प्रवासी मजदूरों का मामला / सुप्रीम कोर्ट ने कहा- राज्य सरकारें फैसला करें कि सड़क पर चलने या रेलवे ट्रैक पर मजदूरों को सोने से कैसे रोका जा सकता है

महाराष्ट्र के औरंगाबाद में हुए रेल हादसे में 16 मजदूरों के मारे जाने के बाद एक जनहित याचिका दायर की गई थी, सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया सुप्रीम कोर्ट ने कहा- कोई सड़क पर चलता है या नहीं, इस पर हम कैसे नजर रख सकते हैं?

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नई दिल्ली. लॉकडाउन के बीच देश के कई शहरों से अपने घर के लिए पैदल निकले प्रवासी मजदूरों से संबधित एक जनहित याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोई सड़क पर चलता है या नहीं, इस पर हम कैसे नजर रख सकते हैं? मजदूरों की सुविधाओं और उन्हें घर पहुंचाने की व्यवस्था को लेकर राज्य सरकारों को फैसला करने दीजिए।

महाराष्ट्र के औरंगाबाद में कुछ दिन पहले हुए रेल हादसे में 16 मजदूरों की मौत हो गई थी। इस और कुछ अन्य मुद्दे को आधार बनाते हुए एडवोकेट अलख आलोक श्रीवास्तव ने यह याचिका दायर की थी।

कलेक्टरों को आदेश देने की मांग

याचिका में कहा गया था- सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को सड़क और पटरियों  पर चल रहे मजदूरों के रहने, खाने और उन्हें घर तक पहुंचाने की व्यवस्था कराने के लिए आदेश दे। इस बारे में केंद्र सरकार तमाम जिला कलेक्टरों को आदेश दे। याचिका में  औरंगाबाद रेल हादसे का मुख्य तौर पर उल्लेख किया गया था। इसके अलावा यूपी, बिहार और मध्यप्रदेश में हुई सड़क दुर्घटनाओं में इन मजदूरों की मौत का भी जिक्र किया गया।

मजदूरों को कैसे रोका जा सकता है?

याचिका का मुताबिक, सरकार मजदूरों के लिए तमाम व्यवस्थाओं का दावा कर रही है लेकिन यह सच्चाई नहीं है। तीन जजों की बेंच में शामिल जस्टिस एलएन राव ने कहा- लोग सड़क पर चल रहे हैं तो उन्हें कैसे रोका जा सकता है? जस्टिस संजय किशन कौल बोले ”याचिका सर्फ अखबारों की खबरों पर आधारित है। लोग सड़क पर जा रहे हैं। पैदल चल रहे हैं। कोई रेल की पटरियों पर सोता है तो उसे कैसे रोका जा सकता है? अच्छा होगा इस मामले में राज्य सरकारों को फैसला लेने दिया जाए।”

केंद्र सरकार ने कहा, ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था हुई फिर भी लोग पैदल जा रहे
सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से भी पूछा कि, क्या पैदल चलकर जा रहे मजदूरों को किसी तरह से रोका जा सकता है? इस पर केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरन तुषार मेहता ने कहा- राज्य सरकारें मजदूरों को उनके घर पहुंचाने की व्यवस्था कर रही हैं। ट्रेनें चलाई जा चुकी हैं। इसके बावजूद भी लोग निकल रहे हैं। वो इंतजार करने भी तैयार नहीं हैं। उन्हें रोकने के लिए लिए ताकत का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, इसके विरोध में हालात बिगड़ने का खतरा है।

आज 55 नए पॉजिटिव मिले; मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा- एक भी मजदूर पैदल जाता दिखा तो एसडीएम जिम्मेदार होंगे

जयपुर. राजस्थान में शुक्रवार को 55 नए पॉजिटिव केस मिले। इनमें कोटा में 29, जयपुर में 11, उदयपुर में 9, झुंझुनू, करौली, दौसा, डूंगरपुर, बारां, भरतपुर में 1-1 संक्रमित मिला। अब तक कुल 4589 पॉजिटिव मिल चुके हैं। उधर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रवासी मजदूरों का पैदल अपने घरों के लिए रवाना होना बेहद तकलीफदेह है। उन्होंने बताया कि राज्य में कहीं भी मजदूर पैदल जाते दिखे तो एसडीएम (सब डिविजनल मजिस्ट्रेट) जिम्मेदार होंगे।

राज्य में तीन महिला डीएसपी डीएसपी प्रेम धणदे, सुधा पालावत और चेतना भाटी ने गर्भवती महिलाओं की मदद के लिए हैलो मम्मी वॉट्सऐप ग्रुप बनाया है। इस ग्रुप से अब तक कर्फ्यू क्षेत्र की 150 गर्भवती महिलाएं जुड़ चुकी हैं। इसके जरिए दो दिन में चार गर्भवती महिलाओं को मदद पहुंचाई गई है।

कोरोना अपडेट्स 

  • अजमेर: जेएलएन अस्पताल के शिशु यूनिट स्थित एसएनसीयूआई में ड्यूटी पर तैनात नर्सेज इन दिनों चार दिन की नवजात के लिए पूरी ‘दुनिया’ बनी हुई हैं। जनाना अस्पताल में गत दिनों पॉजिटिव आई एक प्रसूता को कोरोना वार्ड में भर्ती किया गया है। एहतियातन, प्रसूता के पति को भी क्वारैंटाइन सेंटर भेज दिया गया।
अजमेर के जेएलएन अस्पताल में नर्से नवजात को संभाल रही हैं।
  • जयपुर: शहर में पुलिस ने मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग के लिए एक अभियान शुरू किया है। सोमवार से नियमों का पालन नहीं किया तो जुर्माना वसूला जाएगा।
  • जालोर: शहर में एक संक्रमित व्यक्ति मिलने के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया है। इसके अलावा, भड़वल, सियाणा, जूनीबाली, कलापुरा, राजीकावास और पावटी में पहले से ही कर्फ्यू लागू है। गोलाना गांव में भी सख्त पाबंदी है।
  • उदयपुर: स्थानीय प्रशासन ने बताया कि राज्य सरकार से एक दिन पहले दुकान, रेस्टोरेंट, भोजनालय खोलने को मिली छूट के बावजूद नगर निगम क्षेत्र के कंटेनमेंट जोन एरिया और जिले के समस्त कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्र में यह छूट लागू नहीं होगी।
बारां फोरलेन पर घर जा रहे 10 युवाओं की टोली। ये सभी उदयपुर में बिल्डिंग मजदूर थे। उन्होंने बताया सरकार ने ट्रेन चलाई तो लगा कि घर पहुंच सकते हैं। दो बार स्टेशन से लौटा दिया गया। जेब में खाने के लिए भी पैसे नहीं बचे तो पैदल ही निकल पड़े।

33 में से 31 जिलों में पहुंचा कोरोना

  • प्रदेश में संक्रमण के सबसे ज्यादा केस जयपुर में हैं। यहां 1375 (2 इटली के नागरिक) संक्रमित हैं। इसके अलावा जोधपुर में 1002 (इनमें 47 ईरान से आए), कोटा में 299, अजमेर में 242, उदयपुर में 325, टोंक में 144, चित्तौड़गढ़ में 142, नागौर में 156, भरतपुर में 122, बांसवाड़ा में 68, पाली में 100, जैसलमेर में 55 (इनमें 14 ईरान से आए), झालावाड़ में 47, झुंझुनूं में 53, भीलवाड़ा में 43, बीकानेर में 40, मरीज मिले हैं। उधर, दौसा में 29, धौलपुर में 24, अलवर में 33, चूरू में 31, राजसमंद में 30, जालौर में 64, सिरोही में 22, डूंगरपुर में 15, हनुमानगढ़ में 12, सीकर में 19, सवाई माधोपुर में 16, बाड़मेर में 16, करौली में 9, प्रतापगढ़ में 4 कोरोना मरीज मिल चुके हैं। बारां में 4 संक्रमित मिले हैं। जोधपुर में बीएसएफ के 43 जवान भी पॉजिटिव मिल चुके हैं। वहीं दूसरे राज्यों से आए 5 लोग पॉजिटिव मिले।
  • राजस्थान में कोरोना से अब तक 125 लोगों की मौत हुई है। इनमें जयपुर में 67 (जिसमें चार यूपी से), जोधपुर में 17, कोटा में 10, अजमेर में 5, पाली और नागौर में 3-3, करौली, अलवर, बीकानेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, सीकर और भरतपुर 2-2, जालौर, बांसवाड़ा, चूरू, प्रतापगढ़, सवाई माधोपुर और टोंक में 1-1 की मौत हो चुकी है।

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