गुजरात में बना देश का सबसे बड़ा कोरोना केयर सेंटर, जानिए क्या हैं खूबियां

गुजरात में कोरोना मरीजों की संख्या 1000 के पार हो गई है. तेजी से बढ़ते इस आंकड़े को देखते हुए राज्य सरकार ने अहमदाबाद में 2000 रोगियों की देखभाल के लिए बड़ा कोरोना केयर सेंटर तैयार किया है.

देशव्यापी लॉकडाउन के बीच भारत में अब कोरोना के मरीजों की देखभाल के लिए कई बड़े अस्पताल तैयार किए जा चुके हैं. सबसे पहले ओडिशा ने कोरोना के लिए डेडिकेटेड 1000 बेड का अस्पताल तैयार किया था. अब गुजरात में कोरोना के लिए 2000 रोगियों की देखभाल के लिए कोरोना केयर सेंटर बनाया गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक अब तक सिर्फ कोरोना के लिए 602 विशेष अस्पताल तैयार किए गए हैं. गुजरात में देश का सबसे बड़ा कोरोना अस्पताल तैयार किया गया है.

तेजी से बढ़ी संख्या
गौरतलब है कि गुजरात में कोरोना मरीजों की संख्या में तेजी के साथ इजाफा हुआ है. ऐसी स्थिति में ये अस्पताल राज्य की बड़ी मदद कर सकता है. इस अस्पताल के संबंध में राज्य के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा है, ‘ हमने अहमदाबाद में 1200 बेड के अस्पताल की व्यवस्था की है. जिन मरीजों का पहले से इलाज चल रहा है उन्हें यहां से अलग सिविल अस्पताल में ट्रांसफर किया जाएगा.’ गुजरात में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 1000 के आंकड़े को पार कर गई है. इनमें आधे से ज्यादा केस अहमदाबाद में ही हैं.

अहमदाबाद बना हॉटस्पॉट

कोरोना के संक्रमण के मामले उन्हीं शहरों में ज्यादा बढ़ रहे हैं जहां पर बाहर से आवाजाही अधिक है. मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा है कि सरकार राज्य में चार जगहों पर कोरोना कंट्रोल हॉस्पिटल भी तैयार कर रही है. इनके जरिए कोरोना के तेज फैलाव को रोकने के प्रयास किए जाएंगे. ये अस्पताल अहमदाबाद, सूरत, राजकोट और वडोदरा में तैयार किए जाएंगे.

माइल्ड मामलों को ही रखा जाएगा
एक अखबार में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक अहमदाबाद के नगर आयुक्त विजय नेहरा ने बताया है कि अहमदाबाद में बने केयर सेंटर में तकरीबन 2000 मरीजों की देखभाल की जा सकती है. इस केंद्र में आने वाले प्रत्येक मरीज को एक बेड समेत टूथब्रश, साबुन जैसे जरूरी सामान दिए जा रहे हैं. हालांकि कहा जा रहा है कि इस केंद्र में कोरोना के माइल्ड केसों को ही रखा जाएगा. यानी ऐसे केस जिनमें गंभीर लक्षण न दिखाई दे रहे हों. गौरतलब है कि कोरोना के कुल मामलों में महज 10 से 15 प्रतिशत मामले ही गंभीर होते हैं. 85 प्रतिशत लोगों में हल्के लक्षण ही दिखाई देते हैं.

यूनिवर्सिटी हॉस्टल की ली मदद
अधिकारियों के मुताबिक इस देखभाल केंद्र को यूनिवर्सिटी परिसर के पास एक हॉस्टल में तैयार किया गया है. इस अस्पताल को बनाने का उद्देश्य दूसरे सरकारी अस्पतालों पर बोझ कम करना है. इस अस्पताल में मरीजों के लाइब्रेरी, योग और इंडोर गेम्स की सुविधा मौजूद हैं. यहां मौजूद डॉक्टरों की टीम दिन में दो बार मरीजों की जांच करेगी. मरीजों कोरोना की जांच नियमित अंतराल पर की जाती रहेगी. जांच का दायरा बढ़ाने के लिए भी गुजरात सरकार ने एक और टेस्टिंग लैब जोड़ी है. वडोदरा की ये लैब एक दिन में एक हजार टेस्ट कर सकेगी.

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