक्रमित होने के बाद स्वस्थ हो गए हैं.

मोडेर्ना के परीक्षण में दवा की खुराक देने से देखी गई प्रतिरक्षाजनकता में बढ़ोत्तरी

प्रतिभागियों को वैक्सीन की तीन अलग-अलग खुराक दी गई और मॉडर्ना ने कहा कि इन खुराकों (doses) के आधार पर प्रतिरक्षाजनकता (immunogenicity) यानी शरीर में प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढ़ाने की क्षमता में बढ़ोत्तरी देखी गई.

दवा बनाने वाली कंपनी ने कहा कि टीके, mRNA-1273 को भी प्रारंभिक चरण के अध्ययन में आमतौर पर सुरक्षित और अच्छी तरह से सहन किया जा सकने वाला पाया गया.

जुलाई में होगा अंतिम चरण का परीक्षण
मॉडर्ना, कोरोना वायरस के लिए एक वैक्सीन विकसित करने में वैश्विक प्रयासों (global efforts) का नेतृत्व कर रहा है और पिछले सप्ताह, अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी की ओर से रेग्युलैरिटी रिव्यू बढ़ाने के लिए इसने “फास्ट ट्रैक” लेबल भी जीता था. यह जुलाई में अंतिम चरण के परीक्षण शुरू करने पर विचार कर रही है.

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