RSS के संगठन ने शुरू की ये खास प्रतियोगिता, जीतने वाले को मिलेंगे 50 लाख

सभी मानकों पर खरी उतरने वाली ऐप बनाने वाले विजेता को नकद पुरस्कार के साथ भारतीय प्रौद्यौगिकी संस्थान, रोपड़ में निःशुल्क इंटर्नशिप भी प्रदान की जाएगी.

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नई दिल्ली. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) से जुड़े भारतीय शिक्षण मंडल (Bhartiya Shikshan Mandal) ने स्वदेशी ‘वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग ऐप’ (Video Conferencing App) बनाने के लिए 50 लाख रुपये का पुरस्कार घोषित किया है. केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’  ने गुरुवार को राष्ट्रीय स्तर की इस प्रतियोगिता को लॉन्च किया.

इन मानकों पर उतरना होगा खरा
इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के इच्छुक लोगों को ऐसी ‘मोबाइल बेस्ट क्लाउड वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप’ बनानी होगी, जिसमें 50 से अधिक मोबाइल की एक साथ बीटा वर्जन कम्पेटिबिलिटी हो. इसके साथ ही साथ मोबाइल से मोबाइल ऐप डेटा पूलिंग की सुविधा हो, साथ में सर्वर की बिल्कुल भी जरूरत न हो.

विजेता को मिलेगा ये इनाम

सभी मानकों पर खरी उतरने वाली ऐप बनाने वाले विजेता को नकद पुरस्कार के साथ भारतीय प्रौद्यौगिकी संस्थान, रोपड़ में निःशुल्क इंटर्नशिप भी प्रदान की जाएगी. राष्ट्रीय स्तर की इस प्रतियोगिता में विद्यार्थी, शोध क्षात्र, और स्टार्ट अप कम्पनियां भी भाग ले सकती हैं. शोध प्रस्ताव जमा करने कि अंतिम तिथि 15 मई 2020 है. पूर्ण विकसित वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग ऐप का बीटा वर्जन जमा करने की अंतिम तिथि 31 मई 2020 होगी.

बता दें कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर जारी लॉकडाउन में लोग घर से ही दफ्तर का काम कर रहे हैं और स्कूली छात्रों की कक्षाएं भी ऑनलाइन हो रही हैं. इसी को देखते हुए भारतीय शिक्षण मंडल ने यह पहल की है ताकि दफ्तर का काम और पढ़ाई सुविधापूर्वक और सुरक्षित तरीके से हो सके. हाल ही में एक ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप को हैक करने की कई घटनाएं सामने आई थीं जिससे उसकी सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े हो गए थे.

बता दें सामाजिक संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) के अनुषांगिक संगठन सेवा भारती (Seva Bharti) संकट के समय हमेशा देश के हर कोने में सेवा कार्यों में लग जाते हैं. कोरोना वायरस संकट (Coronavirus Crisis) के बीच राजधानी दिल्ली (Delhi) में हुए लॉकडाउन (Lockdown) के बाद सेवा भारती से जुड़े हजारों स्वयंसेवकों ने गरीब बस्तियों में पहुंच कर उन्हें सहायता पहुंचाने का काम कर रही है.

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