खाड़ी देशों में फंसे भारतीयों का दर्द: 40 दिनों से बेरोजगार बैठे हैं, कैसे दे स्पेशल हवाई यात्रा के टिकट के पैसे?

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अबुधाबी. दुनिया भर में फैले कोरोना वायरस के चलते भारत सरकार ने अलग-अलग देशों में फंसे भारतीय नागरिकों को स्वदेश को वापस लाने का फैसला किया है. इसके लिए सरकार ने वंदे भारत मिशन और ऑपरेशन समुद्र सेतु शुरू किया है. वंदे भारत मिशन एक ओर जहां विमान से लाये जा रहे यात्रियों के लिए है तो वहीं ऑपरेशन समुद्र सेतु के तहत भारतीय नौसेना के जहाजों के जरिए लोगों को रेस्क्यू किया जा रहा है.

  • वंदे भारत मिशन और ऑपरेशन समुद्र सेतु के तहत अब तक कई भारतीय लाये जा चुके हैं. सरकार की मंशा है कि विदेशों में फंसे 2 लाख लोगों को इन मिशनों के लिए स्वदेश लाया जाए. हालांकि इसके तहत यात्रा करने वालों को धनराशि अदा करनी होगी. अब उनके लिए समस्या है जिनके पास पैसे नहीं है और उनकी नौकरी भी चली गई है.
  • इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार पंजाब स्थित बरनाला निवासी हरजिंदर इसी समस्या का सामना कर रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार फिलहाल अबुधाबी में रहने वाले हरजिंदर ने कहा कि ‘मैं खुश था कि सरकार ने उन लोगों को बाहर निकालना शुरू कर दिया था जो घर वापस जाना चाहते थे. लेकिन टिकट के लिए कम से कम 25,000 रुपये की जरूरत होगी. यह जानकर मेरी सारी खुशी गायब हो गई.’
  • इसी साल जनवरी में ट्रक ड्राइवर के तौर पर काम शुरू करने वाले हरजिंदर ने बताया कि एक महीने काम करने के बाद उनकी कंपनी 25 मार्च को महामारी के चलते बंद हो गई. अब वह पंजाब के ही अन्य 9 लोगों के साथ एक छोटे से कमरे में हैं, जो उनकी कंपनी ने मुहैया कराया है.

हरजिंदर ने कहा, ‘डॉक्टर लोगों से शारीरिक दूरी बनाए रखने के लिए कह रहे हैं. लेकिन एक छोटे से कमरे में दस लोग कैसे सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रख सकते हैं? यूएई में कोरोनावायरस महामारी तेजी से फैल रही है और हममें से कई लोग सामान्य बाथरूम साझा करते हुए या तो गंदे कमरों में या खुले शेड में रहने को मजबूर हैं.’

रिपोर्ट के अनुसार कुछ ऐसा ही हाल जालंधर के नकोदर निवासी हरप्रीत (26) और हरभजन (43) हैं. दोनों 40 दिनों से अबू धाबी में बिना नौकरी के फंसे हुए हैं. उनका दावा करते है कि महामारी से पहले किए गए कई महीनों के काम के लिए वेतन का भुगतान नहीं किया गया.

कपूरथला के रहने वाले गुरजीत सिंह (33) भी वापस आना चाहते हैं, लेकिन उनका कहना है कि जब तक घर वापस नहीं जा सकते जब तक सरकार उन लोगों को वापस लाने का फैसला करे जिनके पास पैसा नहीं है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार दुबई में भारत के महावाणिज्य दूतावास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बात करते हुए कहा कि दुबई और अबू धाबी से, जिनमें लगभग 1.50 लाख भारतीय शामिल हैं, पंजाबियों ने घर लौटने के लिए भारतीय वाणिज्य दूतावास के साथ पंजीकरण किया है. उनमें से अधिकांश ऐसे थे जिन्हें पिछले 6 से 9 महीनों से वेतन नहीं मिला था और वे टिकट की धनराशि अदा नहीं कर सकते थे. हालांकि, उन्होंने बतायाकि जिन लोगों के पास आपात स्थिति है उन्हें इन विशेष उड़ानों पर वापस भेजा जाएगा, जबकि अन्य को सामान्य उड़ानों के शुरू होने के लिए इंतजार करना होगा.

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