बठिंडा. बठिंडा में बेशक अभी तक कोई भी कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज नहीं मिला है लेकिन बठिंडा के कैंसर डायग्नोसिस्ट सेंटर में दाखिल एक संदिग्ध मरीज की मौत हो गई। हालांकि एक दिन पहले उसे खांसी, जुखाम, गले में इफेक्शन व बुखार की शिकायत के बाद उसे सिविल अस्पताल में लाया गया था। हालत गंभीर होने के चलते उसे कैंसर डायग्नोसिस्ट सेंटर मानसा रोड में स्थित इश्लोशन वार्ड में दाखिल करवाया गया था। फिलहाल जिला सेहत विभाग ने मृतक व्यक्ति के सैंपल जांच के लिए पटियाला स्थित सरकारी लैब में भेजा गया है जहां रिपोर्ट आने के बाद मामले में अगलरी कारर्वाई की जाएगी।
जानकारी अनुसार कोठे सुच्चा सिंह नगर बठिंडा में रहने वाले 66 साल के एक बुजुर्ग की गत दिवस हालत खराब होने पर सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया गया था। बठिंडा के गुरु नानक थर्मल प्लाट से सेवानिर्वित कर्मी को सांस की दिक्कत हुई व पहले वह शुगर की बीमारी से ग्रस्त था। सिविल अस्पताल प्रबंधन ने उसकी हालत गंभीर होने की स्थिति में उसे आज फरीदकोट स्थित मेडिकल कालेज में रैफर करने की योजना बनाई थी व इस बाबत फरीदकोट मेडिकल कालेज से बात कर अनुमति भी हासिल कर ली गई थी लेकिन एकाएक वीरवार की साय उसकी हालत बिगड़ने लगी व देर सांय उसकी मौत हो गई।
सिविल सर्जन डा. अमरिक सिंह ने कहा कि बेशक उक्त मरीज संदिग्ध था व कोरोना वायरस संबंधी उसकी जांच के लिए सैंपल पटियाला भेजे गए है। सैंपल रिपोर्ट आने के बाद ही खुलासा हो सकेगा कि उसकी मौत कोरोना वायरस से हुई है या फिर कोई दूसरा कारण था। फिलहाल संदिग्ध कोराना मरीज होने के चलते प्रशासन मामले में पूरी सावधानी बरत रहा है व उसके अंतिम संस्कार को लेकर भी सरकार की तरफ से जारी हिदायतों का पालन किया जाएगा। इसमें शव को एंटी वायरस कीट में रखा गया है वही परिजनों को भी प्रशासकीय हिदायतों की पालना कर उसका संस्कार करने के लिए कहा गया है। सुच्चा सिंह नगर में रहने वाले इस व्यक्ति के आरंभिक लक्षण को देखते उसे फरीदकोट मेडिकल कालेज भेजने की तैयारी की जा रही थी। रुटीन में रिपोर्ट आने में एक दिन का समय लगता है लेकिन सिविल अस्पताल प्रबंधक रिपोर्ट जल्द लजारी करने के लिए कह रहा है। इस रिपोर्ट के बाद ही प्रशासन कोरोना वायरस होने या न होने के स्थिति में काम करेगा। अगर कोरोना वायरस की पुष्टी होती है तो उसके परिजनों के साथ संपर्क में आए सभी लोगों की चेन को पता कर जांच के लिए बुलाया जाएगा वही तय 14 दिन के निगरानी समय में रखा जाता है।