शादी के लिए पुलिस ने दी चंद घंटे की छूट, दूल्हा-दुल्हन ने फटाफट लिए सात फेरे
नेहा और मयंक की शादी (Marriage) से संबंधित सभी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी थीं. अब बस 13 अप्रैल का इंतजार था. नेहा और मयंक का यह इंतजार पूरा होता, इससे पहले देश में 21 दिनों लॉकडाउन (Lockdown) की घोषणा हो गई.
देहरादून. आखिरकार यह तय हुआ कि 13 अप्रैल को सहारनपुर (Saharanpur) की नेहा और देहरादून (Dehradun) के मयंक शादी बड़े धूमधाम से संपन्न होगी. इस शादी को यादगार बनाने के लिए दोनों परिवार तैयारियों में जुट गए. नेहा की मां नहीं चाहती थी कि उनकी बेटी की शादी में किसी तरह की कमी रहे. लिहाजा, वह वर पक्ष के पसंद की शॉपिंग करने के लिए अपने एक रिश्तेदार के घर देहरादून पहुंच गई. शादी की सभी तैयारियां अपने अंतिम चरण में थीं, तभी पूरे देश में 21 दिनों लॉकडाउन की घोषणा हो गई.
चूंकि नेहा और मयंक की शादी 13 तारीख को होनी थी और लॉकडाउन 14 अप्रैल को खुलने वाला था, लिहाजा दांपत्यसूत्र में बंधने जा रहे इस जोड़े का दिल बैठने लगा था. जैसे-जैसे तारीख नजदीक आ रही थी, वैसे-वैसे दोनों परिवारों के दिल की धड़कने बढ़ती जा रही थी. कहीं से कोई उपाय न होता देख, दोनों परिवारों ने फोन कर अपने रिश्तेदारों को शादी टालने की सूचना देना शुरू कर दिया. अबतक, पंडित जी से शादी का दूसरा शुभ मूर्हत देखने के लिए कह दिया गया था. पंडित ने भी दो टूक कह दिया, इस मूर्हत में शादी नहीं हुई तो अक्टूबर तक कोई दूसरा मूर्हत नहीं है.
नेहा और मयंक के पिता नहीं हैं, लिहाजा दोनों परिवारों ने इसी मूर्हत में शादी करने का फैसला लिया. अब इस बात पर विचार होने लगा कि आखिरकार शादी कैसे हो. लंबी जद्दोजहद के बाद, नेहा के एक रिश्तेदार ने उसका परिचय स्थानीय बीजेपी नेता शिवानी कश्यप से करवा दी. शिवानी ने स्थानीय विधायक गणेश जोशी और देहरादून एसएसपी अरुण मोहन जोशी से बात की. एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने सशर्त शादी की इजाजत दे दी. एसएसपी ने स्पष्ट कर दिया था कि शादी में दस लोगों से ज्यादा लोग शामिल नहीं होंगे और शादी की रस्मों को कुछ ही घंटों में पूरा करना होगा.
फिर क्या था, मयंक ने फटाफट शेरवानी पहनी, अपना स्कूटर उठाया और निकल गया नेहा के घर की तरफ. पीछे से उसके एक रिश्तेदार भी पंडित लेकर नेहा के घर पहुंच गए. सुबह सात बजे शादी की रस्में शुरू हो गईं. दोनों ने फटाफट फेरे लिए और 11 बजे तक नेहा और मयंक दांपत्य सूत्र में बंध गए. शादी को लेकर भले ही नेहा और मयंक के बहुत से अरमानों पर पानी फिर गया हो, लेकिन जिस असमंजस के बीच उनकी यह शादी हुई, वह शायद दोनों पूरी जिंदगी न भूल पाए.