जबलपुर. मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध गृहस्थ संत देवप्रभाकर शास्त्री ‘दद्दा जी’ का रविवार रात 8.36 बजे निधन हो गया। वे लंबे समय से गंभीर रुप से बीमार थे। शनिवार को उन्हें दिल्ली से एयर एंबुलेंस से कटनी लाया गया था। वे वेंटीलेटर पर थे। दद्दा जी अपने प्रवचन के साथ ही पार्थिव शिवलिंग निर्माण के लिए भी जाने जाते थे। उनके मार्गदर्शन में करोड़ों पार्शिव शिवलिंग का निर्माण हुआ।
दिल्ली से शनिवार रात नौ बजे दद्दा जी को एयर एंबुलेंस से जबलपुर लाया गया। यहां से उन्हें कटनी ले जाया गया। इसके बाद ही उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी। दद्दा जी कुछ दिनों से अस्वस्थ थे और उनका दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में इलाज चल रहा था। शनिवार शाम उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई और चिकित्सकों ने उन्हें वेंटीलेटर सपोर्ट दिया। इसके बाद दिल्ली से रात करीब आठ बजे दो निजी हवाई जहाज जबलपुर के लिए उड़े। दद्दा जी को लेने के लिए उनके अनुयायी बड़ी संख्या में डुमना विमानतल पहुंचे। करीब आधे घंटे बाद यहां दद्दाजी को सड़क मार्ग से कटनी ले जाया गया।
दद्दा जी ने शिवलिंग निर्माण के 129 महायज्ञ सम्पन्न कराए। इसके अलावा 50 से ज्यादा अन्य यज्ञों और श्रीमद्भागवत के आयोजनों से उन्होंने समूचे देश मे धर्म की ज्योति प्रज्ज्वलित की। दद्दाजी जी के 18 लाख से ज्यादा दीक्षित शिष्य तथा बड़ी संख्या में देशभर में उनके अनुयायी हैं। फिल्म अभिनेता आशुतोष राणा, राजपाल यादव सहित उनके शिष्यों में राजनेता, फ़िल्म अभिनेता, पत्रकार, उद्योगपति, समाजसेवी तथा सभी वर्गों के लोग शामिल हैं।