पंजाब / कर्फ्यू के नियमों को नहीं मान रहे लोग, सीएम ने चेताया- ऐसा ही रहा तो फिर सितंबर तक का वक्त लग सकता है

पंजाब में कोरोना संक्रमण के अब तक 184 मामले सामने आए हैं और इनमें से 13 की मौत हो चुकी है प्रदेश में सबसे ज्यादा हालत मोहाली की खराब है, जहां एक ही गांव जवाहरपुर से 38 लोगों समेत पूरे जिले में 56 मामले आ चुके हैं

चंडीगढ़। पंजाब में कोरोना संक्रमण के अब तक 184 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 13 की मौत हो चुकी है। सबसे ज्यादा हालत मोहाली जिले की खराब है। यहां 56 मामले हैं जिसमें 38 केस सिर्फ जवाहरपुर गांव के हैं। संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ा दिया गया है। वहीं, राज्य सरकार ने 23 मार्च से जारी कर्फ्यू को 3 मई तक बढ़ा दिया है। दूसरी तरफ कुछ लोग बावजूद इसके नियमों का सख्ती से पालन नहीं कर रहे हैं। इस पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दो-टूक कहा है कि लोग अगर कर्फ्यू के नियमों का पालन करें तो कुछ उद्योग-धंधे शुरू हो सकते हैं। अगर ऐसे ही चलता रहा तो कोरोना के खौफ से निकलते-निकलते सितंबर का महीना भी लग सकता है। ऐसे में जरूरी है कि अगले कुछ दिन लोग घरों में ही रहें।

लॉकडाउन से कैसे बाहर आना है, इसकी रिपोर्ट 10 दिन में आएगी: मुख्यमंत्री

  • मुख्यमंत्री ने बुधवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग से मीडियाकर्मियों से बात की। उन्होंने कहा-  प्रधानमंत्री ने कई उद्योगों को खोलने की बात की है। बठिंडा में चार औद्योगिक इकाइयों में काम शुरू हो गया है। अगर हम नियमों का सख्ती से पालन करें तो पंजाब के दूसरे हिस्सों में भी कई उद्योग खुल सकते हैं।
  • उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार कर्मचारियों के वेतन में कोई कटौती नहीं करेगी। लॉकडाउन से किस तरह बाहर आना है, इसे लेकर एक उच्चस्तरीय कमेटी गठित की गई है, जो 10 दिन में अपनी रिपोर्ट देगी। साथ ही एक और कमेटी भी बनाई है, जो इस बात पर अपनी सिफारिशें देगी कि पंजाब इस लॉकडाउन के कारण अपनी अर्थव्यवस्था को फिर से कैसे बहाल कर सकता है।
  • इस दौरान मुख्यमंत्री ने पीजीआई चंडीगढ़ की उस रिपोर्ट का फिर से जिक्र किया, जिसमें कहा गया था कि यदि पांच हफ्तों तक लॉकडाउन को सही ढंग से लागू न किया गया तो पंजाब के 87 फीसदी लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकते हैं। हालांकि इस रिपोर्ट से पीजीआई प्रशासन नकार चुका है।

लुधियाना: राशन लेने आए लोगों पर मार्शल की ड्रेस में आए युवकों ने की मारपीट
लुधियाना में जोधेवाल स्थित काकोवाल रोड पर मंगलवार रात साढ़े 9 बजे राशन लेने आए लोगों से मार्शल के सफेद कपड़े पहनकर आए युवकों ने मारपीट की। विरोध करने पर हमलावर भाग गए और इसके बाद 200 के करीब लोग सड़क पर इकट्ठा हो प्रशासन के खिलाफ नारे लगाए। मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों को शांत किया और सीसीटीवी कैमरे खंगालने शुरू किए। पुलिस ने बताया कि मारपीट करने वाले युवक मार्शल नहीं थे। पुलिस हमलावरों की तलाश में जुटी हुई है।

जालंधर: नियम तोड़ने से बाज नहीं आ रहे लोग, अब तक 343 गिरफ्तार
कर्फ्यू का उल्लंघन करने के आरोप में जालंधर में अब तक 256 एफआईआर दर्ज कर 343 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। 5,433 गाड़ियों के चालान काटे गए हैं और 447 वाहन जब्त किए गए हैं। शहर में हालात किस तरह से बिगड़ रहे हैं, इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत भुल्लर व डिप्टी कमिश्नर वरिंदर शर्मा के साथ अफसरों की फौज रोज फ्लैग मार्च निकाल रही है। इसके बावजूद लोगों का घरों से बाहर निकलना जारी है। सबसे बुरे हालात मकसूदां सब्जी मंडी के हैं। यहां बुधवार को फिर जाम लग गया।

कर्मचारियों का आरोप- वेतन काटने की धमकी दी जा रही
लॉकडाउन के बीच रेलगाड़ियों के पहिये थमे हैं, लेकिन अमृतसर-वेरका लाइन पर रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग के ट्रैकमैन लगातार ट्रैक की मरमम्त में जुटे हुए हैं। स्टाफ को ड्यूटी पर वापस बुलाकर काम करवाया जा रहा है। रेलवे कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें न तो मास्क मुहैया करवाए गए हैं और ही सैनिटाइज करने का प्रबंध हैं। कर्मचारी बिल्कुल एक-दूसरे के पास-पास रहकर काम कर रहे हैं। इसके अलावा उन्हें साफ बोला गया है कि अगर कोई भी कर्मचारी काम पर नहीं आया तो उसका वेतन काट लिया जाएगा। मजबूरन उन्हें ड्यूटी पर आना पड़ा। हालांकि स्टेशन के इंजीनियर विभाग के एसएसई अलोक कुमार का कहना है कि कर्मचारियों को सुरक्षा का हर सामान मुहैया करवाया गया। वेतन काटने की धमकी दिए जाने की बात से भी उन्होंने इनकार किया है।

यह तस्वीर गुरदासपुर की है। यहां मंगलवार का संक्रमण का पहला मामला सामने आया। इसके बाद उस इलाके को सील कर दिया गया। उस इलाके में प्रशासन की जितनी भी गाड़ियां गई थी उनको सैनिटाइज करवाया गया।

गुरदासपुर: पहला केस सामने आने के बाद संक्रमित के आसपास का तीन किलोमीटर का इलाका सील
गुरदासपुर जिले के गांव भैणी पसवाल में मंगलवार को कोरोना वायरस का पहला केस सामने आया। यहां 60 साल का पूर्व अध्यापक संक्रमित मिला है। इसके बाद संक्रमित के आसपास का तीन किलोमीटर का एरिया सील कर दिया गया है। डिप्टी कमिश्नर मोहम्मद इशफाक ने बताया कि सभी गांववालों की स्क्रीनिंग की जा रही है।

यह तस्वीर पठानकोट के शाहपुर कंडी की है। यहां पुलिस ने फ्लैग मार्च निकाला। पुलिस ने लोगों से घरों में रहने की अपील की है। राज्य सरकार ने आदेश दिए हैं कि नियमों का सचती से पालन किया जाए।

 

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