बांग्लादेश: शेख मुजीबुर्रहमान के हत्यारे अब्दुल मजीद को दी गई फांसी, 25 साल से भारत में छुपा था
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अब्दुल मजीद को शनिवार रात स्थानीय समयानुसार 12 बजकर एक मिनट पर केरानीगंज में ढाका सेंट्रल जेल में फांसी पर लटकाया गया.
ढाका. बांग्लादेश (Bangladesh) में 1975 के तख्तापलट में शामिल होने के मामले में सेना के एक पूर्व कैप्टन अब्दुल मजीद को फांसी दे दी गई. बताया जाता है कि इसी तख्तापलट के दौरान बांग्लादेश के संस्थापक बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की हत्या कर दी गई थी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अब्दुल मजीद को शनिवार रात स्थानीय समयानुसार 12 बजकर एक मिनट पर केरानीगंज में ढाका सेंट्रल जेल में फांसी पर लटकाया गया.
जेलर महबूब उल इस्लाम ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की हत्या में शामिल अब्दुल मजीद को फांसी पर लटका दिया गया है. बताया जाता है कि पिछले 25 सालों तक भारत में छुपे रहने के बाद उसे मंगलवार को ही ढाका से गिरफ्तार किया गया था. शुक्रवार को मजीद की पत्नी और चार अन्य रिश्तेदारों को उससे दो घंटे के लिए मिलने की इजाजत दी गई थी. इससे पहले बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हामिद ने मंगलवार को उसकी दया याचिका खारिज कर दी थी. दया याचिका खारिज होने के बाद इस बात के कयास लगाए जाने लगे थे कि अब्दुल मजीद को जल्द ही फांसी हो सकती है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश में पकड़ें जाने के बाद जब पुलिस ने उससे पूछताछ की तो उसने बताया कि वह पिछले 25 सालों से भारत के कोलकाता में छुपकर रह रहा था. अब्दुल की गिरफ्तारी पर खुद गृहमंत्री ने इसकी जानकारी देते हुए कहा था कि पूर्व मिलिटरी कैप्टन अब्दुल माजिद को पकड़ लिया गया है और यह बांग्लादेश के लोगों के लिए एक बेहतरीन तोहफा है क्योंकि इसी साल रहमान की जन्म शताब्दी भी है.
माजिद ने अपना जुर्म कबूल कर लिया था
पुलिस पूछताछ में अब्दुल माजिद ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया था कि उसने ही बंगबंधु रहमान की हत्या की थी. माजिद, रहमान की हत्या में शामिल उन दर्जनों लोगों में शामिल था, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने साल 2009 में फांसी की सजा सुनाई थी. इससे पहले साल 1998 में निचली अदालत ने कुछ सैन्य अधिकारियों को भी फांसी की सजा सुनाई थी. इन सभी पर आरोप था कि इन लोगों ने मिलकर बांग्लादेश के संस्थापक बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान और उनके परिवार के सदस्यों की हत्या करवाई थी.
हादसे में बच गईं थी पीएम शेख हसीना
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, रहमान की बेटी हैं. जिस समय बांग्लादेश में बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की हत्या की साजिश रची गई उस वक्त शेख हसीना अपनी बहन के साथ जर्मनी गई थीं. इस घटना में रहमान के परिवार में सिर्फ दो ही बहनें बच पाई थीं, जिसमें से शेख हसीना एक थीं.