कोरोना: आखिर क्यों 800 में से 790 अमेरिकी नहीं लौटना चाहते हैं अपने देश

इसकी बड़ी वजह है अमेरिका में तेजी से बिगड़ते हालात। कोरोना वायरस ने अमेरिका में काफी ज्यादा कहर बरपाया है। ऐसे में अमेरिकी नागरिक खुद को भारत में ज्यादा सुरक्षित समझ रहे हैं। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि कई अमेरिकी नागरिक भारत में रहना पसंद कर रहे हैं। 

0 998,979
भारत में लॉकडाउन की वजह से फंसे 444 ऑस्ट्रेलियाई नागरिक विशेष विमान के जरिए नई दिल्ली से मेलबर्न के लिए रवाना हो चुके हैं। मगर भारत में मौजूद अधिकतर अमेरिकी नागरिक यहीं बने रहना चाहते हैं। करीब 800 अमेरिकी नागरिकों में से 790 वापस अपने देश नहीं जाना चाहते और यहीं रहना चाहते हैं।

अमेरिकी प्रशासन विभिन्न देशों में फंसे अपने नागरिकों को वापस लाने के लिए विशेष उड़ानें संचालित कर रही है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय फंसे हुए अमेरिकियों को घर वापस लाने के लिए विशेष उड़ानें संचालित भी कर रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट करते हुए कहा भी है कि लगभग 50,000 लोगों को अमेरिका वापस लाया गया है। लेकिन कई अमेरिकी वापस नहीं आना चाहते हैं।

इसकी बड़ी वजह है अमेरिका में तेजी से बिगड़ते हालात। कोरोना वायरस ने अमेरिका में काफी ज्यादा कहर बरपाया है। ऐसे में अमेरिकी नागरिक खुद को भारत में ज्यादा सुरक्षित समझ रहे हैं। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि कई अमेरिकी नागरिक भारत में रहना पसंद कर रहे हैं।

वाशिंगटन में पत्रकारों को संबोधित करते हुए अमेरिकी विदेश विभाग के अधिकारी इयान ब्राउनली ने कहा, ‘हमने भारत में मौजूद अमेरिकीयों को विशेष विमान के जरिए वीकेंड पर देश वापस लाने के लिए फोन किया। भारत में मौजूद हमारे स्टाफ ने 800 नागरिकों को फोन करके पूछा कि क्या वो आज फ्लाइट से आना चाहते हैं। हमें केवल 10 लोगों का सकारात्मक जवाब मिला। 800 में से केवल 10। ऐसे में यह संख्या हमें अनिश्चितता का एक संकेत दे रही है।’ उन्होंने कहा कि हम भारत में मौजूद 24,000 अमेरिकियों को ट्रैक कर रहे हैं।

विदेश मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव और कोविड-19 रिस्पॉन्स (प्रतिक्रिया) के प्रभारी दामू रवि ने पत्रकारों को बताया कि मंत्रालय ने भारत से 20,473 विदेशी नागरिकों के प्रत्यावर्तन की सुविधा प्रदान की है। ब्रिटेन ने इस हफ्ते अमृतसर, नई दिल्ली, मुंबई, गोवा, चेन्नई, हैदराबाद, कोच्चि, बंगलूरू, अहमदाबाद और कोलकाता से 12 और चार्टर उड़ानें संचालित करने की योजना बनाई है। पिछले हफ्ते उड़ानों के पहले दौर में, भारत में पंजीकृत 35,000 ब्रिटिश नागरिकों में से लगभग 20,000 ने लौटने की इच्छा जाहिर की थी।

Leave A Reply

Your email address will not be published.