नफरत फैलाने वालों पर भड़की SP अनुषा, कहा- दंगों में मुस्लिम डॉक्टर ने ही मेरी जान बचाई

धारवाड़ की एसीपी अनुषा ने कहा, 'सोशल मीडिया (Social Media) पर भारत की एकता को तोड़ने की कोशिश की जा रही है. जबकि हिंदू-मुस्लिम सब एक हैं और आज में जिंदा भी एक मुसलमान की वजह से ही हूं.

धरवाड़. भारत इस समय कोरोना वायरस (CoronaVirus) के संकट से जूझ रहा है. देश में कोरोना वायरस के अब तक 7,529 सामने आ चुके हैं, जबकि 242 लोगों की मौत हो चुकी है. इस महामारी के बीच सोशल मीडिया (Social Media) पर इन दिनों हिंदू-मुस्लिम को लेकर नफरत फैलाई जा रही है. दिल्ली के निजामुद्दीन में तबदीली जमात के कुछ सदस्यों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद एक विशेष समुदाय पर सवाल उठाए जा रहे हैं. इस नफरत को देख एक महिला अफसर भड़क गई. उनका सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें वो कह रही हैं कि भारत की एकता को तोड़ने की कोशिश की जा रही है. जबकि हिंदू-मुस्लिम सब एक हैं और आज में जिंदा भी एक मुसलमान की वजह से ही हूं.

REPORTLOOK की रिपोर्ट के मुताबिक, कर्नाटक के धारवाड़ की एसीपी अनुषा कोरोना संकट के बीच सोशल मीडिया पर चलाए जा रहे सांप्रदायिक वीडियोज और कंटेट को देख काफी आहत हैं. वह कोरोना के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने के लिए अपने कार्यक्षेत्र में मुस्लिम समुदाय के नेताओं को संबोधित कर रही थीं. उन्होंने कहा कि फेसबुक, व्हाट्सएप, टिक टॉक के जरिए भारत की एकता को तोड़ने की कोशिश की जा रही है. 2014 की बैच अधिकारी ने कोरोना के बीच नफरती माहौल बनाए जाने पर अपने विचार भी साझा किए.

2002 के गुजरात दंगे को किया याद
उन्होंने बताया कि 2002 के गुजरात दंगों के दौरान एक मुस्लिम डॉक्टर ने उनकी जान बचाई थी. एसीपी अनुषा ने बताया, ‘गोधरा घटना के बाद पूरे राज्य में सांप्रदायिक हिंसा फैल गई थी. हालात इतने खराब हो गए थे कोई घरों नहीं निकल पा रहे थे. उसी दौरान एक बच्ची अचानक बीमार हो गई थी. उसकी हालत गंभीर थी, लेकिन राज्य में सभी अस्पातल बंद थे. डॉक्टरों ने भी हाथ खड़े कर दिए थे. तभी एक मुस्लिम डॉक्टर आगे आए और उस बच्ची का इलाज किया, जिससे उसकी जान बच सकी. वो बच्ची कोई और नहीं मैं हूं.’

इस मुस्लिम डॉक्टर ने बचाई थी एसीपी की जान
एसीपी ने बताया कि उस डॉक्टर का नाम सईद सादिक था. उन्होंने कहा, ‘भले मुझे जन्म मेरी मां ने दिया, लेकिन जीवन एक मुस्लिम डॉक्टर ने दिया. आज वो इस दुनिया में नहीं हैं, भगवान उनकी आत्मा को शांति दे.’ उन्होंने कहा कि कुछ लोग जो नफरत फैलाते हैं और धर्म के नाम पर बांटने की कोशिश करते हैं. लेकिन वह धरवाड़ में ऐसा नहीं होनें देंगी.

एसीपी की हो रही जमकर तारीफ
एसीपी अनुषा ने कहा कि फेसबुक, व्हाट्सएप, टिक टॉक पर कोरोना वायरस से जोड़कर एक समुदाय के खिलाफ नफरत फैलानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगी. उन्होंने लोगों को संबोंधित करते हुए कहा कि देश की एकता को टूटने नहीं देना है बल्कि मिलकर नफरती ताकतों से लड़ेंगें. एसीपी का यह वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद अधिकारी और लोग उनकी जमकर तारीफ कर रहे हैं.

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