तिरुपति: 8 टन सोना और 14 हजार करोड़ रुपये की एफडी, फिर भी नहीं है कर्मचारियों को सैलरी देने के पैसे

तिरुमला स्थिति श्री वेंकटेश्वेर मंदिर के ट्रस्ट का कहना है कि लॉकडाउन में मंदिर रहने की वजह से उसके पास कर्मचारियों को सैलरी देने व अन्य खर्चों के लिए पर्याप्त कैश नहीं है. मंदिर के ट्रस्ट के पास 8 टन सोने का रिजर्व और 14 हजार करोड़ रुपये की एफडी है.

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तिरुपति. दुनिया के सबसे अमीर मंदिर ट्रस्ट ‘तिरुमला तिरुपति देवस्थानम्स’ (TTD) ने कहा कि उसने लॉकडाउन में 400 करोड़ रुपये खर्च कर दिए हैं.​ तिरुमाल में श्री वेंकटेश्वर मंदिर (Shree Venketeshwar Temple) के इस ट्रस्ट का कहना है कि अब उसके पास रोजमर्रा के खर्च और कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए कैश नहीं है. अधिकारियों का कहना है कि ट्रस्ट ने लॉकडाउन के दौरान करीब 300 करोड़ रुपये का इस्तेमाल सैलरी, पेंशन और और अन्य फिक्स्ड खर्च पर किया है.

ट्रस्ट के पास 8 टन सोना और 14 हजार करोड़ रुपये का एफडी
ट्रस्ट के अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी में कहा गया है कि मौजूदा संकट में उपलब्ध कैश से ही यह खर्च किए गए हैं. ट्रस्ट के पास करीब 8 टन सोना और 14,000 करोड़ रुपये का फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) है. लॉकडाउन की वजह से करीब 50 दिन से मंदिर पूरी तरह से बंद है. फिलहाल अभी यह भी साफ नहीं है कि आम लोगों के लिए मंदिर को कब तक खोला जाएगा.

हर महीने करीब 220 करोड़ रुपये का खर्च

ट्रस्ट के चेयरमैन वाई वी सुब्बा रेड्डी ने कहा, ‘TTD अपने कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन देने के लिए बाध्य है. इसके अलावा रेवेन्यू न होने के बावजूद भी अन्य तय खर्च करने होते हैं. TTD विभिन्न कार्यों के लिए सालाना 2,500 करोड़ रुपये खर्च करता है.’ रेड्डी ने कहा तिरुमला मंदिर में हर महीने औसतन 200-220 करोड़ रुपये का इनकम आता है. लेकिन लॉकडाउन के बाद कोई इनकम नहीं आया है.

ऐसे होती है ट्रस्ट की कमाई
ट्रस्ट के अधिकारियों का कहना है कि मंदिर में हर दिन औसतन 80,000 से 1 लाख लोग पूजा करने आते हैं. फेस्टिव सीजन में इस संख्या में लोगों की संख्या और भी बढ़ जाती है. वित्त वर्ष 2020-21 के लिए ट्रस्ट ने 3,309.89 करोड़ रुपये का सालाना बजट निर्धारित किया है. लेकिन, 20 मार्च के बाद से ही हुंडी कलेक्शन में लगातार गिरावट रही है. इससे अब तक 150-170 करोड़ रुपये का कम कलेक्शन हुआ है. ट्रस्ट के रेवेन्यू के अन्य साधनों में दर्शन टिकट की बिक्री, अर्जित सेवा, प्रसाद, रहने की व्यवस्था और दान है, जोकि अब तक बिल्कुल बंद हो चुका है.

कर्मचारियों की सैलरी पर 120 करोड़ रुपये का खर्च
ट्रस्ट ने चालू वित्त वर्ष की सैलरी पर होने वाले खर्च का निर्धारण 1,385.09 करोड़ रुपये किया है. ट्रस्ट को हर महीने कर्मचारियों की सैलरी पर करीब 120 करोड़ रुपये खर्च करने होते हैं. इसके अलावा ट्रस्ट ने SYVIMS और BIRRD को 400 करोड़ रुपये का ग्रांट भी जारी किया है. इसमें अन्य स्वास्थ्य संगठन भी शामिल हैं.

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