बैंकिंग धोखाधड़ी / ब्रिटेन की हाईकोर्ट ने खारिज की विजय माल्या की याचिका, भारत प्रत्यर्पण का रास्ता साफ

विजय माल्या पर भारतीय बैंकों का 9000 करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज बकाया 2018 में ब्रिटेन की अदालत ने दी थी प्रत्यर्पण को हरी झंडी, माल्या की अपील से अटका था मामला

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नई दिल्ली. ब्रिटेन की हाईकोर्ट ने भारत के भगौड़े आर्थिक अपराधी विजय माल्या की अपील खारिज कर दी है। इसके साथ ही विजय माल्या के भारत प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो गया है। 2018 में ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने विजय माल्या के भारत प्रत्यर्पण को हरी झंडी दी थी। इसके खिलाफ माल्या ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल की थी। तभी से यह मामला लंबित चल रहा था। इस फैसले के बाद अब माल्या के प्रत्यर्पण का मामला वहां की गृह सचिव प्रीति पटेल के पास जाएगा, जो अंतिम फैसला लेंगी।

माल्या पर भारतीय बैंकों का 9 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज
शराब कारोबारी विजय माल्या पर भारतीय बैंकों का 9 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज है। माल्या ने यह कर्ज अपनी किंगफिशर एयरलाइंस के लिए लिया था। मार्च 2016 में माल्या भारत छोड़कर ब्रिटेन भाग गया था। तभी से भारत की एजेंसियां माल्या को ब्रिटेन से भारत लाने में जुटी हैं। 2018 में ब्रिटेन की कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद माल्या के प्रत्यर्पण की उम्मीद जगी थी, लेकिन उसकी ओर से हाईकोर्ट में अपील दाखिल करने के बाद मामला फिर अटक गया था।

माल्या केस के प्रमुख अपडेट

  • 2 मार्च 2016 को विजय माल्या भारत छोड़कर लंदन पहुंचा।
  • 21 फरवरी 2017 को गृह सचिव ने माल्या के प्रत्यर्पण के लिए ब्रिटेन में अर्जी दी।
  • 18 अप्रैल, 2017 को विजय माल्या को लंदन में गिरफ्तार किया गया है। हालांकि, उसी दिन माल्या को जमानत भी मिल गई।
  • 24 अप्रैल 2017 को माल्या भारतीय पासपोर्ट निरस्त कर दिया गया।
  • 2 मई 2017 को उसने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया।
  • 13 जून 2017 वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में केस मैनेजमेंट और प्रत्यर्पण की सुनवाई शुरू हुई।
  • 10 दिसंबर 2018 को वेस्टमिंस्टर कोर्ट की मुख्य मजिस्ट्रेट एम्मा अर्बुथनोट ने प्रत्यर्पण दी और फाइल गृह सचिव को भेज दी।
  • 3 फरवरी 2019 को गृह सचिव ने माल्या को भारत प्रत्यर्पित करने का आदेश दिया।
  • 5 अप्रैल 2019 को इंग्लैंड और वेल्स के हाईकोर्ट के न्यायाधीश डेविड ने अपील करने के लिए कागजात पर अनुमति देने से इनकार कर दिया।
  • 2 जुलाई, 2019 को एक मौखिक सुनवाई में जस्टिस लेगट और जस्टिस पॉपप्वेल ने माल्या को अपील दाखिल करने की अनुमति दी।
  • 20 अप्रैल 2020 को माल्या की अपील खारिज। प्रत्यपर्ण के अंतिम निर्णय के लिए मामला ब्रिटेन की गृह सचिव के पास भेजा गया।

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