नीति आयोग के CEO बोले-कोरोना के खिलाफ जंग में केरल ने दिखाया रास्ता, आगे भी पहनना पड़ सकता है मास्क

नीति आयोग (NITI Aayog) के सीईओ अमिताभ कांत (Amitabh Kant) ने कहा कि बेशक केरल ने कोरोना (Coronavirus) के खिलाफ जंग में देश को रास्ता दिखाया है, लेकिन इस महामारी के बाद हमारी जिंदगी पहले जैसी नहीं रहेगी. इसमें कई बदलाव आ जाएंगे.

नई दिल्ली. कोरोना वायरस की वजह सेदेशव्यापी लॉकडाउन (Coronavirus Lockdown) का आज 28वां दिन है, लेकिन हर दिन कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं. संक्रमितों का आंकड़ा 18 हजार पार कर गया है. इस बीच केरल, गोवा और मणिपुर ने कोरोना के मामलों में काबू पाकर देश को रास्ता दिखाया है. ऐसे में नीति आयोग (NITI Aayog) के सीईओ अमिताभ कांत (Amitabh Kant) ने भी इन राज्यों खासकर केरल सरकार की तारीफ की है. अमिताभ कांत ने कहा कि बेशक केरल ने कोरोना के खिलाफ जंग में देश को रास्ता दिखाया है, लेकिन इस महामारी के बाद हमारी जिंदगी पहले जैसी नहीं रहेगी. इसमें कई बदलाव आ जाएंगे. सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनना हमारे जीवन का हिस्सा हो जाएगा.

सूत्रों के मुताबिक, आज शाम 4 बजे साउथ ब्लॉक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) की अध्यक्षता में मंत्रियों के समूह की बैठक होगी. बैठक में 3 मई के बाद राहत और रियायत देने पर चर्चा होगी. CNN News18 में जारी रिपोर्ट के मुताबिक, 3 मई के बाद लॉकडाउन बढ़ने जैसी बात की संभावना नहीं है. लॉकडाउन के बाद शर्तों के साथ छूट मिलेगी, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाना होगा. ट्रेन, प्लेन से आवागमन की फिलहाल छूट मिलने की उम्मीद नहीं है.

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने भी इस बात की ओर इशारा किया. उन्होंने कहा, ‘कोरोना महामारी ने हमारी जिंदगी में बड़ा बदलाव ला दिया है. इस वायरस से बचने और इसे फैलने से रोकने के लिए हमें लंबे समय तक मास्क पहनना पड़ सकता है. सोशल डिस्टेंसिंग को हमें अपनी रोजमर्रा की आदतों का हिस्सा बनाना होगा.’

अमिताभ कांत ने कहा कि कोरोना ने महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा तबाही मचाई है. लिहाजा हम इस राज्य पर लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी फोकस रखेंगे. इसके अलावा दिल्ली, इंदौर, अहमदाबाद में भी निगरानी होगी.

मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में कोविड-19 की स्थिति का आकलन करने के लिए छह इंटर मिनिस्ट्रियल सेंट्रल टीम (IMCTs) के गठन के विरोध पर अमिताभ कांत ने कहा कि जरूरत के हिसाब से ये फैसला लिया गया है. इसे राजनीति से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए.

बता दें कि पश्चिम बंगाल और केंद्र सरकार के बीच लॉकडाउन के उल्लंघन, सोशल डिस्टेंसिंग की समीक्षा को लेकर तकरार शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र की 6 सदस्यीय इंटर मिनिस्ट्रियल सेंट्रल टीम (IMCTs) राज्य में भेजे जाने को लेकर सवाल खड़े किए हैं.

इस पूरे मामले पर ममता बनर्जी ने ट्वीट किया- ‘हम कोरोना महामारी के खिलाफ केंद्र सरकार के सहयोग और सुझावों का स्वागत करते हैं. हालांकि, केंद्र ने पश्चिम बंगाल समेत कुछ अन्य राज्यों में आईएमसीटी को भेजने का जो फैसला लिया है, उसका उद्देश्य समझ से परे है.’

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