3 मई के बाद लॉकडाउन का क्या हो? जानिए राज्य सरकारों के मन में है ये एग्जिट प्लान

कोरोना संकट और लॉकडाउन को लेकर 'ई-एजेंडा आजतक' में राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर रघु शर्मा, छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव, बिहार के कैबिनेट मंत्री संजय झा और महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने लॉकडाउन के आगे के प्लान और इसके एग्जिट प्लान पर चर्चा की.

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कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच ‘ई-एजेंडा आजतक’ की शुरुआत हो गई है. पहले सेशन में राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर रघु शर्मा, छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव, बिहार के कैबिनेट मंत्री संजय झा, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंदर जैन और महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने हिस्सा लिया. इस दौरान कोरोना संकट पर बात करते हुए चारों मंत्रियों ने लॉकडाउन को लेकर आगे के प्लान और इसके एग्जिट प्लान पर चर्चा की.

‘ई-एजेंडा आजतक’ में राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि हमने 22 मार्च से लॉकडाउन से शुरू किया. 24 मार्च से भारत सरकार ने शुरू किया. 3 मई तक 40 दिन से ज्यादा का लॉकडाउन हो जाएगा. अगर लॉकडाउन ही कोरोना का समाधान है तो हमें इस पर काफी गंभीरता से सोचना होगा. हमें देखना होगा कि लॉकडाउन से क्या-क्या परेशानियां हो रही है. लॉकडाउन के दौरान बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाया जाना चाहिए.

वहीं, बिहार सरकार में मंत्री संजय झा ने कहा कि राज्य में अब तक करीब 15 हजार से अधिक लोगों का टेस्ट हो चुका है. सरकार हर रोज एक हजार से अधिक लोगों का टेस्ट कर रही है. हम अब तक 3.75 करोड़ लोगों का डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग कर चुके हैं. प्रदेश के पांच हॉटस्पॉट एरिया में स्क्रीनिंग की गई. बिहार में भी 22 मार्च से लॉकडाउन लागू किया गया था. लॉकडाउन को चरणवार तरीके से खत्म करना होगा. एकदम खत्म नहीं करना चाहिए.

छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि आने वाले समय में कोरोना के फैलने की संभावना है. लॉकडाउन से हम धीरे-धीरे निकल रहे हैं, हम इससे कैसे डील करेंगे अभी भी ये चुनौती है. जो कोरोना के मामले बिना लक्षण के आए हैं, वो सबसे बड़ी चुनौती है. अब लोग थका हुआ महसूस कर रहे हैं. मेरा मानना है कि लॉकडाउन से लोगों को धीरे-धीरे निकालिए. चरणवार तरीके अपनाए जाएं. सारी जानकारियां लोगों की दी जाए.

महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि महाराष्ट्र में केस डबल होने की मियाद बढ़ी है. अब यह साढ़े सात दिन में डबल हो रहा है. मृत्युदर भी सात से घटकर चार फीसदी पर आ गई है. हमारे लिए सबसे बड़ी मुश्किल है कि क्लस्टर को कैसे रोकें. होम क्वारनटीन का फायदा कई बस्तियों में नहीं दिखा, क्योंकि कई जगह छोटे घर हैं. इसलिए बस्तियों से हटाकर लोगों को सरकारी जगह पर ले जाया जा रहा है.

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