इकोनॉमी को फिर से पटरी पर लाने के लिए इन उपायों के साथ बढ़ाया जा सकता है लॉकडाउन

कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के कारण ठप पड़े देश को फिर से पटरी पर लाने के उद्देश्य से सरकार कुछ छूट के साथ देशव्यापी लॉकडाउन को बढ़ा सकती है.

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नई दिल्ली. कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के मामले बढ़ने के साथ ही देश में जारी लॉकडाउन को अगले दो हफ्ते के लिए बढ़ाया जाना तय माना जा रहा है. देश में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को मुख्यमंत्रियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की. कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन को बढ़ाने की सलाह दी. लॉकडाउन के हालात में इकोनॉमी पर दबाव काफी बढ़ गया है. ऐसा माना जा रहा है कि इकोनॉमी को रिस्टार्ट करने के लिए सरकार कुछ छूट के साथ देशव्यापी लॉकडाउन को बढ़ा सकती है. मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फेंसिंग में पीएम मोदी ने कहा, अब भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए, समृद्ध और स्वस्थ भारत के लिए जान भी जहान भी, दोनों पहलुओं पर ध्यान आवश्यक है.

धीरे-धीरे खोला जाए लॉकडाउन
देश में लॉकडाउन बढ़ाने को लेकर उद्योग संगठनों ने सरकार को अपने सुझाव दिए हैं. इंडस्ट्री चेंबर्स का सुझाव है कि लॉकडाउन को देश में धीरे-धीरे खोला जाए. पहले कोरोना फ्री जिलों में लॉकडाउन हटाने की शुरुआत हो. मजदूरों को 15 अप्रैल से काम पर बुलाना जरूरी है. मजदूरों को काम पर आने के लिए प्रेरित किया जाए. शुरू में 22 से 39 साल के स्वस्थ लोग काम करें. बुजुर्ग-बीमारों को स्वस्थ कर्मचारियों से दूर रखा जाए. फिक्की ने आगे कहा है कि कंपनियों में कर्मचारियों की स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाई जानी चाहिए.

  • अपनाए जा सकते हैं ये उपाय
  • सरकार इकोनॉमिक गतिविधियों को शुरू करने के लिए कोविड-19 को तीन जोन में बांटेगी. कोरोना से प्रभावित इलोकों को रेड, औरेंज और ग्नीन जोन में बांटा जाएगा. जहां एक भी केस नहीं होगा उसे ग्रीन जोन में रख सकते हैं, वहीं जहां पर ज्यादा केस आए हैं उसे रेड और कम खतरे वाले जिलों को ऑरेंज जोन में रख सकते हैं.
  • रेड जोन में पूर्ण लॉकडाउन रहेगा तो ग्रीन जोन में कुछ ढील दी जा सकती है. बाहर से आने वालों पर रोक लगाते हुए वहां स्थानीय रोजगार की गतिविधियां पहले की तरह संचालित करने की छूट दी सकती है. ग्रीन जोन वाले जिलों के सरकारी दफ्तरों में पहले की तरह काम शुरू करने की व्यवस्था हो सकती है.
  • इंडस्ट्रियल टाउनशिप में आने और जाने पर कड़ाई हो सकती है. कर्मचारियों के ट्रांसपोर्टेशन के लिए कंपनी द्वारा व्यस्था की जा सकती है.
  • मार्केट में कुछ कर्मचारियों के लिए अलग-अलग टाइमटेबल हो सकते हैं. मंडी में लोगों की संख्या निर्धारित की जा सकती है.
  • इसके अलावा, सरकार कंपनियों को अपने कैंपस में रहने के लिए अनुमति दे सकती है.
  • राज्य सरकारों को किसानों से सीधे फसल खरीदने के लिए गांव जाने की अनुमति दी गई है.
  • राज्य सरकारें सीमित ट्रांसपोर्ट चलाने पर विचार कर सकती है. जिलों या शहरों में ट्रांसपोर्ट का परिचालन हो सकता है. लेकिन फिलहाल इंटरस्टेट ट्रांफपोर्ट की अनुमति नहीं होगी.
  • पब्लिक सर्विसेज को ई-टोकन्स और अप्वाइंटमेंट्स के आधार पर शुरू करने का सुझाव दिया गया है.
  • वहीं, सप्लाई चेन मूवमेंट के लिए कई और कदम उठाए जा सकते हैं.

सोमवार से अपने कार्यालयों में आकर करेंगे काम केंद्रीय मंत्री 
कोरोना वायरस महामारी के कारण लागू लॉकडाउन के मद्देनजर ठप पड़े देश को फिर से पटरी पर लाने के उद्देश्य से सरकार ने फैसला किया है कि सभी केंद्रीय मंत्री सोमवार से अपने कार्यालयों में आकर काम करेंगे और उनके साथ-साथ मंत्रालयों और विभागों के उच्च अधिकारी भी कार्यालयों में आएंगे.

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