नई दिल्ली. अल्ट्रावायलेट सैनेटाइजर क्या है, कोरोना के लक्षण दो-तीन दिन में ही क्यों दिखते हैं और कोरोना की मौजूदा क्या है, ऐसे कई सवालों के जवाब सफदरजंग अस्पताल, नई दिल्ली के विशेषज्ञ डॉ. बलविंदर सिंह ने आकाशवाणी को दिए। जानिए कोरोना से जुड़े सवाल और एक्सपर्ट के जवाब
#1) किस ब्लड ग्रुप के लोगों को कोरोनावायरस का खतरा ज्यादा होता है?
कोरोना नए तरह का वायरस है, इस पर खोज चल रही है क्योंकि यह पूरी दुनिया में फैला है। अगर कोई पुख्ता रिपोर्ट आती है तभी कुछ मान्य हो सकता है। अभी वायरस किसी भी शरीर में प्रवेश कर सकता है फिर चाहे वो किसी भी ब्लड ग्रुप का हो।
#2) अल्ट्रावायलेट सेनेटाइजर क्या है?
अगर वायरस से संक्रमित मरीज खांसते या छींकते हैं तब मुंह या नाक से निकलने वाले ड्रॉपलेट कहां-कहां गिरे हैं यहा पता नहीं चलता। ऐसे में अल्ट्रावायलेट किरणों से वायरस को नष्ट किया जा सकता है। यूवी किरणों से किसी स्थान को सैनेटाइज करने वाले उपकरणों को यूवी सैनेटाइजर कहा जाता है। इससे लैपटॉप, फाइल पर मौजूद वायरस को नष्ट किया जा सकता है। इसका प्रयोग मॉल, ऑफिस में भी किया जा सकता है।
#3) क्या खुले जख्म के जरिए कोरोनावायरस शरीर में प्रवेश कर सकता है?
अभी तक ऐसा कोई केस नहीं आया है कि किसी जख्म या चोट से वायरस का संक्रमण हुआ हो। अभी तक केवल एक-दूसरे से संपर्क में आने पर ही वायरस फैल रहा है। वो भी नाक या मुंह के रास्ते और कभी-कभी आंख के जरिए। इसलिए नाक, मुंह और आंख को छुएं नहीं।
#4) कोरोना के लक्षण दो-तीन दिन में ही क्यों दिखते हैं, दूसरी बीमारियों में ऐसा नहीं होता, क्यों?
हमारे शरीर में एंटीबॉडी होते हैं जो हर बीमारियों से लड़ते हैं। जैसे ही किसी बीमारी का हमला होता है एंटीबॉडी बढ़ने लगते हैं। कई बार लोगों में लक्षण या तो दिखते ही नहीं या देरी से दिखते हैं। ठीक वैसे ही कोरोनावायरस जब शरीर में प्रवेश करता है तो बहुत तेजी से फैलता है और उतनी ही तेजी से एंटीबॉडी बनने लगते है। वायरस नष्ट होने लगता है। लक्षण तभी दिखाई देते हैं। इस दौरान वायरस का प्रभाव ज्यादा होता है। ज्यादातर मामलों में लक्षण दिखने में 2 से 3 दिन लग जाते हैं। हालांकि कभी-कभी 14 दिन भी लग सकते हैं.
#5) कोरोना की मौजूदा स्थिति को आप कैसे देखते हैं?
अब जैसे-जैसे टेस्टिंग बढ़ रही है, पॉजिटिव मामले भी बढ़ रहे हैं। इसके लक्षण शुरुआत में हल्के होते हैं, जिससे कई बार पता नहीं चलता लेकिन टेस्ट में वो सामने आ जाता है। इसके लिए लॉकडाउन में जो ढील दी गई है उसमें सावधानी बरतें। हालांकि हमारे यहां ठीक होने वाले मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। तमाम लोग तो हल्के लक्षण के बाद अपने-आप ठीक हो रहे हैं। एक दिन में एक हजार के करीब लोग ठीक हुए हैं। जिनकी मृत्यु हुई है उनमें सबसे ज्यादा संख्या उनकी है जो 65 साल के ऊपर के थे और जिन्हें पहले से कोई बीमारी थी।
#6) बाहर से आने पर कपड़े कैसे साफ करें?
अगर बाहर गए हैं, ऑफिस या भीड़-भाड से गुजरे हैं तो वापस आकर गर्म पानी में डिटर्जेंट पाउडर मिलाकर 10 मिनट के लिए कपड़ों को भिगो दें। उसके बाद धोएं। अगर तेज धूप है तो वहां भी कुछ घंटों के लिए कपड़ों को छोड़ सकते है। अल्ट्रावायलेट किरणों से वायरस नष्ट हो जाते हैं। अगर धूप नहीं निकली है तब आप कपड़ों को धो लें और आयरन भी कर सकते हैं।