विदेशी मीडिया भी क्यों कर रहा है कोरोना से निपटने में केरल की तारीफ
वायरोलॉजिस्ट और संक्रामक बीमारियों के एक्सपर्ट शाहिद जमील का कहना है कि केरल ने कठोर कदम भी उठाए और मानवीयता का भी खयाल रखा. सरकार ने कोरोना (CoronaVirus) को रोकने के लिए तेज और सजग प्रयास किए.
भारत में कोरोना वायरस (Corona Pnademic) का पहला रोगी (Patient Zero) केरल में मिला था. 31 जनवरी को चीन के वुहान से लौटी एक मेडिकल की छात्रा का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव निकला था. शुरुआत में तेजी से मामलों की संख्या बढ़ने की वजह से केरल भारत के राज्यों में पहले नंबर पर था. लेकिन अब केरल ने अपने यहां कोरोना की बढ़ती संख्या पर काबू पा लिया है. जो केरल कुछ दिनों पहले तक पहले नंबर पर था अब वो लिस्ट में काफी नीचे उतर आया है. दरअसल, कोरोना को लेकर केरल सरकार की तारीफ विदेशी मिडिया में भी हो रही है.
अपनाए कई आक्रामक उपाय
वाशिंगटन पोस्ट में प्रकाशित एक रिपोर्ट में कोरोना को काबू में करने के लिए केरल सरकार के प्रयासों की तारीफ की गई है. इस लेख में कहा गया है कि आक्रामक टेस्टिंग, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग, पका हुआ भोजन लोगों तक पहुंचा कर कोरोना को रोकने में राज्य सरकार ने बड़े प्रयास किए हैं. दरअसल कोरोना के मामले सामने आने कुछ ही दिनों बाद से केरल ने कोरोना के संभावित संक्रमितों तक पहुंचने की पूरी योजना बनाई.
30 हजार हेल्थ वर्कर्स को लगाया
बड़ी संख्या में हेल्थ वर्कर्स ने क्वारंटाइन में रखे गए लोगों का रोजाना जाकर हाल-चाल लिया. उन पर सघन निगाह रखी. इस काम में राज्य की करीब 30 हजार नर्सों को लगाया गया. प्रत्येक नर्स एक हफ्ते में करीब 200 ऐसे लोगों के घर पहुंचती थी जिन्हें अपने घर में क्वारंटाइन किया गया था. स्थिति अब ये है कि अप्रैल के शुरुआती सप्ताह में नए मामलों की संख्या में 30 प्रतिशत कि गिरावट आ चुकी है. राज्य में अभी तक मात्र 2 कोरोना मरीजों की मौत हुई है. यहीं नहीं राज्य में इस बीमारी से ठीक होने वालों का आंकड़ा भी 34 प्रतिशत के साथ बेहतरीन है.
कठोर कदमों के साथ मानवता भी दिखाई
वायरोलॉजिस्ट और संक्रामक बीमारियों के एक्सपर्ट शाहिद जमील का कहना है कि केरल ने कठोर कदम भी उठाए और मानवीयता का भी खयाल रखा. ‘आक्रामक टेस्टिंग, आइसोलेशन, तलाशना और इलाज करना’ केरल की सफलता की चार प्रमुख वजहें हैं.जमील एक रिसर्च फाउंडेशन के हेड हैं.
केरल पर था सबसे ज्यादा खतरा
गौरतलब है कि कोरोना के बुरी तरह फैल जाने का खतरा केरल पर काफी ज्यादा था. क्योंकि इस राज्य में शायद भारत के सबसे ज्यादा सैलानी हर वर्ष आते हैं. करीब 10 लाख सैलानी हर साल इस राज्य में आते हैं. राज्य की आबादी करीब सवा तीन करोड़ है. ऐसे में अगर राज्य की सरकार सचेत न होती तो खतरा बहुत ज्यादा था. कोरोना का संक्रमण बुरी तरह से फैल सकता था.
2 लोगों के लिए 900 को किया क्वारंटाइन
बड़ी संख्या में राज्य के युवा चीन में पढ़ाई करते हैं. इसी के मद्दनेजर सरकार ने विदेश से आने वाले लोगों की सख्त स्क्रीनिंग की. लेकिन इतनी सख्त स्क्रीनिंग के बावजूद चूक हुई. फरवरी के आखिरी सप्ताह में इटली से आए एक कपल ने स्वास्थ्य अधिकारियों को रिपोर्ट नहीं की. फिर जब तक उन्हें तलाशा जा पाता वो कई सार्वजनिक कार्यक्रमों में शरीक हो चुके थे. इस कपल की वजह से सरकार करीब 900 लोगों को आइसोलेट किया था.
सामुदायिक किचेन भर रहे लोगो का पेट
केरल के मुख्यमंत्री ने खुद ट्वीट कर जानकारी दी है कि राज्य में कोरोना के लिए विशेष तौर पर अस्पताल बनाए गए हैं. पूरे राज्य में लोगों तक पका हुआ भोजन पहुंचाने के लिए 1251 सामुदायिक किचेन चल रही हैं. इन्हीं किचेन की बदौलत केरल में लाखों लोग डेली खाना खाते हैं. दिलचस्प है कि जब राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या महज 25 ही थी तभी केरल सरकार ने राज्य को संकट से उबारने के लिए 20 हजार करोड़ रुपये के विशेष वित्तीय पैकेज की घोषणा कर दी थी.