COVID-19: 24 घंटे में 1543 केस, 684 मरीज ठीक हुए, 17 जिलों में 28 दिन से कोई केस नहीं
गृह मंत्रालय ने बताया कि आईएमसीटी टीमें सूरत और अहमदाबाद गईं जहां उन्होंने पाया कि सूरत में प्रशासन आधुनिक तरीकों का इस्तेमाल करके मामलों के बारे में जानकारी ले रही है.
नई दिल्ली. स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने मंगलवार को दैनिक प्रेस वार्ता में कहा देश के 17 जिलों से 28 दिन से कोई नया केस सामने नहीं आया है. देश में पिछले 24 घंटे में 1543 नए केस सामने आए जिसके बाद संक्रमितों की संख्या बढ़कर 29435 हो गई है. इसमें से 21632 एक्टिव केस हैं. देश में एक दिन में 684 लोग ठीक हुए. अब तक देश में कुल 6868 ठीक हो चुके हैं. जिसके चलते रिकवरी रेट बढ़कर 23.3 प्रतिशत हो गया है. अब तक 934 लोगों की मौत हो चुकी है.
Plasma therapy is being experimented, however no evidence that this can be used as a treatment. National level study launched by ICMR to study efficacy: Lav Aggarwal, Joint Secretary, Ministry of Health pic.twitter.com/5fs2goReSc
— ANI (@ANI) April 28, 2020
कोरोना के लिए अभी कोई अप्रूव थेरेपी नहीं
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कोरोना के मरीजों को आरोग्य सेतु ऐप को डाउनलोड करना जरूरी है. मरीज ट्रिपल लेयर मास्क का उपयोग करें. कोरोना वायरस को लेकर अभी तक कोई अप्रूव थेरेपी नहीं है. प्लाज्मा थेरेपी को लेकर प्रयोग चल रहे हैं. प्लाज्मा थेरेपी से ठीक न होने पर जान जाने का खतरा, इस पर भी रिसर्च और ट्रायल जारी है. इसे लेकर किसी तरह का दावा करना गलत होगा.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि प्लाज्मा थेरेपी को अभी तक आईसीएमआर की ओर से अप्रूव नहीं किया गया है. आईसीएमआर ने केवल इसे ट्रायल और रिसर्च के तौर पर आजमाने के लिए कहा है. इसे लेकर अभी तक कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं कि इसका ट्रीटमेंट के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है. अमेरिका में भी इसे अभी एक्सपेरिमेंट के रूप में ही लिया जा रहा है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि आईसीएमआर ने एक नेशनल स्टडी को लॉन्च किया है. जिसके तहत प्लाज्मा थेरेपी के प्रभाव का अध्ययन किया जाएगा. जब तक यह अध्ययन पूरा नहीं हो जाता तब तक आईसीएमआर प्लाज्मा थेरेपी को मंजूरी नहीं देगा.
आईएमसीटी टीमें सूरत और अहमदाबाद गईं
गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि सूरत में प्रवासी मजदूरों के लिए NGO, प्रशासन और इंडस्ट्रीज़ ने मिलकर खाने के पैकेट्स और राशन किट्स का इंतजाम किया. IMCT ने प्रशासन को श्रमिकों को कोरोना की जानकारी उन्हीं की भाषा में देने का सुझाव दिया है.
गृह मंत्रालय ने बताया कि आईएमसीटी टीमें सूरत और अहमदाबाद गईं जहां उन्होंने पाया कि सूरत में प्रशासन आधुनिक तरीकों का इस्तेमाल करके मामलों के बारे में जानकारी ले रही है. प्रशासन तेजी से टेस्ट कर रहा है. गृह मंत्रालय ने बताया कि अहमदाबाद के एक गांव में ग्राम योद्धा टीम बनाई गई है. जो लोगों के घरों तक जरूरी सामान पहुंचाती है. इसके साथ ही सभी से सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन कराती है.