कोरोना वायरस महामारी से इकॉनमी को बचाने के लिए RBI ने की ये बड़ी घोषणाएं

देशभर में लॉकडाउन (Lockdown Part 2) जारी है. इस वजह से अर्थव्यवस्था (Indian Economy) पर तगड़ी चोट लगी है. अर्थव्यवस्था को नुकसान से बचाने के लिए रिजर्व बैंक एक बार फिर से बड़ी घोषणाएं की हैं.

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  • कोरोना संकट के बीच RBI का ऐलान- नकदी फ्लो के लिए करेगा 50 हजार करोड़ का निवेश, बैंकों को भी राहत
  • RBI गवर्नर शक्तिकांत दास की प्रेस कॉन्फ्रेंस
  • रिवर्स रेपो रेट में की गई कटौती
  • नकदी फ्लो के लिए बड़ा निवेश करेगा बैंक

नई दिल्ली. कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से देशभर में लॉकडाउन (Lockdown Part 2) जारी है. इस वजह से अर्थव्यवस्था (Indian Economy) पर तगड़ी चोट लगी है. अर्थव्यवस्था को नुकसान से बचाने के लिए रिजर्व बैंक एक बार फिर से बड़ी घोषणाएं की हैं. इससे पहले रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikant Das) ने रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट और सीआरआर में कटौती की घोषणा की. इसके अलावा उन्होंने कर्जधारको के लिए भी राहत का ऐलान किया है. आइए RBI की ओर से की गई बड़ी घोषणाओं पर नजर डालें…

रिवर्स रेपो रेट 0.25 फीसदी घटाया

आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट में कटौती की है. बैंक ने रिवर्स रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की. इस कटौती के बाद रिवर्स रेपो रेट 4 फीसदी से घटकर 3.75 फीसदी रह गया. रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

नाबार्ड, सिडबी और हाउसिंग फाइनेंस बैंक को मिली नकदी
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि इकोनॉमी में ग्रोथ के लिए नाबार्ड को 25 हजार करोड़ रुपये, सिडबी को 15 हजार करोड़ रुपये और हाउसिंग फाइनेंस बैंक को 10 हजार करोड़ रुपये दिए जाएंगे. इससे एनबीएफसी, एमएसएमई, रियल एस्टेट को नकदी की किल्लत दूर होगी.

NPA नियमों में बैंक को राहत
आरबीआई गवर्नर ने एनपीए नियमों में बैंकों को 90 दिन की राहत दी है. मोरेटोरियम पीरियड में एनपीए में नहीं गिना जाएगा.

G20 देशों में इंडिया की ग्रोथ सबसे बेहतर रहने का अनुमान

Covid-19 महामारी के समय में मानवता की परीक्षा है। हमारा मिशन है किसी भी तरह मानवता को बचाना. इस माहौर में RBI काफी एक्टिव है. लगभग हर दूसरे या तीसरे दिन RBI कुछ नए ऐलान लेकर आया है. हम यह बतााना चाहते हैं कि आगे भी हम ऐसा करते रहेंगे. दास ने कहा, IMF के अनुमानों के मुताबिक, G20 देशों में इंडिया की ग्रोथ सबसे बेहतर रह सकती है.2020 ग्लोबल इकोनॉमी के लिए सबसे बड़ी मंदी है.

हेल्थ वर्कर्स, पुलिस स्टाफ और दूसरे फ्रंटलाइन सर्विस प्रोवाइडर बेहतरीन काम कर रहे हैं. बैंक और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन ने भी अपनी सर्विस देने के लिए काफी अच्छा काम कर रहे हैं. पर्याप्त नकद बनाए रखने के लिए नए कदम उठाए गए हैं. लॉकडाउन में 1.20 लाख करोड़ की करेंसी सप्लाई हुई. 91 फीसदी एटीएम पूरी क्षमता के काम कर रहे हैं.

गौरतलब है कि कोरोना संकट की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था की हालत काफी खराब है. लॉकडाउन की वजह से लगभग सभी तरह के काम-धंधे बंद पड़े हैं और हर दिन 35 हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है. लॉकडाउन के पहले चरण में ही देश की जीडीपी को करीब 8 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है.

दुनिया भर के केंद्रीय बैंक अपनी इकोनॉमी को बचाने के लिए एक्टिव हैं और रिजर्व बैंक भी इस मामले में पीछे नहीं है.

27 मार्च को दी थी जनता को राहत

इसके पहले 27 मार्च को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट में 75 बेसिस पाइंट की कटौती करते हुए इसे 4.4 पर्सेंट कर दिया. माना जा रहा है कि इस कदम से लोगों को उनकी ईएमआई में राहत मिलेगी. साथ ही कम रेट पर कर्ज भी मिलेगा. इस कदम से बैंकों को अपनी लिक्विडिटी बढ़ाने में मदद मिलेगी. साथ ही वे ज्यादा कर्ज भी दे सकेंगे.

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट और सीआरआर में कटौती की घोषणा की. इसके अलावा उन्होंने कर्जधारकों के लिए तीन महीने तक ईएमआई टालने के रूप में भी राहत का ऐलान किया था.

आरबीआई गवर्नर ने कहा था कि फिलहाल यह अभूतपूर्व संकट का वक्त है, इसलिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं. उनके मुताबिक, दुनिया भर में अर्थव्यवस्था के लिए बुरा वक्त है. उन्होंने कहा कि बुरा वक्त हमेशा नहीं रहता और कोरोना के खिलाफ जंग में जीत जरूर मिलेगी.

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