क्या साइलेंट किलर बन गया है कोरोना वायरस? 66 फीसदी पॉजिटिव मरीजों में नहीं दिखा कोई लक्षण

अब तक सामने आए करीब दो तिहाई मरीजों में कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमण के कोई लक्ष्ण (Symptoms) नहीं दिखे. डॉक्टरों के मुताबिक मरीज में कोरोना के लक्षण दिखने या न दिखने के पीछे कई वजह हो सकती हैं.

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नई दिल्ली. कोरोना वायरस (Coronavirus) से भारत में अब तक 500 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि संक्रमितों की संख्या 16 हज़ार को पार कर गई हैं. ये आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं. सरकार की तरफ से कोरोना टेस्ट की संख्या हर दिन बढ़ाई जा रही है, लेकिन इन सबके बीच देश के मेडिकल स्टाफ हैरान हैं. वजह है कोरोना का साइलेंट किलर और स्प्रेडर बनना. दरअसल करीब अब तक मिले दो तिहाई मरीजों में कोरोना के कोई लक्ष्ण (Symptoms) नहीं दिख रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद उनका टेस्ट पॉजिटिव आ रहा है.

डराने वाले आंकड़े !
अब ज़रा इन आंकड़ों पर गौर कीजिए. महाराष्ट्र के 3648 केस में से 65 फीसदी ऐसे मरीज़ पॉजिटिव निकले, जिनमें कोरोना का कोई लक्षण नहीं दिख रहे थे. उत्तर प्रदेश में तो ये पैटर्न 974 केस में से 75 फीसदी मरीजों में दिखा, जबकि असम में तो 34 केस में से 82 फीसदी मरीज़ ऐसे पॉजिटिव निकले जिनमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं थे. असम के स्वास्थ्य मंत्री हिमंत बिश्व सरमा ने खुद कहा कि कई मरीजों में पॉजिटिव टेस्ट आने के बाद भी लक्षण नहीं दिख रहे हैं.

दिल्ली में भी यही हाल

उधर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि 186 मरीजों में कोरोना के कोई लक्षण नहीं थे, बावजूद इसके वो पॉजिटिव निकले. बता दें कि कई बार टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद मरीजों में कोरोना के लक्षण दिखते हैं. हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए हरियाणा के कोविड-19 के लिए नोडल ऑफिसर डॉ. सूरज भान कंबोज ने बताया कि अगर मात्रा ज्यादा नहीं होता और वायरस घातक नहीं होता तो लक्षण नहीं दिखते, लेकिन ये टेस्ट में दिख जाते हैं.

ये है वजह
डॉक्टरों के मुताबिक मरीज में कोरोना के लक्षण दिखने या न दिखने के पीछे कई वजहें हो सकती हैं, जैसे कि किसी के शरीर में वायरस की मात्र, उसका इम्यूनिटी लेवल और मरीज की उम्र. ऐसे में कोरोना के मरीज़ को पकड़ना बेहद मुश्किल काम है. इसे रोकने का एक ही इलाज है ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग…

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