कोरोना पर सरकार / नॉन हॉटस्पॉट जोन में दूध, ब्रेड की फैक्ट्री खोलने की छूट, आईसीएमआर ने कहा- लॉकडाउन से संक्रमण की चेन टूटी और केसों का डबलिंग रेट कम हुआ

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा- एक दिन में 380 लोग सही हुए, अब रिकवरी रेट 19.89 प्रतिशत पहुंच गया 33 गुना ज्यादा टेस्टिंग बढ़ाई गई है। आज तक देश में 5 लाख लोगों की जांच हो चुकी

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नई दिल्ली. गृह मंत्रालय ने गुरुवार को नॉन कंटेनमेंट इलाकों और नॉन हॉटस्पॉट इलाकों के लिए बड़ी छूट का ऐलान किया। मंत्रालय की संयुक्त सचिव पीएस श्रीवास्तव ने बताया कि ऐसे इलाकों में सड़क निर्माण कार्य, ईंट-भट्‌टे, दूध, ब्रेड, आटा, दाल मिलों, किताबों की दुकानें खोलने की इजाजत दे दी गई है। इस बारे में सभी राज्यों को पत्र लिखा गया है। इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के निदेशक डॉ. सीके मिश्रा ने कहा कि लॉकडाउन को आज 30 दिन पूरे हो गए हैं। मरीजों की तुलना में आज भी हम वहीं हैं, जहां 30 दिन पहले थे।

मिश्रा ने कहा- हमारे यहां संक्रमण ज्यादा नहीं फैला है। लॉकडाउन करने से देश को तीन फायदे हुए हैं। पहला संक्रमण का चेन तोड़ना, दूसरा केस की डबलिंग रेट को कम करना और तीसरा ज्यादा से ज्यादा लोगों की टेस्टिंग करना है। पहले दिन से अब तक 33 गुना ज्यादा टेस्टिंग बढ़ाई गई है। आज तक देश में 5 लाख लोगों की जांच हो चुकी है। अमेरिका, इटली और स्पेन से हमारी स्थिति बेहतर हैं। हर दिन हम सीख रहे हैं और टेस्टिंग की रणनीति में बदलाव ला रहे हैं।

इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकानें खोलने की भी अनुमति

गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पीएस श्रीवास्तव के मुताबिक, गर्मी के मौसम में इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकानें भी खोली जाएंगी। जो इलाके हॉटस्पॉट जोन में नहीं हैं, वहां राज्य सरकारें उद्योगों को शुरू करवा रही हैं।

संक्रमित मरीजों के ठीक होने का आंकड़ा बढ़ा

  • स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि पिछले एक दिन में 380 लोग सही हुए हैं। कोरोना संक्रमण से ठीक होने की संख्या में इजाफा हो रहा है। अब रिकवरी रेट 19.89 प्रतिशत पहुंच गया है।
  • जिला स्तर पर फोकस करते हुए अस्पतालों की क्षमता बढ़ाई गई है। सरकार की कोशिश है कि लोगों को अस्पताल न पहुंचना पड़े। इसके लिए सभी को सोशल डिस्टेंसिंग और अनुशासन का पालन करना होगा।
  • कोविड हेल्थ सेंटर में आइसोलेशन की सुविधा बढ़ाई गई है। होटल जैसे अन्य स्थानों पर क्वारैंटाइन की सुविधा शुरू की गई। सभी अस्पतालों में गंभीर मरीजों को ऑक्सीजन की सुविधा दी जा रही है।
  • आईसीएमआर के निदेशक ने कहा कि प्लाज्मा डोनेट करने वाले लोग खुद सामने आ रहे हैं। यह गंभीर बीमारी नहीं है। अब 90-95 फीसदी लोग खुद ठीक हो रहे हैं।
  • आईसीएमआर निदेशक ने बताया कि अभी 4.5 फीसदी सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। 3 मई के बारे में कहा नहीं जा सकता है। लॉकडाउन के बाद भी हमें कोविड और नॉन कोविड मरीजों के इलाज में सावधानी रखनी होगी। दोनों के लिए अलग-अलग अस्पताल रखने होंगे।
  • 78 जिले ऐसे हैं जहां पहले संक्रमित पाए गए थे लेकिन अब पिछले 14 दिनों से कोई नया केस  सामने नहीं आया है।

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