इयान लिपकिन ने दिया चीन का साथ, बोले- लैब नहीं चमगादड़ से आया कोरोना

चीन के वुहान में कोरोना वायरस फैलने की बात सामने आने पर इयान लिपकिन वायरस पर पड़ताल के लिए जनवरी में चीन गए और इस संबंध में पड़ताल की. बाद में वह खुद कोरोना से पीड़ित हो गए, लेकिन वह इस बीमारी से निजात पाने में कामयाब भी रहे.

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  • वैक्सीन बनने तक सामाजिक दूरी ही सबसे बड़ा इलाज’
  • खुद कोरोना वायरस के शिकार हो गए थे इयान लिपकिन

खतरनाक कोरोना वायरस से निजात पाने के बाद अपने पहले इंटरव्यू में विश्व प्रसिद्ध वॉयरोलॉजिस्ट डॉक्टर इयान लिपकिन ने चीन का साथ देते हुए उस दावे को नकार दिया जिसमें कहा जा रहा है कि यह खतरनाक वायरस चीन के किसी लैब से आया. उन्होंने दावा किया कि यह वायरस चमगादड़ से फैला.

इंडिया टुडे के खास कार्यक्रम न्यूजट्रैक में इंडिया टुडे के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए न्यूयॉर्क से इंटरव्यू में शामिल हुए डॉक्टर इयान लिपकिन ने कोरोना वायरस के पीछे चीन के लैब थ्योरी को नकारते हुए कहा कि यह वायरस चमगादड़ों से फैला है. यह किसी लैब से नहीं आया.

पिछले साल दिसंबर में चीन के वुहान में कोरोना वायरस फैलने की बात सामने आने पर इयान लिपकिन वायरस पर पड़ताल के लिए जनवरी में चीन गए और इस संबंध में पड़ताल की.

खुद कोरोना वायरस की चपेट में आने और इस बीमारी से निजात पाने के बाद विश्व प्रसिद्ध वॉयरोलॉजिस्ट इयान लिपकिन ने कहा कि अब वह पूरी तरह से ठीक हैं. इसके साथ ही उन्होंने यह भी दावा कि कोरोना बहुत खतरनाक नहीं होगा.

‘साल के अंत तक वैक्सीन की उम्मीद’

दुनिया के शीर्ष वॉयरोलॉजिस्ट में शुमार किए जाने वाले डॉक्टर इयान लिपकिन ने कहा कि कोरोना के इलाज के लिए वैक्सीन बेहद जरूरी है और इसे जल्द से जल्द तैयार कर लिया जाना चाहिए. और जब तक यह वैक्सीन नहीं बन जाता तब तक सावधानी ही इसका सबसे बड़ा इलाज है. इस साल के अंत तक वैक्सीन के बन जाने की उम्मीद है.

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