Lockdown 2.0: मजदूरों को लाने पर बिहार सरकार ने खड़े किए हाथ, सुशील मोदी बोले- हमारे पास इतने संसाधन नहीं

Lockdown 2.0: डिप्‍टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने इतना जरूर कहा कि मुख्य सचिव के साथ बैठक कर सारी बातों पर चर्चा करेंगे और कोई रणनीति बनायी जाएगी.

पटना. केंद्र सरकार ने अप्रवासी मजदूरों (Immigrant laborers) को वापस अपने गृह राज्य लाने के लिए भले ही गाइडलाइन जारी कर दिया हो पर बिहार के मजदूरों की वापसी की राह अभी भी मुश्किल है. दूसरे राज्यों में रहने वाले मजदूर कैसे वापस बिहार आएंगे, इसका कोई जवाब बिहार सरकार के पास फिलहाल नहीं है. मजदूरों को वापस लाने के मामले में बिहार सरकार (Government of Bihar) ने अपने हाथ खड़े कर दिए हैं. बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि हमारे पास इतने बस नहीं कि सबको बुलाया जा सके.

संसाधन की कमी बताते हुए सुशील मोदी मजदूरों को वापस लाने की बात पर कुछ भी साफ नहीं कर पाए. हालांकि, डिप्टी सीएम ने इतना जरूर कहा कि मुख्य सचिव के साथ बैठक कर सारी बातों पर चर्चा करेंगे और कोई रणनीति बनायी जाएगी.

विपक्ष ने सरकार की नीयत पर उठाए सवाल

बिहारी मजदूरों को वापस लाने के सवाल पर डिप्टी सीएम के हाथ खड़े कर देने पर विपक्ष ने सवाल खड़ा किया है. कांग्रेस नेता प्रेमचन्द्र मिश्रा ने कहा कि सरकार अब भाग नहीं सकती. बिहार सरकार पहले गाइडलाइन बनाने की बात कह रही थी. अब सबकुछ तय होने के बाद संसाधन का रोना रो रही है.

गृह मंत्रालय ने जारी की नई गाइडलाइन
बता दें कि बुधवार को केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के दौरान ऐसे लोगों को अपने गांव-घर जाने की अनुमति दे दी है. गृह मंत्रालय ने बुधवार को राज्यों को इस संबंध में आदेश जारी किया. इसमें कहा गया है कि फंसे मजदूरों, छात्रों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों आदि को बसों से उनके गंतव्य तक पहुंचाया जाएगा. बसों को अच्छी तरह सैनिटाइज किया जाएगा और लोगों को बैठाने में फिजिकल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखना होगा. आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है.

सीएम नीतीश कुमार ने फैसले का किया स्वागत
केंद्र ने ये भी कहा कि जहां लोगों को एक से दूसरे राज्य में जाना होगा, वहां दोनों राज्य आपसी समन्वय से कदम उठाएंगे. वहीं, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि यह हमलोगों का आग्रह था जिसपर केंद्र सरकार ने सकारात्मक निर्णय लिया. गौरतलब है कि 27 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री ने इस पर नीति बनाने की मांग की थी.

COVID-19: रोहतास के ग्रामीण क्षेत्रों में फैला संक्रमण, जमुहार के दो स्वास्थ्यकर्मी भी कोरोना पॉजिटिव
सासाराम. कोरोना पॉजिटिव (Corona positive) मरीजों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. बुधवार को रोहतास के 32 लोगों की कोरोना जांच रिपोर्ट आई  जिसमें से 2 लोगों में कोरोना पॉजिटिव पाया गया. बता दें कि जिन दो लोगों में कोरोना वायरस का संक्रमण मिला है वह दोनों नारायण मेडिकल कॉलेज, जमुहार के ही स्वास्थ्यकर्मी हैं. इनमें एक नर्सिंग स्टाफ तथा दूसरा तकनीशियन है. अस्पताल के दो कर्मियों का एक साथ संक्रमित हो जाने के बाद यहां कार्यरत डॉक्टर तथा कर्मचारी सतर्क हो गए हैं. .

रोहतास में कोरोना मरीजों की संख्या हुई 33

बता दें कि रोहतास जिला में अब तक मरीजों की संख्या 33 हो गई. जिला में पहला कोरोना पॉजिटिव 22 अप्रैल को मिले थे. उसके एक दिन बाद छह अन्य लोगों में भी कोरोना का संक्रमण पाया गया था. फिर मात्र 4 दिनों के बाद ही एक साथ 16 लोग में यह संक्रमण मिला. 5 दिनों में 31 मरीजों में कोरोना का पॉजिटिव रिपोर्ट मिलने के बाद स्वास्थ्य महकमा सहित पूरा जिला प्रशासन सतर्क हो गया. प्रभावित इलाकों की बैरिकेडिंग की गई तथा कंटेनमेंट जोन बनाकर एहतियातन आवाजाही पर रोक लगा दी गई.

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28 पॉजिटिव मरीजों का इलाज जमुहार में

रोहतास के डेहरी स्थित नारायण मेडिकल कॉलेज, जमुहार में 33 में से 28 कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज चल रहा है. वहीं 5 मरीजों को एनएमसीएच पटना रेफर किया गया है. बता दे की इसी मेडिकल कॉलेज के दो स्वास्थ्यकर्मी भी संक्रमित हो गए हैं. मेडिकल कॉलेज के ही 2 कर्मियों के रिपोर्ट आने के बाद पूरा अस्पताल प्रशासन सतर्क हो गया है एनएमसीएच जमुहार के प्रबंध निदेशक त्रिविक्रम नारायण सिंह ने बताया कि कॉलेज के ज्यादातर डॉक्टर तथा कर्मियों को क्वारंटाइन कर दिया गया है.

 

ग्रामीण क्षेत्रों में भी पहुंचा कोरोना

कोरोना का पहला पॉजिटिव मरीज सासाराम के नगर परिषद क्षेत्र में मिला था. जिसके बाद संक्रमण का जो चक्र चला, वह रोहतास जिला के आसपास के इलाकों में भी पहुंच गया. कोचस, चेनारी, करगहर, डेहरी, अगरेर, मानी में भी पॉजिटिव मरीज मिले हैं. जिला प्रशासन ने उन तमाम गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित किया है और पूरे प्रभावित क्षेत्र को बैरिकेडिंग कर सील किया है ताकि संक्रमण को बढ़ने से रोका जा सके. बता दें कि सासाराम के नगर परिषद क्षेत्र के बरादरी, गौरक्षणी, भारतीगंज, शोभागंज, अड्डा रोड, जख्खी सईद आदि मोहल्ले को भी कंटेनमेंट जोन बनाकर सील किया गया है.


खुलासा: ट्यूशन टीचर से भतीजी के अवैध संबंध का विरोध करता था चाचा, गले में फंदा डाल कर दी हत्या
बेगूसराय. अवैध संबंधों चलते हत्‍याकांड को अंजाम देने का एक मामला बेगूसराय में सामने आया है. बीते 25 अप्रैल की रात हुई युवक की हत्या (Murder) मामले का खुलासा हुआ है. इस हत्‍या को अवैध संबंधों के चलते अंजाम दिया गया था. इस मामले का खुलासा करते हुए बेगूसराय पुलिस ने एक छात्रा समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. इस हत्याकांड को अवैध संबंध का विरोध करने पर छात्रा के साथ मिलकर ट्यूशन टीचर और उनके दो साथियों ने अंजाम दिया था. बता दें कि बखरी थाना क्षेत्र के करेयटांर गांव निवासी 22 वर्षीय मिथिलेश कुमार का शव 26 अप्रैल की रात बगरस गांव के एक खेत से पुलिस ने बरामद किया था.

इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एक छात्रा, आरोपी शिक्षक अमृत कुमार और उसके दो साथी धर्मवीर कुमार और नीतीश कुमार को गिरफ्तार किया है. इस संबंध में डीएसपी कुंदन कुमार सिंह ने बताया कि हत्या के बाद पूरे मामले का खुलासा कर लिया गया है. पूरी घटना अवैध संबंध का विरोध करने के कारण अंजाम दिया गया था.

बेगूसराय में पकड़े गए हत्या के आरोपी.
डीएसपी ने बताया कि मृतक मिथिलेश कुमार की चचेरी भतीजी को गांव का ही एक शिक्षक अमृत कुमार ट्यूशन पढ़ाता था. इस दौरान दोनों में प्रेम हो गया और दोनों के बीच अवैध संबंध बन गया था. इस अवैध संबंध का विरोध अक्सर मृतक किया करता था. इसी से नाराज शिक्षक अमृत कुमार ने मिथिलेश को बुलाया और खेत में गमछा से गला दबाकर उसकी हत्या कर दी.

बहराहाल अब मामले का खुलासा हो गया है और पुलिस ने इस मामले में सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. हत्या में प्रयोग किया हुआ गमछा और मृतक का मोबाइल भी बरामद कर लिया गया है


मिसाल! क्वारंटाइन किए गए श्रमिकों ने बदल दी स्कूल की सूरत, मेहनत कर लौटाई स्कूल में रौनक
मिसाल! क्वारंटाइन किए गए श्रमिकों ने बदल दी स्कूल की सूरत, मेहनत कर लौटाई स्कूल में रौनक

 

बगहा. एक क्वारंटाइन सेंटर (Quarantine Center) में रहने वाले श्रमिकों ने अभूतपूर्व कार्य किया है. रमपुरवा राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय के श्रमिकों ने अपनी मेहनत से सूरत बदल डाली. जिला प्रशासन ने इन प्रवासी श्रमिकों के कार्यों की सराहना की है और इनके सुखद भविष्य की कामना की है. दरअसल बगहा-02 प्रखंड के लक्ष्मीपुर रमपुरवा पंचायत में क्वारंटाइन किये गये 40 प्रवासी श्रमिकों ने इस क्वारंटीन अवधि को स्वयं के साथ अपने परिवार एवं पूरे समाज के लिए वरदान माना और सामूहिक श्रम से अनूठी मिसाल कायम कर दी.

दिनचर्या तय कर बिखेरी नई चमक

क्वारंटाइन किये गये श्रमिकों ने क्वारंटाइन अवधि के दौरान पहले दिनचर्या तय की और दिन के हिसाब से कार्य तय किए. सबसे पहले पूरे विद्यालय में स्वच्छता अभियान चलाया और पूरे परिसर को चकाचक कर दिया. इसके बाद स्कूल की चहारदीवारी,  भवन और कमरों का भी रंगरोगन किया और उनमें नई चमक बिखेर दी.

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सोशल डिस्टेंसिंग के साथ समाज सेवा

इसके साथ ही स्कूल परिसर स्थित खेल के मैदान का भी सौंदर्यीकरण किया उसका काया पलट कर इस लायक बना दिया जो कोई भी देखे उसका मन मैदान में उतरने को कर जाए. स्कूल में लगे उद्यान में भी बागवानी की और उसे भी एक सुंदर रूप दे दिया. सबसे सुखद बात यह रही कि विद्यालय का सौंदर्यीकरण करने के दौरान प्रवासी श्रमिकों ने सोशल डिस्टेंसिंग का बखूबी पालन किया.

स्कूल में कार्य करते हुए श्रमिकों ने सोशल डिस्टेंसिंग का भी बखूबी पालन किया.

जिला प्रशासन कर रहा सराहना

विद्यालय भवन में बने क्वारंटाइन सेंटर के श्रमिकों द्वारा किये कार्यों की सराहना हो रही है. ग्रामीणों एवं पंचायत वासियों ने भी प्रवासी श्रमिकों के इस अभूतपूर्व कार्यों की काफी प्रशंसा की है. पश्चिम चम्पारण के डीएम कुंदन कुमार ने इस विद्यालय को संवारने वाले श्रमिकों की पहल की सराहना की है. उन्होंने सोशल मीडिया पर तस्वीरों को न सिर्फ साझा किया बल्कि इसे अनुकरणीय बताते हुए उनके सुखद जीवन की कामना भी की है.

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