सैलरी से जुड़े मामलों को लेकर सरकार ने उठाया बड़ा कदम!

COVID-19: देशभर में लागू लॉकडाउन के चलते प्रवासी कामगारों के वेतन से संबंधित मुद्दों और मजूदरों से संबंधित अन्य समस्याओं को दूर करने के लिए देश भर में 20 नियंत्रण कक्ष (Control Rooms) स्थापित किये.

नई दिल्ली. कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Lockdown Part 2) के बढ़ते प्रकोप के चलते सरकार ने लॉकडाउन को 3 मई 2020 तक बढ़ा दी है. देशभर में लागू लॉकडाउन के चलते प्रवासी कामगारों के वेतन से संबंधित मुद्दों और मजूदरों से संबंधित अन्य समस्याओं को दूर करने के लिए देश भर में 20 नियंत्रण कक्ष (Control Rooms) स्थापित किये. पीएम मोदी ने कहा है कि 20 अप्रैल से कुछ जगहों पर स्थिति के मूल्यांकन के हिसाब से लॉकडाउन में सशर्त छूट दी जाएगी.

प्रवासी मजदूरों को करना पड़ा सामना
लॉकडाउन की वजह से मजदूरों और खासकर प्रवासी मजदूरों को बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. इनमें से बड़ी संख्या में लोगों को वेतन नहीं मिल रहा है या फिर उनकी नौकरी चली गई है. एक अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के आकलन के अनुसार, भारत में अनौपचारिक क्षेत्र के 40 करोड़ मजदूर इस लॉकडाउन के कारण गहरी गरीबी में जा सकते हैं.

इस संगठन ने एक बयान में कहा, श्रम और रोजगार मंत्रालय ने कोरोना वायरस के चलते पैदा हुए मुद्दों के समाधान के लिए देश भर में मुख्य श्रम आयुक्त (CLC) (c) के अंदर 20 कंट्रोल रूम स्थापित किये हैं. ये कंट्रोल रूम मजदूरों की वेतन से जुड़ी शिकायतों को दूर करने के लिए स्थापित किये गए हैं. मंत्रालय ने कहा ये कंट्रोल रूम्स विभिन्न राज्य सरकारों के साथ सहयोग स्थापित कर प्रवासी मजदूरों की समस्याओं को कम करने का भी काम करेंगे.
देश भर के मजदूर फोन नंबर्स, वाट्सएप और ई-मेल के जरिए इन सेंटर्स से संपर्क स्थापित कर सकते हैं. इन कंट्रोल रूम्स का प्रबंधन श्रम प्रवर्तन अधिकारियों, सहायक श्रम आयुक्तों, क्षेत्रीय श्रम आयुक्तों और संबंधित क्षेत्रों के उप मुख्य श्रम आयुक्तों द्वारा होगा. मंत्रालय ने कहा कि सभी 20 कॉल सेंटर्स के कामकाज की निगरानी नियमित रूप से मुख्यालय के मुख्य श्रम आयुक्त (C) द्वारा की जा रही है.

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