RBI के ऐलान के बाद दूसरे राहत पैकेज के लिए सरकार कर सकती है 10 लाख करोड़ रुपये खर्च, जानिए किस इंडस्ट्री पर होगा कितना?

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार जल्द आर्थिक पैकेज का ऐलान कर सकती है. खबर है कि नीति आयोग ने GDP के 5% यानी करीब 10 लाख करोड़ के पैकेज का खाका तैयार किया है. इसमें गरीब, कॉरपोरेट, NPAs, MSMEs, हेल्थ पर सबसे ज्यादा जोर होगा.

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नई दिल्ली. RBI ने नकदी बढ़ाने के लिए आज बड़ा ऐलान कर दिया लेकिन अब सबकी निगाहें सरकार पर टिकी हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार जल्द आर्थिक पैकेज का ऐलान कर सकती है. खबर है कि नीति आयोग ने GDP के 5% यानी करीब 10 लाख करोड़ के पैकेज का खाका तैयार किया है. इसमें गरीब, कॉरपोरेट, NPAs, MSMEs, हेल्थ पर सबसे ज्यादा जोर होगा.

RBI के बड़े फैसले

Reverse Repo Rate 4% से घटकर 3.75% कर दिया है. Reverse Repo Rate घटने से बैंक ज्यादा कर्ज देंगे. NBFCs, MFIs के लिए TLTRO-2.0 करेंगे. TLTRO-2.0 में 50,000 करोड़ रुपये से शुरुआत करेंगे. TLTRO-2.0 50,000 करोड़ के ऊपर भी बढ़ेगा. NABARD, SIDBI, NHB को फंड जुटाने में मुश्किल हो रही है. RBI ने NABARD को 25,000 करोड़ नकदी देंगे जबकि NHB को 10,000 करोड रुपये और NABARD को 25,000 करोड़ रुपये की नकदी देंगे. RBI ने बैंकों को NPA नियमों में 90 दिन की राहत दी है. Moratorium की अवधि NPA में नहीं आएगी. वहीं कमर्शियल रियल्टी प्रोजेक्ट लोन को 1 साल एक्सटेंशन मिला है. RBI ने बैंकों की LCR Requirement 100% से घटाकर 80% की है. बैंक मुनाफे से अगले निर्देश तक डिविडेंड नहीं देंगे. RBI गर्वनर का कहना है कि हालात को देखते हुए आगे और भी फैसले ले सकते हैं.

संभावित कोरोना पैकेज : सूत्र
सूत्रों के मुताबिक नीति आयोग ने कोरोना पैकेज का खाका तैयार किया है. जिसमें 10 लाख करोड़ से ज्यादा का पैकेज संभव है. सरकार कोरोना पैकेज के लिए GDP के 5% तक खर्च कर सकती है. कहा जा रहा है कि सरकार का फोकस गरीब, कॉरपोरेट, NPAs, MSMEs, हेल्थ पर होगा. साथ ही सरकार FISCAL DEFICIT 10.5% तक ले जा सकती है. 19.5 करोड़ कामगारों के लिए 3.1 लाख करोड़ रुपये दे सकती है. सरकार हेल्थ पर भी 70,000 करोड़ का अतिरिक्त खर्च कर सकती है. NPAs निपटारे के लिए 1.7 लाख करोड़ रुपये का ऐलान कर सकती है. आर्थिक बोझ का एक हिस्सा RBI उठा सकता है.

नीति आयोग के अनुमान
इस बीच नीति आयोग ने अनुमान जारी करते हुए कहा है कि वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही में लॉकडाउन रहा तो GDP 2-3% घटेगी जबकि Q2, Q3, Q4 में लॉकडाउन रहा तो GDP को 8-10% तक का बड़ा झटका लग सकता है. Q1 में एयरलाइंस, होटल को 70-75% का झटका लगा है. वहीं ऑटो, रियल्टी, बड़े उद्योगों में 50% का झटका लगा है. टेक्सटाइल, लॉजिस्टिक, मेटल, माइनिंग पर भी लॉकडाउन का असर देखने को मिला है. मजदूरों में बेरोजगारी, अशांति का खतरा बढ़ा है. लॉकडाउन से फाइनेंशियल सेक्टर में दिवालिया बढ़ने का खतरा बढ़ा है. पैकेज मिलने पर कंजम्पशन 5% तक बढ़ सकता है. कुल मिलाकर FISCAL DEFICIT 21.1 लाख करोड़ संभव है.

अभी तक क्या मिला
कोरोना संकट को देखते हुए अब तक केंद्र ने 1.7 लाख करोड़ का पैकेज दिया है. कमजोर वर्गों के लिए DBT, मुफ्त अनाज दिए है. वहीं MSMEs और एक्सपोर्ट्स के लिए राहत पैकेज दिया है.
दूसरे देशों के पैकेज
कोरोना संकट से लड़ने के लिए दूसरे देशों के राहत पैकेज को देखें तो जर्मनी ने GDP का 20%, ब्रिटेन ने GDP का 20%, अमेरिका ने GDP का 15%, सिंगापुर ने GDP का 15% और चीन ने GDP का 9% राहत पैकेज के लिए दिया है.

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