कोरोना वायरस: सुप्रीम कोर्ट ने बदला अपना फैसला, सिर्फ गरीबों की होगी फ्री टेस्टिंग

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपने बदले हुए आदेश में कहा है कि फ्री कोविड-19 टेस्टिंग की सुविधा सिर्फ आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत आने वाले लोगों और गरीब लोगों को ही उपलब्ध होगी.

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नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कोरोना वायरस की फ्री टेस्टिंग (Coronavirus Free Testing) के अपने ऐतिहासिक आदेश में बदलाव करते हुए अब सिर्फ इसे सिर्फ गरीब लोगों के लिए कर दिया है.सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपने बदले हुए फैसले में कहा है कि फ्री कोविड-19 टेस्टिंग की सुविधा सिर्फ आयुष्मान भारत (Ayushman Bharat Pradhan Mantri Jan Aarogya Yojana) के अंतर्गत आने वाले लोगों और गरीबी रेखा में आने वाले लोगों को ही उपलब्ध होगी.

8 अप्रैल को जारी किया था सभी सरकारी-प्राइवेट अस्पतालों में फ्री कोविड-19 टेस्टिंग का आदेश
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपने 8 अप्रैल के आदेश में बदलाव किए हैं. पहले इस आदेश में कोविड-19 के सभी मामलों की सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों (Private Committee) में फ्री टेस्टिंग किए जाने का आदेश दिया गया था.अब कोर्ट ने कहा है कि केवल उन लोगों की फ्री टेस्टिंग (Free Testing) की जाएगी जो कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत आते होंगे. यह योजना पहले ही भारत सरकार द्वारा लागू कर दी गई है. साथ ही इसके अलावा उन लोगों की भी फ्री कोविड-19 टेस्टिंग की जाएगी जो कि गरीब समुदायों से आते हैं.

साथ ही कोर्ट ने निम्न आदेश भी जारी किए हैं-

सुप्रीम कोर्ट के आदेश में यह भी कहा गया है कि प्राइवेट लैब, ICMR द्वारा तय की गई टेस्टिंग फीस (Testing Fee) को लेती रह करती हैं. हालांकि वे उसी से यह फीस लेंगी, जो देने की हालत में हैं.आदेश में कहा गया है कि भारत सरकार का स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare) इसके लिए आवश्यक गाइडलाइन्स जारी कर सकता है. इसके जरिए अन्य आवश्यक कार्यविधि और प्राइवेट लैब के खर्चे की वापसी के लिए व्यवस्था स्थापित की जाएगी.

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