- बैसाखी और खालसा पंथ दिवस पर नहीं होगा कोई धार्मिक समागम
- ब्वायलर इकाइयों की स्वीकृति की समय सीमा 30 जून तक बढ़ी
चंडीगढ़। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कर्फ्यू/लॉकडाउन के समय के दौरान औद्योगिक कामगारों को वेतन या एकमुश्त वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए ईएसआइसी, मनरेगा के अधीन फंडों के साथ-साथ केंद्र की तरफ से जारी किए ऐसे अन्य फंड इस्तेमाल करने का सुझाव दिया। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में श्रम और रोजग़ार (स्वतंत्र प्रभार) संबंधी केंद्रीय राज्य मंत्री संतोष गंगवार को पत्र लिखा है।
कैप्टन ने कहा कि वह केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से 29 मार्च को जारी निर्देशों की सराहना करते हैं। जिसमें यह कहा गया है कि काम देने वाले सभी मालिक चाहे वह उद्योग के मालिक हों या दुकानों और व्यापारिक अदारों के, उनको बिना किसी कटौती के निर्धारित तारीख़ को अपने मज़दूरों/कामगारों को वेतन देना चाहिए। हालांकि पंजाब का औद्योगिक सेेक्टर जिसमें बड़े स्तर पर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमईज़) शामिल हैं, के लिए इन निर्देशों को लागू करना असंभव हुआ पड़ा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र पहले ही बहुत दबाव और स्रोतों की कमी के दौर में से गुजऱ रहा है। इस स्थिति में ऐसा कोई फ़ैसला न सिर्फ मुश्किलों को और बढ़ा देगा बल्कि कई औद्योगिक इकाईयों को बंद करने का कारण भी बन सकता है जो कि इस लॉकडाउन का वास्तविक मनोरथ नहीं है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार कामगारों संबंधी आंकड़ों पर आधारित कोई भी जानकारी के संबंध में पूरा सहयोग देगी जो मंत्रालय को ज़रुरी होंगे और कामगारों को मुआवज़ा देने पर मदद करने के लिए कुछ अलग रास्ता अपनाएगी।
ब्वायलर इकाइयों की स्वीकृति की समय सीमा 30 जून तक बढ़ी
ब्वायलर प्रयोक्ताओं को राहत देने के लिए पंजाब सरकार ने ब्वायलर को चलाने, रिपेयर करने, उत्पादन करने के लिए स्वीकृति की समय सीमा बढ़ाने का फैसला किया है। इसके अंतर्गत जिन ब्वायलर इकाइयों की समय सीमा 15 मार्च 2020 तक या इसके बाद तक थी, को 30 जून, 2020 तक बढ़ा दिया गया है। उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा ने बताया कि जिन स्वीकृतियों के लिए आवेदन पत्र ऑनलाइन जमा करवाए गए हैं और जहां लॉकडाउन / कफ्र्यू के कारण ब्वायलर की जांच नहीं की जा सकती, की समय सीमा भी 30 जून, 2020 तक बढ़ा दी गई है।
बैसाखी और खालसा पंथ दिवस पर नहीं होगा कोई धार्मिक समागम
पंजाब में इस बार 14 अप्रैल को बैसाखी और खालसा पंथ दिवस के अवसर पर कोई धार्मिक या सामाजिक आयोजन नहीं किया जाएगा। पंजाब के गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि सभी जिला आयुक्तों और पुलिस प्रमुखों को जारी किए गए आदेशों में कहा है कि राज्य में किसी प्रकार के धार्मिक समागम को मंजूरी न दी जाए। हालांकि बैसाखी पर तलवंडी साबो में होने वाले राजनीतिक/धार्मिक सम्मेलनों को पहले ही रद किया जा चुका है। नौ अप्रैल को जारी किए गए आदेशों में गृह मंत्रालय ने भी कहा है कि आठ व नौ अप्रैल को आने वाले शब-ए-बरात, 10 अप्रैल को गुड फ्राइडे, 12 अप्रैल को संडे ईस्टर और 14 अप्रैल को बैसाखी और खालसा पंथ दिवस के अवसरों पर धार्मिक समागम के आयोजन से बचा जाए।