संसद का कंट्रोल रूम ऐसे खत्म करेगा केंद्र सरकार और राज्यों के बीच की दूरी को

राजस्थान, हरियाणा, ओडिशा, दिल्ली, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश राज्य विधानमंडलों ने अपने-अपने विधानमंडल सचिवालयों में सबसे पहले नियंत्रण कक्ष स्थापित किये हैं, जिन्होने कार्य करना शुरू कर दिया है.

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कोरोना वायरस (Coronavirus) खतरे के मद्देनजर देश के हर सांसद और विधायक ने अपनी निधि की राशि इस खतरे से निपटने के लिए दान कर दी है. इसके अलावा ये जनप्रतिनिधि अपने-अपने इलाके में लगातार सक्रिय हैं. इस खतरे का मुकाबला करने के लिए ऐसे में केंद्र सरकार की ओर से उन्हें क्या जानकारी चाहिए, उनके अपने क्या सवाल हैं जिसे वह केंद्र सरकार तक पहुंचाना चाहते हैं. इस दूरी को कम करने के लिए संसद भवन में बनाया गया है एक कंट्रोल रूम. इसका मकसद है सांसदों और विधायकों के प्रयास में बेहतर समन्वय करना.

  • लोकसभा अध्यक्ष की राज्य विधानमंडलों के पीठासीन अधिकारियों के साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान लिए गए निर्णय के अनुसार इस नियंत्रण कक्ष को स्थापित किया गया. 21 अप्रैल, 2020 को राज्य विधानमंडलों के पीठासीन अधिकारियों के साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की पहल पर लिए गए निर्णय के अनुसार लोकसभा सचिवालय में तत्काल प्रभाव से एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है.
  • जिसका उद्देश्य कोविड-19 का मुक़ाबला करने के लिए तुरंत सहायता पहुंचाने के लिए सांसदों, विधायकों और आम जनता के बीच शीघ्र संपर्क स्थापित करने में मदद करना है. इस महामारी के दौरान आम जनता को राहत पहुंचाने के लिए देश में सांसदों और विधायकों/विधान परिषद के सदस्यों की भूमिका और प्रयासों का उल्लेख करते हुए बिरला ने इस बात पर जोर दिया था कि संसद और राज्य विधानमंडल कार्यपालिका के साथ खड़े हैं. सांसद और विधायक, विधान सभा परिषद के सदस्य इस महामारी को फैलने से रोकने के राष्ट्रीय प्रयासों में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं.
  • बातचीत के दौरान बिरला ने सभी राज्य विधानमंडलों से अनुरोध किया था कि वे विभिन्न राज्य विधानमंडलों और संसद के बीच जानकारी के रियल टाइम आदान प्रदान के लिए एक नियंत्रण कक्ष की स्थापना करें, जिससे सांसदों, विधायकों, विधान परिषद के सदस्यों  को कोविड 19 से उत्पन्न स्थिति का मुक़ाबला करने के लिए अपने कर्तव्य अधिक प्रभावी ढंग से निभाने में मदद मिले.
  • जिसके बाद संसद भवन में तत्काल प्रभाव से एक नियंत्रण कक्ष ने कार्य करना शुरू कर दिया है. इस नियंत्रण कक्ष का ब्योरा इस प्रकार है- जहां हर राज्य के सांसद और विधायक संपर्क कर सकते हैं और विचारों का आदान-प्रदान भी यहां किया जा सकता है.

    नियंत्रण कक्ष – दूरभाष  +911123035160, +911123035163

    गौरतलब है कि राजस्थान, हरियाणा, ओडिशा, दिल्ली, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश राज्य विधानमंडलों ने अपने-अपने विधानमंडल सचिवालयों में सबसे पहले नियंत्रण कक्ष स्थापित किये हैं, जिन्होने कार्य करना शुरू कर दिया है.

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