भोपाल. देश के लगभग सभी बड़े स्कूलों में नया सेशन शुरू हो गया है। लेकिन इस बार सेशन की शुरूआत ऑनलाइन हुई है। कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण 10 मार्च से ही अलग-अलग राज्यों में स्कूलों को बंद किया जाने लगा था। फिलहाल 14 अप्रैल तक देशभर के स्कूल बंद रहेंगे। संभावना जताई गई है कि इस बार स्कूल समर वेकेशन के बाद ही खुलेंगे। जिन क्लासेस की एग्जाम नहीं हो पाई थी उन्हें टाल दिया गया है और ज्यादातर स्कूलों ने बच्चों को अगली क्लास में प्रमोट कर दिया है।
वही भारत सरकार ने कोरोना वायरस के कारण देश में चल रहे लॉक डाउन को देखते हुए, सभी स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय बंद कर दिए गए हैं। शैक्षिक संस्थान के बंद हो जाने की वजह से सभी विद्यार्थियों के लिए अपनी पढ़ाई को लेकर असमंजस बना हुआ है। ऐसी स्थिति को देखते हुए, मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी), ने विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन कोर्सेज शुरू किया है। विद्यार्थी अपने लैपटॉप, मोबाइल पर आवश्यकतानुसार इस कोर्स का लाभ उठा सकते हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस ऑनलाइन पाठ्यक्रम के साथ एमएचआरडी द्वारा कुछ पाठ्यक्रमों को निःशुल्क भी कराया जाएगा। जो विद्यार्थी पढ़ाई को जारी रखना चाहते हैं, वे आल इंडिया काउन्सिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) अथवा अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् की वेबसाइट neat.aicte-india.org/course के माध्मय से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। विद्यार्थियों को कोर्स से सम्बंधित जानकारी के लिए एआईसीटीई की वेबसाइट neat.aicte-india.org/course पर लॉग इन करना होगा। एमएचआरडी द्वारा neat.aicte-india.org/course पर अपलोड इन ऑनलाइन कोर्स में अंग्रेजी को बेहतर करने के लिए स्टेप ट्रेन कोर्स है, जिसके माध्यम से विद्यार्थी अंग्रेजी के शब्दों के उच्चारण को सीख सकते हैं। वहीं इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए लर्न इंग कोर्स भी उपलब्ध हैंं।
केंद्रीय मानव संसाधन और विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने “भारत पढ़े ऑनलाइन” अभियान की शुरुआत की है. इस अभियान को एक हफ्ते के लिए शुरू किया गया है. अभियान को ऑनलाइन पढ़ाई में कैसे सुधार किया जा सकता है के उद्धेश्य से शुरू किया है. इस अभियान के जरिए वह ऑनलाइन पढ़ाई में सुधार पर लोगों के सुझाव लेंगे. शिक्षा मंत्री ने अभियान की शुरुआत करते हुए कहा कि, इसके जरिए भारत के सभी लोगों से शिक्षा मंत्रालय ने सुधार लाने के लिए सुझाव मांगे हैं.
रमेश पोखरियाल ने अपने ट्विटर पर ट्वीट करते हुए लिखा, ”मेरा आप सभी से निवेदन है कि आप सब मंत्रालय को ऑनलाइन शिक्षा पद्धति को और अधिक प्रभावशाली और रचनात्मक बनाने हेतु अपने सुझाव दें. आप सभी अपने सुझाव #BharatPadheonline का उपयोग करते हुए मेरे और एचआरडी मिनिस्ट्री के ट्विटर अकाउंट पर भेज सकते हैं”.
मेरा आप सभी से निवेदन है कि आप सब मंत्रालय को ऑनलाइन शिक्षा पद्धति को और अधिक प्रभावशाली और रचनात्मक बनाने हेतु अपने सुझाव दें। आप सभी अपने सुझाव #BharatPadheonline का उपयोग करते हुए मेरे @DrRPNishank व मंत्रालय के @HRDMinistry टि्वटर अकाउंट में भेज सकतें हैं। #IndiaFightsCorona pic.twitter.com/BkSQMjb82e
— Dr Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) April 10, 2020
आप 16 अप्रैल 2020 तक इस अभियान के तहत अपने सुझाव भेज सकते हैं. ट्विटर पर सुझाव भेजते समय, मानव संसाधन मंत्रालय के आधिकारिक ट्विटर हैंडल और मंत्री के आधिकारिक ट्विटर हैंडल को टैग करना ना भूलें. वहीं, छात्र ‘bharatpadheonline.mhrd@gmail.com’ पर ईमेल के माध्यम से अपने सुझाव भेज सकते हैं.
इसी तरह लॉकडाउन बीच स्कूलों ने बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए अपने-अपने स्तर पर तैयारियां की हैं। स्कूल मोबाइल एप, वेबसाइट से लेकर वाट्सएप ग्रुप के जरिए बच्चों को पढ़ा रहे हैं। कई स्कूलों ने यू-ट्यूब पर अपने-अपने चैनल्स बना लिए हैं और इनमें अलग-अलग विषयों के टीचर्स चैप्टर वाइज लेक्चर के वीडियो अपलोड कर रहे हैं। लॉकडाउन के बीच बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए स्कूलों ने अपने स्तर पर क्या-क्या तैयारियां की हैं, इसे जानने के लिए दैनिक भास्कर ने 10 शहरों के 10 स्कूलों के प्रिंसिपल, टीचर्स और बच्चों से बात की। पढ़िए ये रिपोर्ट..
जालंधर के पुलिस डीएवी पब्लिक स्कूल में सुबह 8 बजे से क्लासेस लगती हैं। हर विषय के लिए 30-30 मिनट की क्लास होती है, बीच-बीच में 15 मिनट का ब्रेक भी देते हैं। 90% बच्चे इन ऑनलाइन क्लासेस में शामिल होते हैं। यहां जूम ऐप के जरिए पढ़ाई हो रही है। ठीक 8 बजे बच्चे एप खोलते हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में टीचर सामने होते हैं। शिक्षक जो पढ़ाते हैं, बच्चे उसे नोट भी करते जाते हैं।
शहर के एक दूसरे स्कूल इनोसेंट हार्ट पब्लिक स्कूल में हर दिन एक विषय की पढ़ाई होती है। सुबह 9 बजे बच्चों को वाट्एसप ग्रुप पर स्टडी मटेरियल भेज दिया जाता है। इसके बाद दोपहर 1 से 2 बजे के बीच बच्चे अपने डाउट्स क्लियर करते हैं। वहीं प्राइमरी के बच्चों को ड्राइंग कलरिंग जैसी एक्टिविटी बेस लर्निंग ऑनलाइन करवाई जा रही है।
अमृसर में शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को घर बैठे पढ़ाने के लिए व्हाट्सएप का सहारा लिया है। अमृतसर जिले के सभी बच्चों के अभिभावकों का भी एक व्हाट्सएप ग्रुप तैयार करने पर काम शुरू हो चुका है। इसके जरिए सिलेबस बच्चों के साथ-साथ अभिभावकों तक भी पहुंचता रहेगा। जिन बच्चों और उनके अभिभावकों के पास स्मार्ट फोन नहीं हैं, वहां ऑनलाइन क्लासेस का यह सिस्टम काम नहीं कर पा रहा है।
लखनऊ के सिटी मोंटेसरी स्कूल के 18 कैंपस में 56 हजार से ज्यादा बच्चे पढ़ते हैं। यहां करीब साढ़े 4 हजार टीचर भी हैं। इन्होंने गूगल क्लास रूम से टाईअप किया गया है। हर एक छात्र और शिक्षक को ईमेल आईडी दी गई है, इसी से गूगल क्लासरूम पर लॉगिन होता है। प्रिंसिपल भी अपने टीचरों से हर दिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीटिंग करके लेसन प्लान करते हैं और बच्चों की पढ़ाई का फीडबैक लिया जाता है। स्कूलों को बंद हुए लगभग 10 दिन हो गए हैं लेकिन करीब 35 हजार से ज्यादा बच्चों की पढ़ाई नए सिस्टम के साथ बिना रुकावट जारी है। यही नहीं पीटी, योगा और अन्य सभी तरह की फिल्जिकल एक्टिविटी की क्लास वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हो रही है।
पुणे के वालनेट स्कूल में ऑनलाइन क्लासेस का सिस्टम बहुत पहले से चल रहा है। स्कूल का अपना लर्निंग ऐप ‘वाल्मीकि’ है, इसमें सिलेबस, स्टडी मटेरियल के साथ-साथ टेस्ट, रिवीजन का सेक्शन भी है। पढ़ाई को मजेदार बनाने के लिए डांस वीडियो भी एप में डाले जा रहे हैं।
चंडीगढ़ के कुछ बड़े स्कूलों ने अपनी बोर्ड क्लासेज के स्टूडेंट्स के लिए ऑनलाइन क्लासेस शुरू कर दी हैं। कुछ ही दिनों में ये बाकी क्लासेस के स्टूडेंट्स की भी ऑनलाइन क्लासेस शुरू हो जाएंगी। बोर्ड क्लासेस के स्टूडेंट्स को पावरपाॅइंट प्रजेंटेशन और क्योश्चन बैंक बनाकर भेजे जा रहे हैं। सेक्रेड हार्ट स्कूल में भी अभी बोर्ड क्लासेस के स्टूडेंट्स को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पढ़ाया जा रहा है।
इंदौर के दिल्ली पब्लिक स्कूल में स्कूल रूम एप के जरिए पढ़ाई हो रही है। स्कूल के टीचर बताते हैं कि बच्चे अब तक डिजिटल चीजाें का उपयोग सिर्फ वीडियो या गेमिंग में ही करते आए हैं। ऐसे में पहली बार इस सिस्टम पर पढ़ाई करना उनके लिए काफी यूनिक है। वे काफी उत्साहित हैं।
शहर के चोइथराम इंटरनेशनल स्कूल में ई-लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम के तहत ऑनलाइन मॉड्यूल असाइनमेंट्स और वीडियो लेक्चर के जरिए पढ़ाई हो रही है। स्कूल के एपल कंपनी के साथ मिलकर वर्चअल क्सालरूम पहले से तैयार थे। इस समय इनका सही उपयोग हो पा रहा है। स्कूल के छात्र अमृतास और हर्षना सिंह बताते हैं कि ये आमने-सामने बैठकर पढ़ने जैसा ही है। इन क्लासेस में सबसे अच्छी बात यह है कि हमें ड्रेस पहन कर तैयार नहीं होना पड़ता और आने-जाने के दो-तीन घंटे भी बच रहे हैं।
जोधपुर के बाेधि इंटरनेशनल स्कूल में 9वी से 12वीं तक की ऑनलाइन वर्चुअल क्लासेज 23 मार्च से ही शुरू हो गईं थीं। हाल ही में यहां नर्सरी से 5वीं तक की पढ़ाई भी ऑनलाइन शुरू हो गई है। इसमें छोटे बच्चों के लिए स्टोरी टेलिंग सेशन हैं और बड़े बच्चों को लाइब्रेरी से बुक्स दी गई हैं। और टारगेट भी हैं कि 7 दिन में कितना पढ़ना है।
जयपुर के एमपीएस इंटरनेशनल स्कूल में सब्जेक्ट टीचर हर दिन एक चैप्टर का वीडियो रिकार्ड कर इसे स्कूल के यू-ट्यूब चैनल पर अपलोड कर देते हैं। इस यू-ट्यूब लिंक को क्लास वाइज स्टूडेंट्स के बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप पर पोस्ट कर दिया जाता है।
पटना के पाटलिपुत्र सहोदय स्कूल कॉम्प्लेक्स के 260 स्कूलों को ई-कंटेंट तैयार करने के निर्देश मिले हैं। ई-कंटेंट के लिए सब्जेक्ट टीचर्स को 20 से 40 मिनट के वीडियो लेक्चर बनाने के लिए कहा गया है। ये स्कूल ई-पाठशाला, दीक्षा, स्वयंप्रभा जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए सिलेबस बच्चों तक पहुंचा रहे हैं। इसके साथ ही टाटा क्लासेज, टीच नेक्सट, एक्स्ट्रा मार्क्स जैसी संस्थाओं ने भी फ्री में एजुकेशन एप छात्रों को उपलब्ध कराए हैं।