पंजाब में कल से चलेंगी सभी फैक्टरियां, डीसी तय करेंगे हाईवे किनारे ढाबे के संग एसी-कूलर, व किताबों की दुकानें भी खुलें या नहीं

पंजाब के 22 में से 19 जिलों में कोरोना संक्रमण के अब तक 230 मामले सामने आए हैं। इनमें 16 की जान भी जा चुकी सबसे ज्यादा मोहाली जिले में 57, दूसरे नंबर पर जालंधर में 41 तो मुक्तसर और फिरोजपुर में सबसे कम एक-एक व्यक्ति संक्रमित

चंडीगढ़। एक महीने से बंद पड़ी अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए पंजाब सरकार ने बड़े स्तर पर रियायतें दी हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशों पंजाब सरकार ने 20 अप्रैल से सभी तरह के उद्योगों व निर्माण गतिविधियों को शुरू करने की अनुमति दे दी है। इसके अलावा हाईवे किनारे स्थित ढाबों, एयर कंडीशनर, कूलर व पंखे और इनको रिपेयर करने वाली दुकानों को खोलने की भी मंजूरी दी है। स्टोन क्रशर, रेत, सीमेंट और स्टील की बिक्री की भी इजाजत दी गई है। निर्माण सामग्री की ढुलाई के लिए ट्रांसपोर्ट को भी छूट दी गई है।

काेराेना के अधिक मामले वाले इलाकों व हॉट स्‍पॉट में नहीं मिलेगी छूट, इलाके के हिसाब से होगा रेड जोन

इसके साथ ही सरकार ने स्पष्ट किया है कि कोरोना के अधिक मामले (कंटेनमेंट) क्षेत्रों में कर्फ्यू में किसी तरह की छूट नहीं दी जाएगी। यहां लागू पाबंदियां पहले की तरह ही जारी रहेंगी। सरकार ने पहले केवल 11 तरह की इंडस्ट्री को खोलने की इजाजत दी थी, लेकिन अब श्रमिकों को फैक्टरी में ठहराने या उनको लाने-ले जाने जाने की शर्त पर अन्य सभी तरह की इंडस्ट्री को भी अपनी फैक्टरियां चलाने की इजाजत दी है। फैक्टरी मालिकों को सैनिटाइजर, मास्क व शारीरिक दूरी का विशेष ध्यान रखना होगा। वहीं, प्रदेश सरकार उद्योगों को आठ घंटे की बजाय 12 घंटे की शिफ्टों में काम करने की छूट देने पर विचार कर रही है।

श्रमिकों को फैक्टरी में ठहराने या लाने-ले जाने जाने का प्रबंध करना होगा

पंजाब के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी होम सतीश चंद्रा की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार अब जिला स्तर पर रेड जोन की बजाय इलाके के स्तर पर रेड जोन की पहचान होगी। डीसी, एसएसपी और सिविल सर्जन इन क्षेत्रों की पहचान करेंगे।

कैसे तय होगा जोन

-किसी भी इलाके में दो या इससे अधिक कोरोना पॉजिटिव मरीज पाए जाने पर उसे नियंत्रण क्षेत्र घोषित किया जाएगा।

-पहले से निर्धारित भौगोलिक सीमा वाले क्षेत्रों को ही नियंत्रण क्षेत्र घोषित किया जाएगा। जैसे गांव, सेक्टर, वार्ड आदि।

-जिला मजिस्ट्रेट विभिन्न दुकानों, उद्योगों आदि के खुलने के समय की अनुमति स्थानीय जरूरतों व शारीरिक दूरी के नियमों के आधार पर देंगे।

ढाबों पर बैठ कर नहीं खा पाएंगे, पैक करा कर ले जा सकेंगे

सरकार न हाईवे किनारे बने ढाबों को खोलने की अनुमति दे दी है, लेकिन यह तय किया गया है कि वहां बैठकर खाना नहीं खाया जा सकेगा। लोग पैक करवाकर ले जा सकेंगे। जिला अथॉरिटी रेस्टोरेंट, बेकरी को खोलने की इजाजत उसी सूरत में देगा अगर यह नियमों के मुताबिक चलाए जा सकते हैं।

स्टेशनरी की दुकानें खुलेंगी

नए अकादमिक सेशन को देखते स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी की किताबों व स्टेशनरी की दुकानों को भी खोलने की इजाजत दे दी है।

पांच से अधिक लोग नहीं हो सकेंगे जमा

सरकार ने स्पष्ट किया है कि पांच से ज्‍यादा लोगों को इकट्ठा होने की इजाजत नहीं दी जाएगी। इसे बड़ी मीटिंग माना जाएगा। इंडस्ट्री आदि के लिए बल्क में पास जारी होंगे।

डीसी को होगा ढील का अधिकार

-पंजाब में कफ्र्यू 3 मई तक ही जारी रहेगा।

-इस दौरान जरूरी आवागमन के लिए कर्फ्यू पास जारी किए जाते रहेंगे।

-डीसी को विशेष वर्ग के प्रतिष्ठानों के लिए विशेष समय में कर्फ्यू में ढील देने का अधिकार होगा।

-10 या इससे अधिक श्रमिकों या कर्मचारियों वाले फैक्टरी मालिक उन्हें लाने ले जाने के लिए वाहन का इस्तेमाल कर सकते हैं।

  • पंजाब के 22 में से 19 जिलों में कोरोना संक्रमण के अब तक 230 मामले सामने आए हैं। इनमें 16 की जान भी जा चुकी है। सबसे ज्यादा मोहाली जिले में 57 तो दूसरे नंबर पर जालंधर में भी 41 लोग कोरोना संक्रमित हैं। वहीं मुक्तसर और फिरोजपुर में सबसे कम एक-एक व्यक्ति कोरोना संक्रमित हैं। हालांकि राज्यभर में अब तक 28 लोग ठीक भी हो चुके हैं। संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए जारी लॉकडाउन के फेज-2 का रविवार को पांचवां दिन है। पंजाब सरकार ने भी 23 मार्च से लगाया गया कर्फ्यू 3 मई तक बढ़ाया हुआ है। पुलिस प्रशासन की तरफ से रोज अपील की जा रही है कि लोग घरों में ही रहें, कोई बेहद जरूरी काम हो तो ही बाहर निकलें। नहीं मानने पर कार्रवाई भी की जा रही है। हालांकि कहीं-कहीं थोड़ी-बहुत परेशानी लोगों को है भी, लेकिन ज्यादातर लोग सिर्फ मस्ती करने के लिए रोड पर दिखाई दे रहे हैं।

इंडस्ट्री खोलने के लिए लगाई शर्तों में रियायत, श्रमिकों से 12 घंटे काम ले सकेंगे फैक्‍ट्री मालिक
केंद्र सरकार ने 20 अप्रैल से लॉकडाउन की शर्तों में कुछ रियायतें दी हैं। पंजाब सरकार भी उद्योगों को फिर से पटरी पर लाने की तैयारी में जुट गई है। पंजाब में श्रमिकों की कमी है। इस कमी को दूर करने के लिए राज्य सरकार उद्योगों को मजदूरों से 8 की बजाय 12 घंटे काम लेने की छूट देने की तैयारी कर रही है। यह मांग पंजाब के उद्योगपतियों ने पंजाब श्रम विभाग के प्रधान सचिव वीके जंजुआ के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान उठाई थी। श्रमिकों के घर लौटने और कोरोना वायरस के भय से उद्यमियों को श्रमिकों की कमी होने का डर सता रहा है। पीएचडी चैंबर की पंजाब इकाई के चेयरमैन करण गिल्होत्रा ने कहा कि राज्य में गेहूं की कटाई शुरू हो गई है। कृषि क्षेत्र में श्रमिकों की आवश्यकता बढ़ने के कारण भी उद्योगों में कुछ हफ्ते के लिए श्रमिकों की कमी होने की संभावना है। ऐसे में 12 घंटे काम करवाने पर विचार किया गया। बड़े उद्यम जहां कर्मचारियों के रहने की व्यवस्था औद्योगिक परिसर में ही होगी, वहां 12 घंटे काम करना कर्मचारी व नियोक्ता दोनों के हित में होगा।

लुधियाना: 300 लोगों को यूएस भेजा, बसें देखते ही दौड़ पड़े एनआरआई
अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के दूतावास की तरफ से पंजाब में फंसे अपने नागरिकों को वापस ले जाने के लिए लुधियाना में नौ बसें भेजी। लुधियाना, मोहाली, पटियाला, मोगा, बठिंडा, मानसा, जालंधर समेत पंजाब के अलग-अलग जिलों से 250 अमेरिकी और 50 ऑस्ट्रेलियाई नागरिक लुधियाना में पार्क प्लाजा के पास जुटे। बसों को आते देखकर वे घर वापसी के उत्साह में कोरोना को भूल गए और शारीरिक दूरी के नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई। ऐसा लग ही नहीं रहा था कि प्रदेश में क‌र्फ्यू लगा है और कोरोना की महामारी फैली हुई है। यही नहीं अपने नागरिकों को बसों में बिठाने से पहले दूतावासों से आए प्रतिनिधियों ने भी फिजिकल डिस्टेंस के नियमों का पालन नहीं किया। खास बात यह रही कि स्थानीय पुलिस को इसके बारे में जानकारी ही नहीं दी गई थी कि वहां पर बसों में प्रदेश के एनआरआईज को ले जाया जाएगा। यह बात थाना प्रभारी डिवीजन नंबर पांच की प्रभारी ने खुद कही।

लॉकडाउन का पालन करते हुए जालंधर के अर्बन एस्टेट में शादीकी रस्में पूरी करते एनआरआई दूल्हे मधुरमीत सिंह के परिजन।

जालंधर: बिना बैंड-बाजा और बारात के घर की चारदीवारी में पूरी की शादी की सभी रस्में
जालंधर शहर के विजय नगर की कोठी नंबर 107 में रहने वाले भाटिया परिवार ने क‌र्फ्यू के बीच बेटे की सादगी के साथ शादी करके मिसाल कायम की है। मधुरमीत सिंह 13 मार्च को कनाडा से शहर शादी करवाने के लिए आया था, लेकिन 22 मार्च को लॉक डाउन व 23 मार्च से क‌र्फ्यू लग गया। इसके बाद एक बार फिर क‌र्फ्यू 3 मई तक होने के कारण भाटिया परिवार को यह फैसला लेना पड़ा। दूसरा कारण कनाडा सरकार अब वहां से गए नागरिकों को वापस बुला रही है। ऐसे में मधुरमीत को कभी भी वापस बुलाया जा सकता था। मधुरमीत की शादी की रस्में उनके अर्बन एस्टेट स्थित ससुराल में संपन्न हुईं। गुरुद्वारे में शादी करने की इजाजत न मिलने पर मधुरमीत के ससुर विक्रम सिंह गिल ने घर की चारदीवारी में ही तमाम रस्में पूरी करने का इंतजाम कर दिया। दूसरी ओर स्कूल नहीं खुलने के चलते शिक्षक बच्चों को यूट्यूब, रेडियो, ऐप्प के जरिये पढ़ाई करवा रहे हैं। इतने मददगार साबित हो रहे हैं कि प्रश्नों को वो खुद हल करवा रहे हैं।

अमृतसर: राशन न मिलने पर प्रशासन व पार्षद के खिलाफ प्रदर्शन
अमृतसर के हलका दक्षिण की वार्ड-38 के इलाके न्यू कोट मित्त सिंह के लोगों ने रविवार को राशन न मिलने पर कांग्रेस नेता सुखराज कौर के नेतृत्व में संबंधित पार्षद के खिलाफ प्रदर्शन किया। परमजीत कौर, हरजीत कौर, बलविदर कौर, राजिदर कौर, जसविदर कौर, बलजिदर कौर, दलजीत कौर, रानी, संदीप कौर, वीना, अमनदीप कौर, कवलजीत कौर, मनजीत कौर, मनप्रीत कौर ने कहा कि वह तथा उनक पति मेहनत मजदूरी करके घर का गुजारा करते हैं, लेकिन क‌र्फ्यू के कारण उनका काम बंद हो गया है। घर में राशन न होने के कारण पूरा परिवार भूखा है। लिस्ट बनाकर पार्षद को भी भेजी गई थी, लेकिन कई दिन बीत जाने के बावजूद न कोई सामाजिक कार्यकर्ता और न ही पार्षद ने उनकी मदद की। इलाकावासियों ने प्रशासन से मांग की कि उन्हें राशन दिया जाए। उधर, पार्षद के पति जतिदर पाल सिंह ने कहा कि उनके वार्ड के लिए प्रशासन द्वारा भेजे जा रहे राशन के अलावा वह अपने खर्चे से भी क्षेत्र में घर-घर लंगर की सेवा कर रहे हैं। जिन घरों को अब तक राशन नहीं मिला है, उन्हें जल्द ही लंगर दिया जाएगा।

डेरा बाबा नानक: मंडियों में 50 क्विटंल गेहूं लाने की लगाई शर्त पर प्रदर्शन
पंजाब सरकार की ओर से मंडियों में 50 क्विंटल ही गेहूं लाने पर लगाई गई शर्त पर किसान संगठनों ने रविवार को गांव खन्ना चमारां में रोष प्रदर्शन किया। धीर सिंह, जोगिदर सिंह व कुलवंत सिंह ने कहा कि पहले ही क‌र्फ्यू के चलते सरकार द्वारा जारी की गई हिदायतों के कारण किसानों को परेशानी हो रही है। अब पंजाब सरकार ने एक किसान पर एक दिन में सिर्फ 50 क्विटंल गेहूं ही मंडियों में लाने की लगाई शर्त से किसानों को और परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने सरकार से मांग की कि प्रति किसान कम से कम 100 क्विंटल गेहूं लेकर आने की अनुमति दी जाए। कटाई के उपरांत गेहूं को मजबूरन घरों में स्टोर करने के बाद मंडी लेकर आने वाले किसानों को प्रति क्विटल 200 रुपए बोनस की अदायगी की जाए और बीमारी से बचाव के लिए मंडियों में गर्म पानी, चाय व बैठने के लिए उचित प्रबंध किया जाए।

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