पंजाब में सरकारी कर्मियों का वेतन काटा नहीं जाएगा, पुलिस जवानों को देंगे पीपीई किट: कैप्टन अमरिंदर सिंह

कैप्टन ने कहा कि एएसआई हरजीत सिंह बहादुर जवान है। एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि पुलिस द्वारा अपने प्रयासों और साधनों से ही राहत कार्य चलाए जा रहे हैं। पुलिस मुलाजिमों को राज्य में कर्फ्यू लागू करवाने और अमन-कानून की व्यवस्था बनाए रखने की ड्यूटी के अलावा कोई अन्य कार्य नहीं दिया गया है। 

चंडीगढ़। कोविड -19 के खिलाफ सबसे आगे जंग लड़ रहे पुलिस जवानों को भी पंजाब सरकार पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विमेंट (पीपीई) किटें मुहैया कराएगी। इसके अलावा सरकारी कर्मचारियों का वेतन नहीं काटा जाएगा। यह बात मंगलवार को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक वीडियो प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता स्वास्थ्य कर्मियों को सुरक्षा देने की है जिसके लिए राज्य के पास 16000 किटें हैं। अस्पतालों में सभी डॉक्टरों, पैरा मेडिकल स्टाफ और सेनिटेशन वर्करों के लिए ऐसी किटें उपलब्ध होने के बाद सरकार अब पुलिस जवानों के लिए इन्हें बाजार से खरीद रही है। पटियाला में पुलिस पार्टी पर हमले के दौरान एक एएसआई का हाथ काटे जाने के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने डीजीपी को इस घटना को अंजाम देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए कहा है।

उन्होंने कहा, निहंग क्या सोचते हैं? क्या यह सब कुछ करके वह बच जाएंगे? इस घटना की जानकारी मिलते ही मुझे बहुत गुस्सा आया। कैप्टन ने कहा कि एएसआई हरजीत सिंह बहादुर जवान है। एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि पुलिस द्वारा अपने प्रयासों और साधनों से ही राहत कार्य चलाए जा रहे हैं। पुलिस मुलाजिमों को राज्य में कर्फ्यू लागू करवाने और अमन-कानून की व्यवस्था बनाए रखने की ड्यूटी के अलावा कोई अन्य कार्य नहीं दिया गया है।

सीएम बोले- कर्फ्यू के सिवा कोई रास्ता नहीं

मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्फ्यू के कारण लोगों को आ रही मुश्किलों से सरकार वाकिफ है लेकिन इसके सिवा कोई रास्ता नहीं है। उन्होंने माना कि लॉकडाउन सितंबर महीने तक जारी नहीं रखा जा सकता जबकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में सितंबर तक कोविड पर काबू पाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि फिलहाल कर्फ्यू का सख्ती से पालन करना होगा। लोग बाहर निकलने पर मास्क जरूर पहने। मुख्यमंत्री ने माना कि राज्य में किए जा रहे कोविड टेस्टों की संख्या काफी नहीं है। सामूहिक टेस्टिंग के लिए कम से कम 10 लाख रैपिड टेस्टिंग किटों की जरूरत है, जो सरकार ने आईसीएमआर को आर्डर की थीं। अब तक सिर्फ 1000 किटें ही मिली हैं जो मोहाली और जालंधर में इस्तेमाल की जा रही हैं।

शराब ठेके खोलने का कोई प्रस्ताव नहीं

कैप्टन ने कहा कि मौजूदा समय में राज्य में शराब के ठेकों को खोलने का कोई प्रस्ताव नहीं है। इस समय विशेष ध्यान जरूरी वस्तुओं की सप्लाई चेन को बहाल करने का है। उन्होंने कहा कि समय आने पर इस बारे में भी फैसला लिया जाएगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कोविड-19 के विरुद्ध जंग के लिए सरकारी कर्मचारियों के वेतन में कटौती का कोई प्रस्ताव नहीं है।

प्रधानमंत्री ने सकारात्मक संकेत दिए, पैकेज आना बाकी: सीएम
राज्य के लिए केंद्र सरकार के समर्थन पर पूछे गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने पहले ही एक विशेष पैकेज की मांग की है, जिसमें अस्पतालों के नवीनीकरण के लिए 729 करोड़ रुपये, एडवांस्ड वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट की स्थापना के लिए 550 करोड़ रुपये और जीएसटी बकाये के 4400 करोड़ रुपये जारी करना शामिल है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने सकारात्मक संकेत दिए थे लेकिन पैकेज आना अभी बाकी है। उनकी सरकार केंद्र को सभी राज्यों की मांगों का सामूहिक जवाब देने के लिए समय दे रही है।

सरकार की प्राथमिकता जान बचाना

राज्य में उद्योगों को पुनर्जीवित करने संबंधी सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समय प्राथमिकता जान बचाने की है। लेकिन लॉकडाउन के बाद आर्थिक और उद्योगों को पुनर्जीवित करने के मामले को देखने के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति बनाई जा रही है।

अभी वापस नहीं आ सकते विदेश में फंसे विद्यार्थी

देश-विदेश में फंसे विद्यार्थियों के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में उनसे मदद मांगी जा रही है लेकिन जब तक यात्रा की पाबंदियां खत्म नहीं हो जातीं, तक तक कुछ नहीं हो सकता। सुप्रीम कोर्ट तक ने विद्यार्थियों को जहां हैं, वहीं रहने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि वह खासकर विद्यार्थियों के बारे में चिंतित हैं और इस मुद्दे को उचित समय पर केंद्र के पास उठाएंगे।

 

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