- यूपी के 19 जिले कोरोना संवेदनशील
- इन जिलों में लॉकडाउन से राहत नहीं
- सीएम योगी ने दिये सख्त आदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अप्रैल को लॉकडाउन के दूसरे चरण का ऐलान करते हुये कहा था कि 20 अप्रैल तक हर थाने, हर जिले और हर राज्य में सघन निगरानी रखी जायेगी और इसके बाद लॉकडाउन में शर्तों के साथ कुछ दी जायेंगी. पीएम मोदी के इस बयान के हिसाब से आज से कुछ राज्य लॉकडाउन में मामूली छूट दे रहे हैं तो वहीं कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या के चलते कई राज्यों ने फिलहाल राहत देने से इनकार कर दिया है. यूपी सरकार ने भी साफ कर दिया है कि जिन जिलों में 10 से ज्यादा कोरोना केस हैं, वहां छूट नहीं दी जायेगी.
लॉकडाउन में राहत को लेकर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार शाम सरकार के उच्च अधिकारियों, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों समेत जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की. इस मीटिंग में सीएम योगी ने स्पष्ट तौर पर लॉकडाउन के राहत का जिम्मा जिलों के डीएम पर छोड़ दिया. लेकिन इसके साथ ही सीएम योगी ने ये भी कह दिया कि राज्य में जो भी कोरोना हॉटस्पॉट हैं वहां संपूर्ण लॉकडाउन रहेगा, साथ ही ऐसे इलाके सील भी रहेंगे.
ये हैं वो 19 संवेदनशील जिले
वहीं ये निर्णय भी लिया गया कि जो जिले संवेदनशील हैं यानी जहां ज्यादा कोरोना केस हैं वहां कोई राहत लॉकडाउन में नहीं दी जायेगी. यूपी में ऐसे 19 जिले हैं जहां कोरोना के मरीजों की संख्या दोहरे अंक में पहुंच गई है. इन जिलों में गौतमबुद्धनगर, कानपुर, लखनऊ, वाराणसी, आगरा, बागपत, बस्ती, बिजनौर, बुलंदशहर, फिरोजाबाद, गाजियाबाद, हापुड़, अमरोहा, मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर, शामली, रामपुर और सीतापुर शामिल हैं.
यूपी में अब तक कोरोना मरीजों की संख्या एक हजार के पार निकल गई है. जबकि 42 मरीज ठीक हो चुके हैं. यहां कोरोना से 17 लोगों की मौत हुई है. सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में आगरा, नोएडा, गाजियाबाद, सहारनपुर और लखनऊ है. आगरा में मरीजों की संख्या डेढ़ सौ से ज्यादा पहुंच गई है.
बता दें कि सीएम योगी ने साफ कहा है कि अगर कहीं कोई राहत दी भी जाती है तो वो किसी भी हॉटस्पॉट इलाके में लागू नहीं होगी.
रमजान पर दिये दिशा-निर्देश
सीएम योगी आदित्यनाथ ने रमजान को लेकर भी अधिकारियों के साथ मंथन किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी 23 अप्रैल, 2020 से रमजान माह प्रारम्भ होने जा रहा है, इस संबंध में भी धर्मगुरुओं, मौलवियों व मौलानाओं से संवाद स्थापित करते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं भी भीड़ एकत्रित न होने पाए और सभी धार्मिक कार्य घर से ही संपन्न किए जाएं.