बांग्लादेश के डॉक्टरों का दावा- खोज ली कोरोना की दवा, 4 दिन में ठीक हो गए 60 मरीज

बांग्लादेश (Bangladesh) में डॉक्टरों की एक टीम ने कोरोना वायरस (Coronavirus) के इलाज की दवा खोज लेने का दावा किया है.

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ढाका. बांग्लादेश (Bangladesh) में डॉक्टरों की एक टीम ने दावा किया है कि उन्होंने कोरोना वायरस कीa दवा खोज ली है. उनका कहना है कि इन दवाओं का इस्तेमाल उन्होंने कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों पर किया है. दवाओं के इस्तेमाल से कोरोना के लक्षण 3 दिन में ही खत्म हो गए. उन्होंने दावा किया है कि उन दवाओं के इस्तेमाल से कोरोना के मरीज 4 दिन में ठीक हो गए.

पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना के इलाज की दवा खोज लेने का दावा करने वाली डॉक्टरों की टीम में कई सीनियर डॉक्टर शामिल हैं. उन्होंने कोरोना के मरीजों पर दो काफी ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं का इस्तेमाल किया. उन्होंने कहा है कि इन दवाओं के इस्तेमाल से कोरोना के गंभीर मरीज तक ठीक हुए हैं.

दो दवाओं के कॉम्बिनेशन का किया इस्तेमाल

कोरोना वायरस की दवा की खोज करने वाली इस टीम में बांग्लादेश के नामी डॉक्टर शामिल हैं. जहां पूरी दुनिया कोरोना वायरस के इलाज की खोज में लगी है, वहां बांग्लादेश का दावा हैरान करने वाला है.

डॉक्टरों की टीम में शामिल रहे बांग्लादेश मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के मेडिसिन डिपार्टमेंट के हेड प्रोफेसर डॉक्टर मोहम्मद तारेक आलम ने कहा है कि हमने दवा का हैरतअंगेज असर देखा है. उन्होंने कहा है कि हमने 60 मरीजों पर इन दवाओं का इस्तेमाल किया और सारे मरीज ठीक हो गए. डॉक्टरों ने उन पर दो दवाओं के कॉम्बिनेशन का इस्तेमाल किया था.

तारेक आलम बांग्लादेश के मशहूर क्लीनिकल डॉक्टर हैं. उन्होंने कहा है कि उन्होंने दो दवाओं के कॉम्बिनेशन का इस्तेमाल किया. पहली दवा है- antiprotozoal के तौर पर इस्तेमाल होने वाली मेडिसिन Ivermectin. इस दवा के सिंगल डोज के साथ एंटीबायोटिक दवा Doxycycline दी गई. इन दो दवाओं का इस्तेमाल का मरीजों पर काफी अच्छा असर हुआ.

डॉक्टरों की टीम ने सरकार से कहा- कोरोना के इलाज में बड़े पैमाने पर हो दवा का इस्तेमाल
डॉक्टर ने कहा है कि उनकी टीम इन्हीं दो दवाओं का इस्तेमाल कर रही है. इनमें से कई मरीजों को सांस लेने में तकलीफ की समस्या थी. बाद में ये कोरोना पॉजिटिव पाए गए.

बांग्लादेश में कोरोना वायरस के 20,995 मामले सामने आ चुके हैं. वायरस संक्रमण की चपेट में आकर वहां 314 लोगों की जान गई है.

डॉक्टर तारेक का दावा है कि इन दो दवाओं के इस्तेमाल से कोरोना के मरीज सिर्फ 4 दिन में ठीक हो गए. उनमें दवाओं के कोई साइड इफेक्ट भी देखने में नहीं आए. डॉक्टर तारेक ने कहा है कि पहले हमने उनका कोरोना टेस्ट करवाने को कहा. जब वो पॉजिटिव पाए गए तो उन पर इन दो दवाओं का इस्तेमाल किया गया. वो चार दिन में ठीक हो गए.

डॉक्टर तारेक ने बताया है कि ठीक हुए मरीजों का दोबारा भी टेस्ट् करवाया गया है. दूसरे टेस्ट में भी वो नेगेटिव पाए गए हैं.

डॉक्टर तारेक ने इन दवाओं को 100 फीसदी कारगर बताया है. अब उन्होंने सरकार से संपर्क स्थापित कर कोरोना के मरीजों पर इन दवाओं के बड़े पैमाने पर इस्तेमाल की इजाजात मांगी है. इसे कोरोना का इलाज घोषित करने की मांग की है.

डॉक्टर तारेक आलम और उनकी टीम एक रिसर्च पेपर तैयार कर रही है ताकि उसे किसी इंटरनेशनल जर्नल में छापा जाए. जिससे पूरी दुनिया में कोरोना के इलाज को लेकर वैज्ञानिकों की टीम रिव्यू करे और उसपर अपनी राय दे.

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