14 अप्रैल के बाद का ट्रेन टिकट कर लिया है बुक, जानें रेलवे का क्या है प्लान?

15 अप्रैल से लॉकडाउन खत्म होने की उम्मीद में यात्रियों ने अपने घर जाने के लिए ट्रेनों में टिकटें बुक कर रखी हैं. लेकिन कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए लॉकडाउन 30 अप्रैल तक बढ़ने की संभावना है. ऐसे में भारतीय रेलवे (Indian Railway) 14 अप्रैल के बाद यात्रियों द्वारा बुक किए गए टिकट के मुद्दे का समाधान करने पर विचार कर रहा है.

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नई दिल्ली. कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के चलते देश में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन लागू है. लॉकडाउन के चलते देश में ट्रेन और हवाई सेवाएं बंद हैं. 15 अप्रैल से लॉकडाउन खत्म होने की उम्मीद में यात्रियों ने अपने घर जाने के लिए ट्रेनों में टिकटें बुक कर रखी हैं. लेकिन कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए लॉकडाउन 30 अप्रैल तक बढ़ने की संभावना है. ऐसे में भारतीय रेलवे (Indian Railway) 14 अप्रैल के बाद यात्रियों द्वारा बुक किए गए टिकट के मुद्दे का समाधान करने पर विचार कर रहा है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, लॉकडाउन को बढ़ाने और क्या सभी सेवाओं को शुरू करने की अनुमति के बारे में फैसले की जल्द घोषणा की जाएगी. लेकिन सभी यात्री ट्रेनों को चलाने के बारे में शायद ही कोई संकेत हैं जिसके लिए लोगों ने पहले से ही टिकट बुक करा लिए हैं. रेलवे को इससे निपटना होगा.

IRCTC नहीं लौटाती सुविधा शुल्क
रेलवे के 14 अप्रैल के बाद टिकटों की एडवांस बुकिंग जारी रखने पर कई आश्चर्यचकित हुए क्योंकि एक अन्य सरकारी ट्रांसपोर्ट इकाई, एअर इंडिया ने 30 अप्रैल तक टिकटों की बुकिंग रद्द कर दी है. रविवार को एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे रेलवे की सब्सिडियरी IRCTC कभी भी ट्रेन रद्द किए जाने पर सुविधा शुल्क (Convenience Charges) नहीं लौटाती. इस पर रेलवे ने सफाई देते हुए कहा कि वह ट्रेन यात्रा के लिए यात्रियों को ई-टिकट बुकिंग की सुविधा देती है और एक व्यक्ति घर, ऑफिस या यहां तक मोबाइल फोन के इस्तेमाल से चौबीसों घंटे टिकट बुक कर सकता है.

इस सुविधा के लिए, IRCTC नॉमिनल सुविधा शुल्क लेता है, जो नॉन-एसी क्लास की बुकिंग के लिए प्रति टिकट 15 रुपये और एसी और प्रथम श्रेणी के टिकट के लिए 30 रुपये प्रति टिकट है. एक टिकट में अधिकतम छह यात्री हो सकते हैं और टिकट के हिसाब से शुल्क लिया जाता है, प्रति यात्री नहीं.

रेलवे का कहना है कि, इस सुविधा को प्रदान करने के लिए IRCTC को सर्वर का परिचालन खर्च, ग्राहकों की सुविधा में सुधार और चैटबोट, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आधारित PNR कंफर्मेशन प्रीडिक्टर जैसे अनुभव ग्राहकों को देते हैं. बिना टिकट बुक किए भी इन सुविधाओं को चलाने पर एक निश्चित खर्च होता है. टिकटिंग ऑपरेशन का प्रतिदिन रखरखाव लागत 32 लाख रुपये है. इस खाते पर वार्षिक व्यय 125 करोड़ रुपये है.

इसके साथ ही, जब एक ट्रेन रद्द होती है तो यात्री को किराया का पूरा रिफंड मिलता है. सुविधा शुल्क वापस नहीं किया जाता, जो नाममात्र है और इसका उपयोग दिन-प्रतिदिन रखरखाव और टिकटिंग सुविधा के उन्नयन के लिए किया जाता है.

सूत्रों के मुताबिक, जब तक यात्री ट्रेनों को फिर से शुरू करने पर सरकार की ओर से कोई स्पष्टता नहीं होती है, तब तक बुक किया गया टिकट निलंबित हो सकता है. अग्रिम बुकिंग का मुद्दा रविवार को परिवहन और सप्लाई चेन से संबंधित मुद्दों पर एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में सामने आया.

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