ABP Majha के पत्रकार राहुल कुलकर्णी को जमानत, पुलिसिया कार्रवाई की हुई चौतरफा आलोचना

ABP Majha के पत्रकार राहुल कुलकर्णी के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई की पत्रकार संगठनों ने कड़े शब्दों में निंदा की है. संगठनों ने कहा कि प्रेस की स्वतंत्रता के हित में है राहुल कुलकर्णी को सभी आरोपों से मुक्त किया जाए.

नई दिल्ली: एबीपी माझा के पत्रकार राहुल कुलकर्णी को मुंबई की अदालत ने आज जमानत दे दी. उन्हें मुंबई के बांद्रा में जुटी भीड़ के मामले में पुलिस ने गिरफ्तार किया था. मुंबई पुलिस के इस कदम की चौतरफा आलोचना हो रही है. न्यूज ब्रोडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए), ब्रॉडकास्ट एडिटर्स एसोसिएशन (BEA) समेत तमाम पत्रकार संगठनों ने एबीपी माझा के रिपोर्टर पर कार्रवाई की निंदा की है. वहीं कुलकर्णी को मिली जमानत का एबीपी न्यूज़ नेटवर्क (ANN) के CEO अविनाश पांडे ने स्वागत किया और इंडस्ट्री के साथ पर आभार जताया.

 

न्यूज ब्रोडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से अपील की कि पत्रकार के खिलाफ लगे आरोपों को हटाया जाए. ठाकरे को लिखे पत्र में एनबीए के प्रमुख रजत शर्मा ने मराठी समाचार चैनल में काम करने वाले पत्रकार राहुल कुलकर्णी की ‘‘अनुचित गिरफ्तारी’’ पर दुख और क्षोभ जताया.

 

शर्मा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की कि प्राथमिकी कुछ रिपोर्ट पर आधारित है जिसमें मुंबई के बांद्रा पश्चिम स्टेशन पर भीड़ इकट्ठी होने का संबंध उनकी खबर से जोड़ा गया है. एनबीए प्रमुख ने कहा, ‘‘वरिष्ठ पत्रकार का बेदाग रिकॉर्ड रहा है और वह ईमानदारी से पत्रकारिता करने के लिए जाने जाते हैं और उन्होंने हमेशा खुद को जांच के लिए उपलब्ध कराया है और ऐसे में उनके जांच एजेंसी से भागने या जांच से छिपने का सवाल ही नहीं है. गिरफ्तारी से उनके वायरस से संक्रमित होने का खतरा भी है.’’

 

पत्र में कहा गया है कि ‘‘यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गंभीर उल्लंघन है और स्वतंत्र प्रेस पर सीधा हमला है.’’ शर्मा ने कहा, ‘‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मूल अधिकार को दबाने का प्रयास किया गया है और उनकी गिरफ्तारी संविधान में मिले अधिकारों पर गंभीर हमला होगा और इससे उनकी जान को भी खतरा हो सकता है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए प्रेस की स्वतंत्रता के हित में है कि राहुल कुलकर्णी जैसे पत्रकार एवं संवाददाता को सभी आरोपों से मुक्त किया जाए ताकि प्रेस की स्वतंत्रता की शुचिता बहाल हो सके.’’

 

ब्रॉडकास्ट एडिटर्स एसोसिएशन (BEA)
ब्रॉडकास्ट एडिटर्स एसोसिएशन (BEA) ने राहुल की गिरफ्तारी को बोलने के अधिकार की आज़ादी के खिलाफ बताया है. साथ ही अपील की है कि राहुल कुलकर्णी पर लगाए गए सभी आरोपों को वापस लिया जाए. बीईए के प्रेसिडेंट सुप्रिया प्रसाद की ओर से जारी बयान में कहा गया, “बीईए राहुल कुलकर्णी की गिरफ्तारी की निंदा करता है, क्योंकि ये बोलने के अधिकार की आज़ादी का गंभीर उल्लंघन है और ये आजाद प्रेस पर हमला है. बीईए आग्रह करता है कि राहुल कुलकर्णी को सभी ओरोपों से मुक्त किया जाए.”

 

उन्होंने कहा, ”मैं हर उस पत्रकार का शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने जिम्मेदार पत्रकारिता के प्रति अपना समर्थन दिया. आज, पत्रकार अपनी जान जोखिम में डालकर घर से बाहर जा रहे हैं और रिपोर्ट कर रहे हैं, जो अविश्वसनीय है. एबीपी माझा के रिपोर्टर राहुल कुलकर्णी को अदालत ने जमानत दे दी है, उन्हें झूठा आरोप लगाकर गिरफ्तार किया गया था, उनपर आरोप था कि उन्होंने चैनल के माध्यम से फर्जी खबरें फैलाईं. हम पूरी ईमानदारी और धैर्य के साथ अपनी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के किसी भी दुर्भावनापूर्ण प्रयास का सामना करेंगे. यह बिल्कुल अपमानजनक था कि हमारी खबर फेक न्यूज़ पर आधारित थी.”

 

मुंबई क्राइम रिपोर्टर्स एसोसिएशन
मुंबई क्राइम रिपोर्टर्स एसोसिएशन ने एबीपी माझा के रिपोर्टर राहुल कुलकर्णी की गिरफ्तारी की निंदा की. एसोसिएशन ने कहा कि सबसे पहले तो पूरी घटनाक्रम के बारे में आपको जानना जरूरी है. 14 अप्रैल को पीएम मोदी 10 बजे देश को संबोधित करने वाले थे उस संबोधन के 1 घंटे पहले एबीपी माझा ने 9 बजे के बुलेटिन में राहुल कुलकर्णी द्वारा दी गई ख़बर चलाई. राहुल कुलकर्णी की यह खबर रेल मंत्रालय के साउथ सेंट्रल रेलवे डिवीजन के एक आधिकारिक पत्र पर आधारित है. यह पत्र राहुल कुलकर्णी के पास था और अभी इस न्यूज़ में रुचि रखने वाले अधिकतर लोगों के मोबाइल में है.

 

एसोसिएशन ने आगे कहा कि राहुल कुलकर्णी ने लाइव न्यूज़ में बताया, “13 अप्रैल को रेलवे डिवीजन की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीटिंग हुई. फंसे हुए यात्रियों और मजदूरों के लिए जनसाधरण स्पेशल ट्रेन चलाने का प्रस्ताव दिया गया है. डिवीजन से आंकड़े पूछे गए कि कितने मजदूर फंसे हैं. सभी वरिष्ठ डीसीएम को यह निर्देश दिया गया की जल्द से जल्द एक बार पूरा आकलन किया जाए कि कितने मजदूर या यात्री फंसे हैं, कहां से कहां जाना है जिससे कि प्रस्ताव CPTM को दिया जाए.” राहुल कुलकर्णी ने यही ख़बर दिखाई. इस न्यूज़ में ना किसी स्टेशन, किसी जगह का नाम लिया गया और ना ही ऐसा कुछ कहा गया की ट्रेन आज या कल में चलने वाली है.

 

मुंबई क्राइम रिपोर्टर्स एसोसिएशन ने कहा, ”इस न्यूज़ को बांद्रा स्टेशन के पास जमा हुई जुटी भीड़ का आधार बनाते हुए महाराष्ट्र सरकार के निर्देश पर मुंबई पुलिस ने राहुल कुलकर्णी को गिरफ्तार कर लिया. महाराष्ट्र सरकार या मुंबई पुलिस को इस गिरफ्तारी से पहले तथ्यों की जांच करनी चाहिए थी और सभी पहलुओं की जांच और चैनल के पक्ष को समझने के बाद किसी कार्यवाही की तरफ बढ़ना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ. मुंबई क्राइम रिपोर्टर्स एसोसिएशन रिपोर्टर राहुल कुलकर्णी के गिरफ्तारी की निंदा करता है. एसोसिएशन इस हालात में पत्रकार राहुल कुलकर्णी और उनके परिवार के साथ खड़ा है. मुंबई क्राइम रिपोर्टर्स एसोसिएशन महाराष्ट्र सरकार से मांग करता है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इस अन्यायपूर्व कार्रवाई का संज्ञान लें और उचित कार्रवाई करें.”

 

ANN के सीईओ अविनाश पांडे
कुलकर्णी को जमानत मिलने पर एबीपी न्यूज नेटवर्क (ANN) के सीईओ अविनाश पांडे ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि हम पूरी ईमानदारी और धैर्य के साथ प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के किसी भी दुर्भावनापूर्ण प्रयास का सामना करेंगे.

 

उन्होंने कहा, ”मैं हर उस पत्रकार का शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने जिम्मेदार पत्रकारिता के प्रति अपना समर्थन दिया. आज, पत्रकार अपनी जान जोखिम में डालकर घर से बाहर जा रहे हैं और रिपोर्ट कर रहे हैं, जो अविश्वसनीय है. एबीपी माझा के रिपोर्टर राहुल कुलकर्णी को अदालत ने जमानत दे दी है, उन्हें झूठा आरोप लगाकर गिरफ्तार किया गया था, उनपर आरोप था कि उन्होंने चैनल के माध्यम से फर्जी खबरें फैलाईं. हम पूरी ईमानदारी और धैर्य के साथ अपनी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के किसी भी दुर्भावनापूर्ण प्रयास का सामना करेंगे. यह बिल्कुल अपमानजनक था कि हमारी खबर फेक न्यूज़ पर आधारित थी.”

 

जमानत के बाद राहुल कुलकर्णी क्या बोले?
आज जमानत मिलने के बाद राहुल कुलकर्णी ने कहा, ”मैं सो नहीं पाया दो दिनों से. सत्य थोड़ा परेशान हो सकता है लेकिन उसको हरा नहीं सकते हैं, ये तय था. कोई इसी तरह का प्रयास कर रहा था कि चैनल के खिलाफ और मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज हो. कई ऐसे मैसेज भी देने की कोशिश की जा रही थी कि बांद्रा में जो घटना घटी है, उसके लिए हम जिम्मेदार हैं. हमने ऐसे कोई खबर नहीं चलाई जिससे की बांद्रा में भीड़ इकट्ठी हो.”

 

उन्होंने आगे कहा, ”चैनल पर 14 अप्रैल को सुबह 9 बजे एक विश्वसनीय कागजात के आधार पर खबर चलाई. इस कागजात को लेकर आधिकारिक स्तर पर काफी चर्चा हुई थी. इसलिए हम शुरुआत से लेकर अभी तक अपनी खबर पर कायम हैं. हमने खबर नहीं हटाई.” उन्होंने कहा, ”हमने खबर में बताया था कि ट्रेन चलाने के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है और यही उस कागज में था. हमने कभी नहीं बताया कि बांद्रा से ट्रेन चलेगी, खुलेगी. ऐसा कभी नहीं कहा गया.”

 

राहुल कुलकर्णी पर मुंबई पुलिस ने आरोप लगाया कि उन्होंने अपनी खबर में कहा था कि सरकार प्रवासी कामगारों के लिये जन साधारण ट्रेन सेवा शुरू करने पर विचार कर रही है, इस खबर के बाद बांद्रा में भीड़ जमा हो गई थी. जिसके बाद पुलिस ने राहुल कुलकर्णी को बुधवार को गिरफ्तार किया.

 

कुलकर्णी को आज को बांद्रा में मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जहां पुलिस ने उन्हें हिरासत में देने की मांग की. बहरहाल, अदालत ने कुलकर्णी की न्यायिक हिरासत की पुलिस की मांग को खारिज कर दिया. इसके बाद उनके वकील सुबोध ने उनकी जमानत की अर्जी डाली और अदालत ने उन्हें जमानत दे दी.

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