गलतियां जो फैला रही है कोरोना वायरस,एक घंटे में 23 बार छूते हैं हम अपना चेहरा
फेस टचिंग पर स्टडी करने वाली दो अमेरिकी और एक ऑस्ट्रेलियाई डॉक्टर ने दी जानकारी सीडीसी और डब्ल्यूएचओ शुरू से ही बेवजह नाक, आंख, कान छूने से मना कर रहे हैं अभी लोग 1 घंटे में 3-3 बार नाक-आंख, 4-4 बार होंठ, गाल, माथा और एक बार कान छूते हैं
नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Corona Virus) से लड़ने के लिए हर कोई तैयारी कर रहा है. आपने वायरस से बचाव के लिए सैनिटाइजर और फेस मास्क खरीद लिया होगा. संक्रमण रोकने के लिए कुछ लोगों ने घर से भी काम करना शुरू कर कर दिया है. इसके बावजूद हम रोजाना ऐसी गलतियां कर रहे हैं जो वायरस को बड़ी आसानी से शरीर में घुसने दे रहा है. डॉक्टर कोरोना वायरस संक्रमण के इस घड़ी में आम लोगों को लगातार सलाह दे रहे हैं कि अपने हाथों को चेहरे से दूर रखें. इसके बावजूद हम इस गंभीर चेतावनी को नजरअंदाज कर रहे हैं. आइए जानते हैं ऐसी बड़ी गलतियां जो कभी आपने नोटिस तक नहीं किया होगा…
हम हर घंटे 23 बार छूते है चेहरा
अतंरराष्ट्रीय मेडिकल पत्रिका एनसीबाआई में छपे एक शोध में खुलासा हुआ है कि हम हर घंटे लगभग 23 बार अपना चेहरा छूते हैं. कुछ लोग हर घंटे इससे ज्यादा बार भी चेहरे पर जाने-अनजाने हाथ फेर लेते हैं. इसी पत्रिका में की दूसरी शोध में बताया गया है कि हम एक घंटे 15 बार अपनी उंगलियों को नाक के भीतर ले जाते हैं. सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि जाने-अनजाने 90 फीसदी लोग चेहरे, नाक, मुंह या आंखों को हर घंटे लगातार छूते हैं.
आपका हाथ कर रहा है मदद कोरोना वायरस फैलाने में मदद
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की चीफ साइंटिस्ट डॉ. सौम्या स्वामीनाथन का कहना है कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए हाथों को अपने चेहरे से दूर रखना बहुत जरूरी है. दरअसल 80 फीसदी लोगों के हाथों में बैक्टिरिया या वायरस होता है. ऐसे में जब भी कोई व्यक्ति अपने उंगलियों से चेहरे को छूता है तो संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. डॉ. स्वामीनाथन का कहना है कि कोरोना वायरस संक्रमण के इस घड़ी में बार-बार हाथों को धोते रहना ही बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है.
कोरोनावायरस से पूरी दुनिया में अब तक 1.20 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी हैं। 20 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। इस महामारी के संक्रमण से बचने के लिए सीडीसी (सेंटर फॉर डीजीज कंट्रोल) और डब्ल्यूएचओ (वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन) पहले दिन से ही लोगों को हर दो घंटे में हाथ धुलने और बेवजह नाक, आंख, कान को छूने से मना कर रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि लोग अभी भी आदतन हर घंटे में 23 बार अपने चेहरे के विभिन्न अंगों (आंख, कान, नाक, गाल, माथा, ठोढ़ी) को छू रहे हैं। इस बात का खुलासा अमेरिका की डॉ. नैंसी सी. एल्डर, डॉ. विलियम पी. सॉयर और ऑस्ट्रेलिया की डॉ. मैक्लाव्स ने अपने अध्ययन के आधार पर किया है। तीनों ही डॉक्टर फेस टचिंग पर स्टडी कर रही हैं। इन्होंने न्यूयॉर्क टाइम्स से विशेष बातचीत में बताया कि कोरोना से बचना है तो लोगों को बेवजह चेहरे छूने की आदत को छोड़ना होगा।
1- आंख, कान और नाक को छूना गंदी आदत है, आसानी से नहीं छूटेगी
पोर्टलैंड स्थित ओरेगन हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी में फेमिली मेडिसन की प्रोफेसर डॉ. नैन्सी सी एल्डर कहती हैं कि आंख, कान और नाक को छूना लोगों की गंदी आदत है। आंखों को मलना, नाक खुजाना, गाल और ठोढ़ी पर उंगलियां फेरना यह सामान्य है। डॉ. नैंसी ने अपने क्लीनिक स्टाफ के 79 लोगों को टॉस्क देकर एक कमरे में दो घंटे के लिए छोड़ दिया। निगरानी में यह पाया गया कि सभी ने 1 घंटे के भीतर ही अपने चेहरे के विभिन्न अंगों को 19 बार टच किया। नैंसी के अनुसार, कोरोना वायरस से हमारे श्वसन प्रणाली (रेस्पिरेट्री सिस्टम) में आंख, कान और नाक के माध्यम से ही प्रवेश करता है, इसलिए लोगों को चेहरे छूने की आदत को त्यागना ही होगा।
2- लोग पब्लिक प्लेस पर भी ध्यान नहीं देते और चेहरे को छूते रहते हैं
ओहियो के शेरोनविले में फेमिली फिजीशियन और Henrythehand.com के संस्थापक डॉ. विलियम पी. सायर लोगों को हाथ सैनेटाइज करने और बेवजह चेहरे के ‘टी जोन’ (माथा, आंख, नाक और ठोढ़ी) न छूने के प्रति जागरूक कार्यक्रम चलाते हैं। उनके कार्यक्रम में बड़े से लेकर बच्चे शामिल होते हैं। वे कहते हैं, ‘हर कोई अपने चेहरे को छूता है और इसे छोड़ना एक कठिन आदत है। मैं ऑब्जर्व करता हूं कि लोग इस कोरोना जैसी महामारी में भी पब्लिक प्लेस जैसे लिफ्ट, बस, ट्रेन, मेट्रो, कैब आदि जगहों पर भी अपने चेहरे के टी जोन को बेवजह छूते रहते हैं। यदि आप अपने चेहरे के श्लेष्म झिल्ली (म्यूकस मेम्ब्रेन) को कभी नहीं छूते हैं, तो आपकी सांस के संक्रमण या फिर इससे संबंधित बीमारी से ग्रसित होने की संभावना कम रहती है।’
3- कई लोग तो एक मिनट में ही 12 बार चेहरे को छू लेते हैं
सिडनी स्थित साउथ वेल्स विश्वविद्यालय में महामारी और संक्रमण विषय की प्रोफेसर और 2015 में ‘फेस टचिंग’ नामक विषय पर स्टडी रिपोर्ट तैयार करने वाली डॉ. मैरी-लुईस मैक्लाव्स कहती हैं कि ‘मेरी रिपोर्ट कोरोना के इस दौर में प्रासंगिक हो गई है। मैंने यह रिपोर्ट अपने 26 स्टूडेंट्स के आधार पर बनाई थी, जिसमें हर एक घंटे के दौरान लोग औसतन 23 बार अपने चेहरे को स्पर्श करते हैं। मैं कॉन्फ्रेंस के सिलसिले में दुनिया के कई हिस्सों में जाती रहती हूं। अक्सर देखती हूं कि लोग एक मिनट के भीतर ही दर्जन बार अपनी आंख, नाक, कान और माथे को बेपरवाह तरीके से स्पर्श कर लेते हैं। आंखें रगड़ना, नाक खुजलाना, ठोढ़ी के बल टेक लगाना यह बहुत सामान्य आदत है, लेकिन इसे कोरोना जैसी महामारी के चलते छोड़ना ही होगा।’
बताते चलें कि अभी तक भारत समेत पूरी दुनिया में कोरोना वायरस से लगभग 2.44 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं. इनमें से 86,025 लोग ठीक भी हो चुके हैं. भारत में अब तक कुल 194 लोग संक्रमित हो चुके हैं. देश में इसकी वजह से 4 लोगों के मरने की पुष्टि हो चुकी है.