खतरे के बावजूद स्वस्थ लोगों को किया जाएगा कोरोना संक्रमित? WHO की सहमति
आमतौर पर पहले से ही संक्रमित हो चुके लोगों पर वैक्सीन का ट्रायल किया जाता है. ऑक्फोर्ड यूनिवर्सिटी और इंपेरियल कॉलेज लंदन की ओर से ऐसे लोगों पर ही ट्रायल शुरू किया गया है. हालांकि, ये प्रक्रिया धीमी होती है और इसमें तेजी लाने के लिए चैलेंज ट्रायल की बात उठी है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने उस विवादित ट्रायल को अपना समर्थन दिया है जिसमें स्वस्थ लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित किया जाएगा. इस दौरान वॉलंटियर करने वाले लोगों के गंभीर रूप से बीमार पड़ने का खतरा भी बना रहेगा.
- डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, WHO का कहना है कि हेल्दी वॉलंटियर्स को कोरोना संक्रमित कराने से वैक्सीन तैयार करने की प्रक्रिया में तेजी आएगी. स्वास्थ्य संगठन ने इसी वजह से इसे नैतिक रूप से भी सही करार दिया है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वैक्सीन के ट्रायल को लेकर आठ शर्तें भी निर्धारित की हैं. इसके तहत सिर्फ 18 से 30 साल के लोगों को ही शामिल किया जा सकेगा.स्वस्थ लोगों को संक्रमित कराने के बाद उन पर वैक्सीन के असर देखने को चैलेंज ट्रायल भी कहते हैं. मलेरिया, टाइफाइड, फ्लू की वैक्सीन तैयार करने के लिए ऐसे प्रयोग किए गए हैं. हालांकि, इन बीमारियों के ट्रीटमेंट के लिए दवाइयां मौजूद थीं.
लेकिन कोरोना वायरस से बीमार पड़ने पर फिलहाल कोई ट्रीटमेंट मौजूद नहीं है. इसकी वजह से किसी स्वस्थ व्यक्ति के संक्रमित कराए जाने के बाद उसके गंभीर रूप से बीमार पड़ने पर ठीक करना मुश्किल होगा.
आमतौर पर पहले से ही संक्रमित हो चुके लोगों पर वैक्सीन का ट्रायल किया जाता है. ऑक्फोर्ड यूनिवर्सिटी और इंपेरियल कॉलेज लंदन की ओर से ऐसे लोगों पर ही ट्रायल शुरू किया गया है. हालांकि, ये प्रक्रिया धीमी होती है और इसमें तेजी लाने के लिए चैलेंज ट्रायल की बात उठी है.
बता दें कि भारत सहित दुनियाभर में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. भारत में रविवार की सुबह तक करीब 63 हजार कोरोना मरीज हो चुके हैं. वहीं 2109 लोगों की जान जा चुकी है.