नई दिल्ली. 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज (Economic Package) के पांचवें और अंतिम चरण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कहा कि छोटी तकनीकी व प्रक्रियात्मक चूकों को अब अपराधीकरण की सूची से निकाला जा रहा है. कंपाउंडेबल ऑफेंसेज के तहत 18 सेक्शन की सीमा को बढ़ाकर 58 कर दिया गया है. 7 कापाउंडेबल ऑफेंसेज को पूरी तरह से ड्ऱॉप कर दिया गया है और 5 को अल्टरनेटिव फ्रेमवर्क के तहत लिया जाएगा. इससे कंपनी की हरासमेंट कम होगी.
कोरोना वायरस की वजह से बकाया कर्ज को Default में शामिल नहीं किया जाएगा. अगले एक साल तक कोई भी नई इंसॉल्वेंसी प्रक्रिया शुरू नहीं की जाएगी. MSMEs के लिए विशेष दिवालिया समाधान ढांचा को जल्द ही अधिसूचित किया जाएगा. IBC से जुड़े मामलों को लेकर वित्त मंत्री ने अहम घोषणा की. दिवाला प्रक्रिया शुरू करने के लिए थ्रेसहोल्ड को एक लाख रुपये से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये किया जाएगा.
स्ट्रैटिजिक सेक्टर में चार से अधिक पब्लिक सेक्टर कंपनियां नहीं होंगी. चार से अधिक पब्लिक सेक्टर अगर किसी स्ट्रैटिजिक सेक्टर में हैं तो उनका विलय किया जाएगा. अधिसूचित स्ट्रैटिजिक सेक्टर में कम-से-कम एक पब्लिक सेक्टर कंपनियां रहेंगी लेकिन निजी क्षेत्रों को भी इस सेक्टर में शामिल किया जाएगा. अन्य सेक्टर्स में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का निजीकरण किया जाएगा. हालांकि, इस बारे में उचित समय को देखते हुए फैसला किया जाएगा.
सरकार ने सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में खर्च में बढ़ोत्तरी की घोषणा की है. ग्रामीण एवं शहरी इलाकों में स्वास्थ्य एवं वेलनेस सेंटर्स की संख्या बढ़ाई जाएगी. जिला स्तर के सभी अस्पतालों में संक्रामक बीमारियों के लिए अलग से ब्लॉक बनाया जाएगा. लैब नेटवर्क को बेहतर बनाया जाएगा. महामारी से मुकाबले के लिए जिला एवं प्रखंड स्तर पर एकीकृत स्वास्थ्य प्रयोगशाला की स्थापना की जाएगी.